Yogi Adityanath and Bhagwat Meeting: विवेचनात्मक रिपोर्ट , पहली बैठक कैंपियरगंज में, दूसरी सरस्वती शिशु मंदिर में – सीएम योगी और मोहन भागवत के बीच दो बैठकों का आयोजन |
Yogi Adityanath and Bhagwat Meeting:लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे पर व्यापक चर्चा हो रही है, खासकर उत्तर प्रदेश में भाजपा के दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम के बाद। इस दौरान, गोरखपुर में शनिवार (15 जून 2024) को कहा गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बंद कमरे में दो बैठकें कीं। यह बैठकें लगभग 30 मिनट तक चलीं और इसके विषय में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। इस घटना के पीछे की सटीक वजहें और इसके परिणामों की जानकारी अभी तक आई नहीं है। यह चर्चाएं भविष्य में होने वाले राजनीतिक परिणामों को लेकर महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।
Yogi Adityanath and Bhagwat Meeting:भारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शनिवार को कैंपियरगंज इलाके के एक स्कूल में मोहन भागवत से पहली मुलाकात की। मोहन भागवत यहां संघ के एक कार्यक्रम के लिए आए थे।
दूसरी बैठक दर्शाने के लिए, सीएम योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत ने सरस्वती शिशु मंदिर में पक्कीबाग इलाके में रात 8:30 बजे को मुलाकात की। इस बैठक की विवरण और इसके उद्देश्यों के बारे में कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। यह मिलकर हुई मुलाकातें राजनीतिक महत्व को दर्शाती हैं, जो आगे चलकर समाज के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं।
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हार के कारणों पर चर्चा की आ रही बात
Yogi Adityanath and Bhagwat Meeting: चर्चा है कि मोहन भागवत का यह दौरा नियमित नहीं है। तीन दशकों से संघ से जुड़े एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है कि भागवत उत्तर प्रदेश में हार के पीछे के प्रमुख कारणों पर आदित्यनाथ के साथ चर्चा करने वाले थे। हो सकता है कि ये दोनों बैठक इसलिए ही हुई हो।
दरअसल भाजपा यूपी में सबसे मजबूत स्थिति में दिख रही थी, लेकिन नतीजे उसके उलट रहे। यहां की 80 सीटों में से बीजेपी ने 33 पर ही जीत दर्ज की। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां से 71 सीटें और 2019 लोकसभा चुनाव में 62 सीटें जीती थीं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन ने यूपी में 43 सीटें जीती हैं। इसमें से 37 पर सपा को और छह पर कांग्रेस को जीत मिली है।
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अयोध्या मंडल ने सबसे ज्यादा चौंकाया
Yogi Adityanath and Bhagwat Meeting: यूपी में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे अयोध्या मंडल से रहे। दरअसल, अयोध्या राम मंदिर के भरोसे बीजेपी पूरे देश में बेहतर नतीजों की उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन पार्टी अयोध्या मंडल की अधिकतर सीटें हार गईं। यही नहीं, अयोध्या राम मंदिर जिस फैजाबाद सीट के तहत आता है, बीजेपी वहां भी जीत दर्ज नहीं कर पाई।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संसदीय सीटों में बीजेपी की पकड़ कमजोर पड़ी है। इससे प्रमुख विपक्षी दलों जैसे समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन की चाल मजबूत हो रही है। इस चुनाव में यह स्पष्ट हो गया है कि अयोध्या मंदिर के मुद्दे का प्रभाव भी वोटरों के मन में पूरी तरह से नहीं बटका है।
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