Bihar Land Registry : बिहार में नए जमीन रजिस्ट्री नियम , एफिडेविट की अनिवार्यता से खरीद-बिक्री को मिलेगी सहायता |

Bihar Land Registry : रजिस्ट्री कराने से पहले एक एफिडेविट भरना अनिवार्य हो गया है। यह नया नियम कल से लागू हो रहा है और पुराने नियमों को बदलकर इसे प्राथमिकता दी गई है।

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Bihar Land Registry : बिहार सरकार ने जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर नई गाइडलाइनें जारी की हैं। इन नियमों के अनुसार, अब जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले एक एफिडेविट भरना अनिवार्य हो गया है। यह नया नियम कल से लागू हो रहा है और पुराने नियमों को बदलकर इसे प्राथमिकता दी गई है।

Bihar Land Registry : इस एफिडेविट में खरीदार या बिक्रेता को अपनी सच्चाई, पूरी जानकारी, और सभी जमीन संबंधित दस्तावेजों का विवरण देना होगा। यह स्टेप सरकारी रजिस्ट्री प्रक्रिया को और सुगम बनाने का प्रयास है ताकि जमीन की खरीद-बिक्री में जालातंत्रिकता को रोका जा सके।

इस नए नियम का पालन करना जमीन संबंधित विवादों को भी कम करेगा और सही जानकारी के आधार पर ही रजिस्ट्री होगी। इससे खरीदारों और बिक्रेताओं को सुरक्षित महसूस होगा और सिस्टम में भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिलेगी।

Bihar Land Registry : बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के लिए नए नियमों की घोषणा की है। अब जब कोई विक्रेता जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए दस्तावेज पेश करता है, तो उसे विभाग द्वारा जारी 18 बिंदु घोषणा में से हर एक बिंदु के निचे हस्ताक्षर करना होगा। इसमें विक्रेता को यह भी दर्ज करना होगा कि उसने जो दस्तावेज पेश किए हैं, वह सही और पूरे हैं।

इस नए नियम का अनुपालन करने के लिए विक्रेता को हाँ या ना में जवाब देना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जमीन की रजिस्ट्री सही तरीके से हो, और खरीद-बिक्री में गलतीयाँ न हो, इस नए नियम को लागू किया गया है। यह प्रक्रिया जमीन के संबंध में स्पष्टता लाने में मदद करेगी और जमीन की रजिस्ट्री की सही प्रक्रिया को बढ़ावा देगी।

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Bihar Land Registry : जमीन निबंधन (रजिस्ट्री) के नए नियमों के प्रभाव से राजस्व में काफी गिरावट आई है। इसके साथ ही, जमीन रजिस्ट्री में आने वाली कई दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने नई गाइडलाइनें जारी की हैं। अब जब कोई विक्रेता जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए दस्तावेज पेश करता है, तो उसे विभाग द्वारा जारी 18 बिंदु घोषणा में से हर एक बिंदु के निचे हस्ताक्षर करना होगा। इसमें विक्रेता को यह भी दर्ज करना होगा कि उसने जो दस्तावेज पेश किए हैं, वह सही और पूरे हैं।

इस नए नियम का अनुपालन करने के लिए विक्रेता को हाँ या ना में जवाब देना होगा। इससे न केवल जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि इससे खरीद-बिक्री में भ्रष्टाचार और गलतियों को रोकने में भी सहायक होगा।

Bihar Land Registry :नई जमाबंदी नियमावली के प्रभाव से जमीन की रजिस्ट्री पर बुरा असर पड़ा है। इसे देखते हुए विभाग ने इस व्यवस्था को लागू किया है। यह नए नियम जमीन संबंधित प्रक्रियाओं को और अधिक नियंत्रित करने का प्रयास है। इससे जमीन की खरीद-बिक्री में गलतियों को कम करने और सही दस्तावेज़ों के साथ ही रजिस्ट्री को पूर्णतः स्थापित करने का प्रयास है।

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Bihar Land Registry : इस नई व्यवस्था के अनुसार, हर दस्तावेज को सुनिश्चित करने के लिए विक्रेता के हस्ताक्षर के तहत विभाग द्वारा जारी 18 बिंदु घोषणा को शामिल करना अनिवार्य हो गया है। इससे जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार हुआ है और खरीदारों को सही जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार को रोकने और जमीन संबंधित विवादों को कम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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शपथ पत्र में देना होगा इन बिंदुओं का जवाब:

Bihar Land Registry : विभाग ने जमीन रजिस्ट्री के लिए एक शपथ पत्र का फॉर्मेट तैयार किया है। इस पत्र पर ‘हां’ और ‘नहीं’ में जवाब देना होगा। इस शपथ पत्र को स्व-हस्ताक्षरित भी करना होगा। इसमें जमाबंदी के नाम पर कायम होने का सबूत और उसकी संयुक्तता के बारे में जानकारी होनी चाहिए। यदि जमाबंदी संयुक्त है तो उसके हिस्सेदार किस प्रकार की भूमि विक्रय/दान कर रहे हैं, ये भी बताना होगा।

