EVM : EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |

EVM : EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |

EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |

EVM : एलन मस्क के ट्वीट से उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट पर EVM पर फिर सवाल?

EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |
EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |

EVM : टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क के एक ट्वीट के बाद, मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर EVM को लेकर फिर से सवालों की उठी आंधी। एलन मस्क ने अपने ट्वीट में भारतीय चुनाव प्रक्रिया की तारीफ की और EVM की व्यापक उपयोगिता पर संकेत दिया। इसके परिणामस्वरूप, लोगों के मन में EVM पर सवालों के खात्मे की जगह फिर से संदेह पैदा हो रहे हैं।आमतौर पर EVM का उपयोग चुनावों में बिना किसी संदेह के होता है, लेकिन इस बार के घटनाक्रम ने पुराने सवालों को फिर से उठा दिया है। EVM पर आधारित सुरक्षा और निष्पक्षता के संदर्भ में जांच की मांग की जा रही है। इसके अलावा, कुछ नेताओं ने भी EVM की संभावित कमियों पर सवाल उठाए हैं।

सामान्यतः, EVM को लेकर यह उलझन बार-बार उठती रहती है, और इस बार के घटनाक्रम ने इस उलझन को और ज्यादा गहरा बना दिया है। लोगों की उम्मीद है कि इस संबंध में स्पष्टीकरण जल्द ही मिलेगा।

EVM: टेस्ला कंपनी के फाउंडर और दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति माने जाने वाले एलन मस्क ने एक पोस्ट करके EVM के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने इस पोस्ट में EVM के खिलाफ अपने संदेश को साझा किया है, जिससे भारत में भी इस विषय पर बहस उठ गई है।मस्क ने उठाए गए मुद्दे को लेकर कहा है कि EVM न केवल संदेशों को संग्रहित करता है बल्कि यह व्यक्तिगत जीवन की निजी जानकारियों को भी अनायास प्राप्त करता है। उन्होंने इसे एक सुरक्षा खतरा भी बताया है और EVM पर पूरी तरह से विश्वास करने की सलाह दी है।

इस पोस्ट के बाद, भारत में भी EVM के बारे में बहस चरम पर पहुंच गई है। कुछ लोग मस्क के तर्क को समर्थन कर रहे हैं जबकि कुछ उनके इस बयान को खारिज कर रहे हैं। इस विवाद के बीच, सरकारी अधिकारी भी इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं ताकि समाज में स्पष्टता और विश्वास बना रहे।

EVM: EVM पर सवाल उठना कोई नई बात नहीं है। पिछले कई वर्षों से, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर विवाद चल रहा है। इस पर चुनाव आयोग ने भी कई बार अपना पक्ष रखा है और तकनीकी सुरक्षा एवं व्यावसायिकता का दावा किया है।EVM के संबंध में बहस का एक मुख्य कारण है इसकी सुरक्षा। कई लोग यह दावा करते हैं कि EVM को हैक किया जा सकता है, जिससे चुनाव परिणामों में दिखाई गई संख्याएं बदल जाती हैं। इसके अलावा, कुछ नेताओं ने भी EVM के तकनीकी असमर्थन पर सवाल उठाए हैं।

EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |
EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |

विवाद के बावजूद, EVM का उपयोग चुनावों में बड़ी संख्या में हो रहा है और इसे तकनीकी सुधारों के माध्यम से सुरक्षित बनाए जाने की कोशिश की जा रही है। अब इस मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय और सरकारी प्रयासों का निरीक्षण होगा, ताकि चुनाव प्रक्रिया में सुरक्षा और विश्वास बना रहे।

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EVM को बनाता कौन है?

