Summer Holidays In Bihar Government School: क्या बिहार के सरकारी स्कूलों में फिर से होगी गर्मी की छुट्टी? राजभवन के पत्र से बढ़ी केके पाठक की चिंता |

Summer Holidays in Bihar Government School: क्या बिहार के सरकारी स्कूलों में फिर से होगी गर्मी की छुट्टी? राजभवन के पत्र से बढ़ी केके पाठक की चिंता |

Summer Holidays in Bihar Government School

Summer Holidays in Bihar Government School:  प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छुट्टी पर राज्यपाल के निर्देश: प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू का मुख्य सचिव को लिखा पत्र |

Summer Holidays in Bihar Government School
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Summer Holidays in Bihar Government School:  बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन एक बार फिर आमने-सामने नजर आ रहे हैं। हाल ही में बिहार के सरकारी स्कूलों में 15 अप्रैल से 15 मई तक गर्मी की छुट्टियाँ घोषित की गई थीं, जिसके बाद 16 मई से स्कूल फिर से खोल दिए गए। हालांकि, राज्य में बढ़ती गर्मी को देखते हुए अब राजभवन ने एक नया पत्र जारी किया है, जिसमें स्कूलों को बंद करने का सुझाव दिया गया है।

Summer Holidays in Bihar Government School :राज्यपाल के निर्देशानुसार, प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने यह पत्र मुख्य सचिव को लिखा है। इस पत्र में उन्होंने गर्मी के तीव्र प्रकोप को देखते हुए स्कूलों को बंद रखने की सलाह दी है। इस निर्देश से शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि छात्रों की पढ़ाई पर इसका असर पड़ सकता है। विभाग के अधिकारी इस स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

Summer Holidays in Bihar Government School: गर्मी की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राजभवन ने यह कदम उठाया है। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या निर्णय लेता है और कैसे दोनों पक्ष मिलकर एक संतुलित समाधान निकालते हैं। फिलहाल, इस मुद्दे पर चर्चा जारी है और जल्द ही कोई अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

दरअसल, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी की अवधि को जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाने के लिए राजभवन ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को सोमवार (20 मई) को एक पत्र लिखा है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के निर्देश पर यह पत्र उनके प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने लिखा, जो मंगलवार (21 मई) को सामने आया।

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इस पत्र में राजभवन ने राज्य में बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्कूलों को अतिरिक्त समय तक बंद रखने की सिफारिश की है। राज्यपाल की इस पहल के बाद अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को छुट्टी की अवधि पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

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Summer Holidays in Bihar Government School: राजभवन के इस निर्देश के बाद शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, विभाग को अब यह निर्णय लेना होगा कि छुट्टियों को बढ़ाया जाए या नहीं। इस मुद्दे पर जल्द ही उच्चस्तरीय बैठक होने की संभावना है, जिसमें विभिन्न पक्षों पर विचार किया जाएगा और एक संतुलित निर्णय लिया जाएगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस प्रस्ताव का प्रभाव स्कूलों के शैक्षिक कैलेंडर पर कैसे पड़ेगा और इसके समाधान के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

जारी किए गए पत्र में क्या लिखा गया है?

Summer Holidays in Bihar Government School: सोमवार को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है, “प्राप्त सूचना के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 15 मई 2024 तक ही निर्धारित किया गया था। राज्य में भीषण गर्मी पड़ने और विद्यालयों के खुलने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सूचना प्राप्त हो रही है। राज्यपाल ने राज्य में भीषण गर्मी और बच्चों के स्वास्थ्य पर इसके बुरे प्रभाव को देखते हुए इसे विस्तारित करने का अनुरोध किया है।”

Summer Holidays in Bihar Government School: राजभवन के इस पत्र में राज्य की मौजूदा गर्मी की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। राज्यपाल का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ग्रीष्मकालीन अवकाश की अवधि को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि भीषण गर्मी के कारण बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और इस स्थिति को सुधारने के लिए अवकाश की अवधि बढ़ाना आवश्यक है।

इस पत्र के आने के बाद, शिक्षा विभाग को अब इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना होगा और आवश्यक कदम उठाने होंगे ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह निर्णय राज्य में सभी संबंधित पक्षों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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Summer Holidays in Bihar Government School: आगे लिखा गया है, “अनुरोध है कि राज्य के विद्यालयों के ग्रीष्मकालीन अवकाश को जून 2024 के प्रथम सप्ताह तक विस्तारित करने की कृपा की जाए ताकि विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को भीषण गर्मी से हो रही परेशानी से राहत मिल सके।”

Summer Holidays in Bihar Government School: इस पत्र में राज्यपाल ने स्पष्ट किया है कि गर्मी के प्रकोप को देखते हुए अवकाश की अवधि बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को लगातार बढ़ते तापमान के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की भी आशंका है।

Summer Holidays in Bihar Government School: राज्यपाल का मानना है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश को जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाने से सभी संबंधित पक्षों को राहत मिलेगी और वे सुरक्षित रह सकेंगे। भीषण गर्मी में बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य दोनों ही प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए यह कदम उठाना महत्वपूर्ण है।

इस अनुरोध के बाद, शिक्षा विभाग को अब इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और जल्द ही एक निर्णय लेना होगा। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए और सभी संबंधित पक्षों की भलाई के लिए उचित कदम उठाए जाएं। यह निर्णय शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

बता दें कि स्कूल 16 मई से खुले हैं। ऐसे में राजभवन के इस पत्र के बाद देखना होगा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक क्या फैसला लेते हैं। इससे पहले भी राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव की स्थिति देखी जा चुकी है।

Summer Holidays in Bihar Government School: राजभवन के इस नए पत्र में स्कूलों के ग्रीष्मकालीन अवकाश को जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया है, ताकि भीषण गर्मी से बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को राहत मिल सके। राज्य में बढ़ती गर्मी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव रखा गया है।

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Summer Holidays in Bihar Government School: शिक्षा विभाग के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। इससे पहले भी ऐसे मामलों में राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच असहमति की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ा है।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केके पाठक और उनकी टीम इस स्थिति से कैसे निपटते हैं और क्या निर्णय लेते हैं। इस मामले का समाधान बच्चों की भलाई और शिक्षा की निरंतरता दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा। शिक्षा विभाग की अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

 

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