Bihar Land Registry : इस शपथ पत्र के माध्यम से, विक्रेता को अपनी सच्चाई और जमीन संबंधित जानकारी की पुष्टि करने का मौका मिलता है। यह प्रक्रिया जमीन खरीद-बिक्री में गलतियों और ब्रिबरी को रोकने में मदद करेगी, साथ ही विवादों को समाधान करने में भी सहायक होगी।

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Bihar Land Registry : जमाबंदी में त्रुटि होने पर इसके विवरण में उल्लेख करना आवश्यक है। क्या संपत्ति विवरण में भी कोई त्रुटि है, इसे भी बताना चाहिए। क्या जमाबंदी विक्रेता/दान कर्ता के नाम से कायम है, यह भी स्पष्ट करना जरूरी है। क्या शहरी संपत्ति का होल्डिंग कायम है, क्या होल्डिंग विक्रेता/दानकर्ता के नाम से कायम है, यह भी बताना अवश्यक है। क्या संपत्ति शहरी क्षेत्र में अवस्थित फ्लैट/अपार्टमेंट है, अगर हां तो होल्डिंग के साक्ष्य में क्या संलग्न है, यह भी स्पष्ट करना जरूरी है। क्या संपत्ति ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित फ्लैट है आदि, यह सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है, जिसकी पुष्टि करना आवश्यक है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तत्काल प्रभाव

Bihar Land Registry : फरवरी माह में लागू हुए “बिहार निबंधन नियमावली 2019” के नए नियम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। अब बिहार के लोग पहले के नियमों के अनुसार बिना दाखिल खारिज कराए हुए या फिर जमाबंदी ट्रांसफर कराए हुए जमीन की रजिस्ट्री कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई सितंबर माह में होने की घोषणा की है।

Bihar Land Registry : सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिना जमाबंदी (यानी दाखिल खारिज हुए) जमीन के होल्डिंग की खरीद-बिक्री पर पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है। इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर माह में की जाएगी। यह निर्णय बिहार के रजिस्ट्री कार्यों में महत्वपूर्ण परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है और इससे संबंधित कार्यक्रमों में विलंब हो सकता है।

Bihar Land Registry : न्यायमूर्ति एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने इस आदेश को सुनाया। आवेदक के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार ने 10 अक्टूबर 2019 को “बिहार निबंधन नियमावली” के नियम 19 में बदलाव किया था। इसमें एक नया नियम जोड़ा गया था, जिसके अनुसार जमीन की खरीद-बिक्री और दान तभी हो सकते हैं जब जमीन बेचने वाले या दान करने वाले के नाम से जमाबंदी या होल्डिंग कायम हो। इस नए नियम के तहत, जमीन की खरीद-बिक्री और दान की प्रक्रिया में बदलाव आया है जिससे लोगों को अब जमीन की रजिस्ट्री करवाने में ज्यादा साहस की आवश्यकता होगी।

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Bihar Land Registry : संशोधन के पूर्व, निबंधन पदाधिकारी को अचल संपत्ति की बिक्री या दान के लिए पेश किए गए दस्तावेजों की निबंधन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण चरण था – यह सुनिश्चित करना कि जमीन बेचने या दान करने वाले व्यक्ति के नाम से जमाबंदी या होल्डिंग कायम है। अगर ऐसा नहीं होता तो निबंधन पूर्ण नहीं होता था।

फरवरी को इस संशोधन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी

Bihar Land Registry : 9 फरवरी को इस संशोधन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे सही करार देते हुए याचिका खारिज कर दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस संशोधन पर रोक लग गई है और यह नियम स्वतः निरस्त हो गया है। इससे अब बिहार के लोग बिना दाखिल खारिज के भी जमीन को आसानी से बेच सकेंगे।

नए नियम लागू होने के परिणामस्वरूप, फरवरी माह से अब तक जमीन की रजिस्ट्री में 90 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इससे प्रदेश के लोग काफी परेशान थे और राजस्व में भी भारी नुकसान हो रहा था। जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और इससे लोगों को सम्मान्यता से जमीन को बेचने या दान करने का अधिक समय मिलेगा।

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Bihar Land Registry : इस संशोधन के पूर्व, यदि कोई व्यक्ति अचल संपत्ति की बिक्री या दान के लिए दस्तावेज पेश करता था और उसके नाम से जमाबंदी या होल्डिंग नहीं होती तो उसके पेशकश को रोक लग जाती थी। अब इस नये फैसले के बाद इस प्रक्रिया में सुधार हुआ है और लोगों को अब जमीन की रजिस्ट्री करवाने में कोई समस्या नहीं होगी।

 

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