EVM : भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) एक भारतीय कंपनी है जो विभिन्न प्रकार के चुनावों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का निर्माण करती है। इस कंपनी ने भारत में EVM के उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसे विभिन्न चुनावों के लिए तैयार किया जाता है।EVM एक स्वतंत्र विद्युत उपकरण है जो चुनावी मतदान की सुरक्षा और विश्वासनीयता को सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह मशीन मतदाताओं की जानकारी को सुरक्षित रखती है और चुनाव प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाती है।

EVM : EVM को एक्टिवेट करने के लिए OTP की आवश्यकता नहीं होती है। यह मशीन चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार होती है और एक विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करती है। इसे समाप्त करने के लिए, इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन पर उपयुक्त प्रक्रिया को अनुसरण किया जाता है।

EVM में दो मुख्य यूनिट होती हैं – कंट्रोल यूनिट (सीयू) और बैलट यूनिट (बीयू)। कंट्रोल यूनिट में मतदान का पूर्ण नियंत्रण होता है, जैसे मतदान की प्रक्रिया का संचालन, मतदाताओं की जानकारी का संरक्षण, और मतदान के परिणामों का संग्रह। इसमें एक स्टोरेज मीडिया होता है जिसमें मतदान के जानकारियों को सुरक्षित रखा जाता है।बैलट यूनिट में मतदान की खान, यानी वोट करने का प्रक्रियात्मक इंजन होता है। यहाँ पर मतदान का निष्पादन होता है, जैसे कि मतदान के बटन दबाने पर वोट की गई जानकारी को वैधानिक रूप से संग्रहित करना और संचित करना।

इस प्रकार, EVM एक तकनीकी उपकरण है जो चुनावी प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने में मदद करता है। यह निष्पक्ष और अच्छी तरह से तैयार की गई है ताकि चुनाव में निष्पादन की गई संख्याओं का विश्वास और समर्थन प्राप्त हो सके।

क्या EVM को हैक किया जा सकता है?

EVM :  हैकिंग का मतलब होता है किसी अवैध उद्देश्य के लिए कंप्यूटर नेटवर्क की सुरक्षा प्रणाली को अपने नियंत्रण में लेना। यह एक गंभीर संकट है जो किसी भी संगठन या व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है। हैकर्स विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके सिस्टम में अनधिकृत प्रवेश करने का प्रयास करते हैं, जिससे वे संगठन या व्यक्ति के निजी जानकारी को चोरी कर सकते हैं या फिर सिस्टम को अधिकार प्राप्त कर सकते हैं।

EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |
EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |

EVM के मामले में, चुनाव आयोग ने हैकिंग से संबंधित सभी संभावनाओं का साफ जवाब दिया है। वे EVM को बहुत ही सुरक्षित बनाने के लिए प्रयासरत हैं और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हैं ताकि किसी भी प्रकार की हैकिंग को रोका जा सके। इससे चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्पक्ष और सुरक्षित बनाया जा सके।

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वायरलेस कम्युनिकेशन के जरिए EVM को दूर से बदला जा सकता है?

EVM : चुनाव आयोग द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि EVM में गड़बड़ी हो सकती है। इसके अनुसार, EVM में मूल डिस्प्ले मॉड्यूल को वायरलेस डिवाइस से सुसज्जित किसी अन्य डिस्प्ले से बदलकर किया जा सकता है, जिससे चुनाव परिणामों में गड़बड़ी हो सकती है। इसके अलावा, एक अतिरिक्त सर्किट बोर्ड जोड़कर भी EVM को अधिकारी बनाया जा सकता है।

इस बारे में सरकारी प्रतिक्रिया में कहा गया है कि EVM को बहुत ही सुरक्षित बनाए जाने के लिए प्रयासरत है। नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए, चुनाव आयोग ने EVM को आधुनिक और सुरक्षित बनाने के लिए प्रयास किया है। वे यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।यहाँ तक कि आधिकारिक विश्वास है कि चुनावी मतदान में EVM का पूरी तरह से विश्वास करना चाहिए, क्योंकि इसमें सुरक्षा और विश्वासनीयता का पूरा ध्यान रखा गया है।

