EPFO Rule Changes: EPFO ने नियमों में बदलाव कर कर्मचारियों और कंपनियों को राहत दी |
EPFO Rule Changes: EPFO ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए नियमों में कुछ बदलाव किया है जो कुछ स्थितियों में उनके लाभ में हैं। नये नियमों के अनुसार, अब नियोक्ताओं को कई मामलों में कम पेनल्टी का सामना करना होगा, जिससे उन्हें वित्तीय रूप से भी राहत मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, नए नियमों से कर्मचारियों को भी कुछ लाभ हो सकते हैं, जैसे उन्हें अब अपने एडवांस और पीएफ जमा जमा करने के लिए अधिक समय मिलेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये नए नियमों का प्रभाव कैसे होगा, नियोक्ताओं और कर्मचारियों को समय-समय पर नए नियमों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
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श्रम मंत्रालय ने बदलावों को किया नोटिफाई
EPFO Rule Changes: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नियोक्ताओं के लिए विभिन्न मदों में योगदान में डिफॉल्ट से संबंधित नियमों में बदलाव किया है। इस नए नियमावली के अनुसार, अब यदि कोई कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए पीएफ, पेंशन या इंश्योरेंस में योगदान में डिफॉल्ट करती है, तो उसे पहले की तुलना में कम पेनल्टी लगेगी। यह नियमों में किए गए बदलाव की सूचना श्रम मंत्रालय द्वारा जारी की गई है।
इस नए प्रावधान के बदलाव से नियोक्ताओं को संज्ञान में लेते हुए वे अब अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि और सुरक्षा में ज़्यादा जिम्मेदारी लेने की संभावना है। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए भी सकारात्मक है क्योंकि इससे उन्हें भविष्य की आर्थिक सुरक्षा में और भी विश्वास मिलेगा।
आधी से भी कम हो गई पेनल्टी की दर
EPFO Rule Changes: शनिवार को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, EPFO की तीन स्कीम एम्पलॉइज पेंशन स्कीम (ईपीएस), एम्पलॉइज प्रोविडेंट फंड स्कीम (ईपीएफ) और एम्पलॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ईडीएलआई) में कर्मचारियों के योगदान में कंपनियां डिफॉल्ट करती हैं, तो अब उनके ऊपर बकाए के 1 फीसदी के बराबर मासिक या 12 फीसदी के बराबर सालाना पेनल्टी लगेगी।
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अब तक, इन तीनों स्कीमों में डिफॉल्ट करने पर कंपनियों के ऊपर 25 फीसदी सालाना तक पेनल्टी लगाई जाती थी। इस नए प्रावधान के बदलाव से नियोक्ताओं को संज्ञान में लेते हुए वे अब अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि और सुरक्षा में ज़्यादा जिम्मेदारी लेने की संभावना है।
15 जून से लागू हो गए नए नियम
श्रम मंत्रालय ने घोषित किया कि नए नियम शनिवार 15 जून से प्रभावी हो गए हैं, जिसके अनुसार कंपनियों को डिफॉल्ट करने पर कम पेनल्टी का सामना करना होगा। यह नियमों में हुए बदलाव का अर्थ है कि अब कंपनियों को पीएफ, पेंशन या इंश्योरेंस में योगदान करने में अधिक समय मिलेगा, और उनके ऊपर कम पेनल्टी लगेगी।
इस नए प्रावधान के बदलाव से खास तौर पर वे कंपनियां फायदा उठाएंगी जिनके डिफॉल्ट की अवधि लंबी हो रही थी, जो कि पहले की तुलना में अब कम हो गई है। यह बदलाव कर्मचारियों के हित में है क्योंकि इससे उनकी सुरक्षित भविष्य निधि का ख्याल रखा जा सकेगा।
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EPFO ने बंद किया कोविड एडवांस
EPFO Rule Changes: EPFO ने कोविड महामारी के बाद कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कोविड एडवांस की सुविधा को बंद करने का निर्णय लिया है। पहले, जब पीएफ खाताधारकों को आपातकालीन वित्तीय जरूरत पड़ी, तो वे EPFO से पैसे निकाल सकते थे। अब यह सुविधा बंद हो गई है।
हालांकि, इसके अलावा, EPFO ने कोविड संकट के दौरान भी कर्मचारियों की मदद के लिए अन्य सुविधाएं जारी रखी हैं। पीएफ खाते से पैसे निकालने की अन्य सुविधाएं अब भी उपलब्ध हैं, जैसे की विवाह, आवास, या शिक्षा के लिए। इससे कर्मचारियों को अपने भविष्य की सुरक्षा और सामूहिक बचत में सहायता मिलती रहेगी।
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