Bihar Education Department: औरंगाबाद जिला शिक्षा कार्यालय ने 10 शिक्षकों से तीन दिन में स्पष्टीकरण की मांग की |
Bihar Education Department: बिहार शिक्षा विभाग में केके पाठक के आगमन के बाद से ही अलग-अलग आदेशों की वजह से हलचल मच रही है। हाल ही में, औरंगाबाद से एक ताज़ा मामला सामने आया है जिसमें उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बिहार के बाहर के शिक्षकों की नौकरी TRE-1 और TRE-2 के तहत फिर से लागू होने के खतरे में हैं। इस विषय से संबंधित एक पत्र 20 मई को औरंगाबाद डीपीओ स्थापना की ओर से जारी किया गया है। इस पत्र में शिक्षा पदाधिकारी ने शीघ्रता से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या यह नौकरीयां वास्तव में खतरे में हैं और अगर हैं तो कौन-कौन से उपाय किए गए हैं उन्हें रोकने के लिए। इस मामले में सरकारी विभागों के बीच दर्ज की गई नई आदान-प्रदान के चलते समाधान की संभावना है, लेकिन वर्तमान में इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण आवश्यक है।
लिस्ट में औरंगाबाद के दस शिक्षक हैं शामिल
Bihar Education Department: पत्र में दस शिक्षकों के अयोग्य मानने की बात आई है, जिन्हें नौकरी से निकालने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें से दो गणित, तीन सामाजिक विज्ञान, दो अंग्रेजी, और एक हिंदी-अंग्रेजी शिक्षक शामिल हैं। इन सभी शिक्षकों के नंबर 90 से कम हैं।
Bihar Education Department: इसमें स्पष्ट नहीं किया गया कि शिक्षकों की अयोग्यता का कारण क्या है, लेकिन यह निर्देश जारी करने के पीछे यह समझाया गया है कि इन शिक्षकों के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में कमी हो रही है और इससे विद्यार्थियों को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, इन शिक्षकों के नंबर कम होने से शिक्षा प्रदान करने में कठिनाई हो सकती है और शिक्षा का स्तर भी प्रभावित हो सकता है।
इस पत्र के माध्यम से प्रशासनिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए संभावित उपायों को विचार करने का सुझाव दिया गया है।
वैसे विद्यालय अध्यापक जो दूसरे राज्य से है और उनके ctet में 60% से कम अंक है उनको निकालने की तैयारी बिहार शिक्षा विभाग ने शुरु कर दी है । pic.twitter.com/M5TEVhCLVS
— बिहार शिक्षक मंच (@btetctet) May 20, 2024
‘विद्यालय अध्यापक के लिए आपकी योग्यता समुचित नहीं‘
Bihar Education Department: जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा पत्रांक 3695, दिनांक 20/05/2024 को जारी किए गए पत्र में उजागर हुआ कि सभी शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 27/2023 के आलोक में हुई है, लेकिन उनके द्वारा उपस्थित शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी योग्यता विद्यालय अध्यापक के लिए समुचित नहीं है। इस अनुसार, उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी।
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Bihar Education Department: यह निर्णय शिक्षा पदाधिकारी के कार्यक्षेत्र में नियमित और योग्यता के अनुसार कार्रवाई करने की संकेत देता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षकों की योग्यता और प्रमाण पत्रों की जाँच अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि विद्यालयीन शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। इस तरह की कठिन निर्णयों से बिहार की शिक्षा प्रणाली को सुधारने की कोशिश जारी है, जो कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और विकास को प्रोत्साहित करती है।
Bihar Education Department: हाई कोर्ट के द्वारा जारी किए गए एक आदेश के अनुसार, बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में 5% की छूट नहीं मिलेगी। इस आदेश में उनकी शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राप्तांक 60% से कम होने पर उनके उम्मीदवार को निरस्त करने की संभावना बताई गई है।
इस आदेश से साफ है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में अभ्यर्थियों को अब और कोई छूट नहीं मिलेगी और वे अपनी योग्यता के आधार पर ही चयन होगा। यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और पेशेवरता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे शिक्षा प्रणाली में सुधार हो सके।
इस आदेश के माध्यम से उच्च न्यायालय ने शिक्षा क्षेत्र में सुनिश्चितता की दिशा में कदम उठाया है और शिक्षकों के चयन में योग्यता को महत्वपूर्ण बनाया है।
Bihar Education Department: जिला शिक्षा पदाधिकारी औरंगाबाद ने 10 शिक्षकों को उनके सीटीईटी (CTET) परीक्षा में 90 नंबर से कम प्राप्तांक के कारण स्पष्टीकरण का पत्र जारी किया है। इस अवस्था में, उन्हें तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण करना होगा कि उनके अभ्यर्थियों को निरस्त करते हुए उनकी नियुक्ति को रद्द करने का कारण क्या है। शिक्षा विभाग औरंगाबाद के सूत्रों के अनुसार, ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्हें CTET में प्राप्तांक 90 से कम मिला है, जिनकी नौकरी खतरे में है।
यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता की निगरानी के लिए महत्वपूर्ण है और शिक्षकों को अपनी योग्यता में सुधार करने के लिए प्रेरित कर सकता है। इससे न केवल शिक्षा का स्तर उच्च होगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। इस प्रकार, शिक्षा विभाग के निर्णय से शिक्षा क्षेत्र में सुधार होने की संभावना है।
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