General Ticket Compensation: जनरल टिकट से सफर करने वालों के लिए इंश्योरेंस और फैसिलिटी , ट्रेन में सुरक्षित सफर का संभावना |

General Ticket Compensation: जनरल टिकट से सफर करने वालों के लिए इंश्योरेंस और फैसिलिटी , ट्रेन में सुरक्षित सफर का संभावना |

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General Ticket Compensation: जनरल टिकट धारकों के लिए रेल हादसों में इंश्योरेंस , सुरक्षित सफर के लिए समाधान|

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General Ticket Compensation: जनरल टिकट से सफर करने वालों के लिए इंश्योरेंस और फैसिलिटी , ट्रेन में सुरक्षित सफर का संभावना |

General Ticket Compensation: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुए रेल हादसे ने देश को गहरे शोक में डाल दिया है। इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। इस दुर्घटना की वजह सिग्नल की खराबी थी, जिसके कारण मालगाड़ी के ड्राइवर को ट्रैक पर आगे चल रही यात्रियों से भारी ट्रेन के बारे में पता नहीं चला। इसके परिणामस्वरूप, एक भयानक संघर्ष हुआ जिसमें मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी।

इस हादसे ने फिर से सुरक्षा की महत्वपूर्णता को जताया है। सरकार को इस घातक हादसे का संज्ञान लेते हुए सख्त कानूनी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों। इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं, और हमें समझना चाहिए कि सुरक्षा से खिलवाड़ की कोई जगह नहीं हो सकती।

General Ticket Compensation: जब भी रेलवे हादसा होता है, तो सरकार तुरंत ही राहत और बचाव के कार्यों की शुरुआत करती है। इसके साथ ही, रेलवे यात्रियों के लिए इंश्योरेंस की सुविधा भी प्रदान करता है। जब कोई यात्री अपनी यात्रा के लिए रिजर्वेशन करवाता है, तो उसे इंश्योरेंस का विकल्प भी मिलता है। यदि किसी भी दुर्घटना में यात्री को कोई नुकसान होता है, तो उसे इंश्योरेंस से लाभ मिलता है।

लेकिन यह सुविधा रिजर्वेशन करने वाले यात्रियों को ही उपलब्ध है। जनरल टिकट कारधारकों के लिए ऐसी सुविधा का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए, जनरल टिकट कारधारकों के लिए हादसों में इंश्योरेंस का कोई भी विकल्प नहीं होता है। इसमें सरकार को जागरूक और सख्त होने की आवश्यकता है ताकि सभी यात्रियों को समान इंश्योरेंस का लाभ मिल सके।

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जनरल टिकट वालों को नहीं मिलता इंश्योरेंस

General Ticket Compensation: भारतीय रेलवे से सफर करने वाले लोगों को टिकट बुक करते समय इंश्योरेंस का विकल्प मिलता है, जिसे वे ले सकते हैं या नहीं। इसका निर्णय पूरी तरह उनके हाथों में होता है। लेकिन जनरल टिकट धारकों को यह सुविधा नहीं मिलती। हाल ही में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हादसा हुआ, जिसमें जनरल टिकट धारकों को इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिला।

इस बात से स्पष्ट होता है कि सुरक्षा और सुरक्षा सुविधाओं की अहमियत बहुत है। रेलवे को इस प्रकार की घटनाओं से सीख कर और सुरक्षा के मामलों में और भी सख्ती बढ़ाने की आवश्यकता है। जनरल टिकट धारकों के लिए भी सुरक्षा सुविधाओं में सुधार करना महत्वपूर्ण है, ताकि हादसों में उन्हें भी इंश्योरेंस और उससे जुड़ी सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

रेलवे से मिलता है मुआवजा 

General Ticket Compensation: हमने पहले भी बताया था कि रेल हादसों में जनरल टिकट धारकों को इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिलता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती है। भारतीय रेलवे द्वारा चलने वाली ट्रेनों में हादसा होने पर, रेलवे अधिनियम 1989 के तहत धारा 124 के अनुसार मुआवजे का प्रावधान है। इसका मतलब है कि हादसों की स्थिति में ट्रेन में यात्रा करने वाले या प्लेटफार्म पर मौजूद होने वाले सभी यात्रियों को मुआवजा दिया जाता है।

General Ticket Compensation: यह मुआवजा उन्हें दिया जाता है जो चोट लेते हैं, चाहे वह जनरल टिकट धारक हों या रिजर्वेशन करवाने वाले। इससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलती है और सरकार उनकी सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी भी निभाती है। इस प्रकार, रेलवे यात्रियों के सुरक्षा और सुरक्षा सुविधाओं की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का भी माध्यम बनता है।

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कितना और कैसे मिलता है मुआवजा?

General Ticket Compensation: रेल हादसों में अगर जनरल टिकट धारकों की मौत होती है, तो सरकार द्वारा 10 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है। इसी तरह, हादसे में आंशिक रूप से विकलांग यात्रियों को 7.5 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को अस्पताल में इलाज के लिए 2 लाख रुपये तक दिए जाते हैं। हादसे के बाद मुआवजे के लिए रेलवे ट्रिब्यूनल में आवेदन करना होता है।

इस प्रकार की योजना से यात्रियों को सहायता मिलती है और उन्हें सामाजिक सुरक्षा भी प्राप्त होती है। रेलवे ट्रिब्यूनल द्वारा आयोजित की जाने वाली जाँच में हादसे की जिम्मेदारी और मुआवजे की रकम का निर्धारण किया जाता है। यह प्रक्रिया न्यायिक और विवेकपूर्ण होती है, जो हादसे के पीड़ित यात्रियों को न्याय दिलाने में मदद करती है।

 

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