EVM : चुनाव आयोग ने बताया है कि ऐसे बदलाव को लेकर प्राथमिक स्तर की जांच के बाद EVM को कई बार देखा जाना होगा, जो कठिन सुरक्षा उपायों के कारण मुश्किल है। दूसरा एम3 EVM प्रणाली में एक सीक्यूरिटी के स्तर को भी निर्धारित किया गया है जो EVM को और भी सुरक्षित बनाने के लिए कई सुरक्षा उपायों को लागू करती है। यह सुरक्षा स्तर शामिल है: विभिन्न स्तरों पर देखरेख, EVM की सीमाओं का पालन, सख्त निगरानी और कड़ी सुरक्षा उपायों का पालन।

इसके अलावा, चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने वाले लोगों द्वारा EVM के विशेष ट्रेनिंग को भी अधिक महत्व दिया जाएगा ताकि वे सही तरीके से इसका उपयोग कर सकें। इस तरह के सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए, चुनाव आयोग ने EVM के उपयोग में विश्वास करने का सुझाव दिया है ताकि चुनावी प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी न हो।

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EVM मेमोरी में हेराफेरी की जा सकती है?

EVM : चुनाव आयोग द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि मेमोरी मैनिपुलेटर इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) को मेमोरी चिप में क्लिप करके वोटिंग डेटा को बदला जा सकता है, जहां वोट डेटा स्टोर होता है। इस प्रकार की गड़बड़ी के माध्यम से, चुनावी परिणामों को प्रभावित किया जा सकता है और चुनाव प्रक्रिया का विश्वास उठ सकता है।चुनावी आयोग ने इस बारे में कहा है कि इस प्रकार की संभावनाओं को बढ़ावा देते हुए EVM को और भी सुरक्षित बनाने के लिए कई सुरक्षा उपाय लिए गए हैं। वे मेमोरी चिप्स की विशेष सुरक्षा के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हैं और चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करते हैं।

EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |
EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |

इसके अलावा, चुनावी आयोग ने EVM के विशेष ट्रेनिंग को भी बढ़ावा दिया है ताकि लोग इसका सही तरीके से उपयोग कर सकें और चुनावी प्रक्रिया में कोई भी गलती न हो। इस तरह से, चुनावी आयोग ने EVM को पूरी तरह से निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

क्या EVM ओटीपी या ब्लूटूथ के जरिए EVM अनलॉक हो सकती है?

EVM:मुंबई में हुए EVM विवाद के बाद, जिला निर्वाचन अधिकारी (मुंबई) ने एक ट्वीट किया, “…EVM को अनलॉक करने के लिए मोबाइल पर कोई ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की जरूरत नहीं होती है। बस दो स्वीच दबाएं और वोटिंग मशीन अनलॉक हो जाएगी।”

यह बयान दिखाता है कि EVM के लॉक खोलने की प्रक्रिया सरल होती है और इसमें किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती है। जब वोटिंग मशीन को अनलॉक करने की आवश्यकता होती है, तो आमतौर पर कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने होते हैं जो द्वारा EVM को खोला जा सकता है। यह स्टेप्स सिक्योरिटी को बनाए रखने के लिए रखे गए होते हैं ताकि किसी भी गलत उपयोग से बचा जा सके।इस बयान से स्पष्ट होता है कि चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है और EVM को सरलता से उपयोग किया जा सकता है बिना किसी आधिकारिक पासवर्ड की आवश्यकता के।

इक्रोकंट्रोलर/मेमोरी चिप या मदरबोर्ड को बदला जा सकता है?

EVM : प्रशासनिक और तकनीकी सुरक्षा उपायों के कारण ऐसा संभव नहीं हो सकता है कि बिना अधिकारिक अनुमति के EVM का चिप बदला जा सके। EVM के चिप को बदलने के लिए व्यवस्थाएं बहुत ही सुरक्षित और सख्त होती हैं। चिप को बदलने के लिए EVM वेयरहाउस तक पहुंच की आवश्यकता होती है और इसमें कई विशेष सुरक्षा प्रोसेसेस को फॉलो किया जाता है।

साथ ही, चिप को बदलने के लिए स्ट्रॉन्ग और विशेष पासवर्ड भी की जरूरत होती है, जो केवल अधिकारिक व्यक्ति द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में सख्त निगरानी और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है ताकि किसी भी अनधिकृत प्रक्रिया से बचा जा सके और चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्पक्ष बनाए रखा जा सके।

इसीलिए, EVM के चिप को बदलने की प्रक्रिया इतनी मजबूत और सुरक्षित होती है कि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी न होने की पूरी गारंटी होती है।

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छेड़छाड़ किए गए सोर्स कोड ट्रोजन को EVM में डाला जा सकता है?

EVM: यह आरोप लगाया जाता है कि ट्रोजन चिप को फिर से प्रोग्रामिंग करके और सॉफ्टवेयर के फ्यूजिंग के दौरान चिप निर्माता द्वारा डाला जा सकता है। यह संभव नहीं हो सकता है क्योंकि चिप की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए इसमें कई सुरक्षा उपाय शामिल होते हैं।चिप को प्रोग्राम करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है जो केवल अधिकारिक व्यक्तियों द्वारा ही उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, चिप के निर्माता द्वारा भी स्ट्रिक्ट क्वालिटी कंट्रोल और सुरक्षा प्रोसेसेस को फॉलो किया जाता है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।

इस प्रकार, चिप को प्रोग्राम करने और सॉफ्टवेयर को फ्यूज करने की प्रक्रिया में सुरक्षा और निगरानी का पूरा ध्यान रखा जाता है ताकि किसी भी प्रकार की गलती से बचा जा सके और EVM की निष्क्रियता या गड़बड़ी से बचा जा सके।

क्यों उठ रहे हैं सवाल

वास्तव में, मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र को लेकर एक खबर प्रकाशित हुई थी, जिसमें कह गया था कि शिवसेना उम्मीदवार रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार ने 4 जून को अगले सप्ताह चुनाव आयोग के समक्ष EVM में मतदान के बाद की मौजूदगी के संदर्भ में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। उन्होंने मांग की थी कि EVM की मौजूदगी की पुष्टि के लिए चुनाव आयोग को लॉजिकल प्रूफ देने का निर्देश दिया जाए।

EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |
EVM का निर्माण कौन करता है और यह कैसे काम करती है, क्या इसे एक्टिवेट करने के लिए OTP की जरूरत होती है? 7 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर |

इस मामले में, चुनावी प्रक्रिया की निष्क्रियता और EVM के संबंध में उठ रहे सवालों ने फिर से सामाजिक मंचों पर ध्यान खिंचा है। चुनाव आयोग की ओर से इस मामले की जांच की गई है और उचित संगठन की प्रक्रिया के अनुसार उसकी समाप्ति की जाएगी।यह घटना दिखाती है कि चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर लोगों में आतंक और संदेह है। इसलिए, इस तरह की मामलों में संभावित गड़बड़ी या अनियमितताओं की जांच करना आवश्यक है ताकि चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्पक्ष और विश्वसनीय बनाए रखा जा सके।

आयोग की सफाई

EVM : सूर्यवंशी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा, ‘EVM एक स्वतंत्र प्रणाली है और इसे ‘अनलॉक’ करने के लिए किसी ओटीपी की कोई जरूरत नहीं होती। बस दो स्विच दबाएं और वोटिंग मशीन अनलॉक हो जाएगी।’

इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि EVM में बहुत सी सुरक्षा की प्रक्रियाएं होती हैं जो अनधिकृत प्रक्रियाओं से बचाव करती हैं। वोटिंग मशीन को खोलने के लिए विशेष स्टेप्स फॉलो किए जाते हैं जिसमें स्ट्रॉन्ग पासवर्ड की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सुरक्षा उपायों का पूरा पालन किया जाता है।यह बयान दिखाता है कि चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से ध्यान रखा जा रहा है और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। इससे लोगों में EVM के प्रति विश्वास और समर्थन बढ़ा है।

 

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