Neet UG 2024 : नीट पेपर से 400 करोड़ का राजस्व? श्री सॉलिसिटर का चौंकाने वाला जवाब CJI ने सुना!

Neet UG 2024: नीट पेपर से 400 करोड़ रेवेन्यू? श्रीमान सॉलिसिटर, परीक्षा से कितना राजस्व आता है?’, मेहता का जवाब सुन CJI चंद्रचूड़ हैरान !

Neet UG 2024

Neet UG 2024 : पेपर लीक मामले में गुरुवार, 18 जुलाई, 2024 को सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, (CJI Chandrachud) जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे।

Neet UG 2024: मुख्य न्यायाधीश ने तुषार मेहता से पूछा कि सरकार इस परीक्षा से कितना राजस्व कमाती है। मेहता ने बताया कि ऐसी परीक्षाओं से लगभग 400 करोड़ रुपये की आय होती है, जबकि लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।

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Neet UG 2024: नीट पेपर से 400 करोड़ रेवेन्यू? श्रीमान सॉलिसिटर, परीक्षा से कितना राजस्व आता है?’, मेहता का जवाब सुन CJI चंद्रचूड़ हैरान !

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने यह भी पूछा कि क्या प्रश्नपत्रों को प्रिंटिंग प्रेस से विभिन्न शहरों में स्थित एसबीआई (SBI) और केनरा बैंक (Canera Bank) के लॉकर तक पहुंचाने के लिए निजी कूरियर कंपनी को किराये पर लिया गया था। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीबीआई (SBI) की स्थिति रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि एजेंसी ने पूरी श्रृंखला की जांच की है और किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए सात-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली बनाई गई थी।

Neet UG 2024: कोर्ट ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि प्रश्नपत्र लीक की घटना पटना और हजारीबाग तक ही सीमित थी और गुजरात के गोधरा में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। पटना और हजारीबाग में प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गए, जबकि गोधरा में दावा किया गया कि परीक्षा आयोजित कराने वाले एक व्यक्ति ने कुछ अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट भरने के लिए पैसे लिए।

सुनवाई के दौरान पीठ ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म टेलीग्राम (Telegram)पर प्रश्नपत्र लीक होने के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा करने का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर दिखावा करना नहीं था, बल्कि पैसे कमाने के लिए किया गया था। एनटीए के वकील ने दावा किया कि टेलीग्राम वीडियो से छेड़छाड़ की गई है।

बेंच ने 100 टॉपरों के बारे में एनटीए के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वे विभिन्न राज्यों से हैं, जैसे आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी, और कोर्ट ने बिहार पुलिस की रिपोर्ट की कॉपी मांगी है, जिसने मामले की शुरुआत में जांच की थी।

NEET पेपर लीक केस: याचिकाकर्ता की आपत्तियां और कोर्ट की सुनवाई

Neet UG 2024 : याचिकाकर्ता के वकील ने NEET-UG पेपर लीक मामले में इस बात पर भी आपत्ति जताई कि NTA ने सभी लोगों का रिजल्ट घोषित नहीं किया है, जबकि दूसरी परीक्षाओं में पूरे रिजल्ट घोषित होते हैं। सरकारी कॉलेजों में सीटों के सवाल पर कहा कि 56 हजार सीटें हैं, इसलिए कम से कम एक लाख का रिजल्ट घोषित होना चाहिए।

इस पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, “क्या आपके हिसाब से कुछ लोग 1 लाख 8 हजार की कैटगरी में आ गए हैं? आप पहले फैक्ट्स पर बात करें। 1 लाख 8 हजार में से कितने याचिकाकर्ता हैं और कितने छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं?”

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि 131 ऐसे छात्र हैं जो री-एग्जाम चाहते हैं, जबकि 254 ऐसे छात्र भी हैं जो ऐसा नहीं चाहते। जो 131 छात्र हैं वो 1 लाख 8 हजार के अंदर नहीं आते हैं। वहीं, जो 254 छात्र हैं वो 1 लाख 8 हजार के अंदर आते हैं लेकिन दोबारा परीक्षा नहीं चाहते हैं।

सुनवाई से पहले NTA का तर्क

Neet UG 2024 : सुनवाई से पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल कर कहा है कि ये कोई सिस्टमैटिक फेलियर नहीं था। बिहार में जिन घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है, उनकी जांच चल रही है। एजेंसी का कहना है कि बिहार की घटना एक आपराधिक गतिविधि है। बिहार पुलिस ने जांच शुरू की थी, जिसे EOU विंग को सौंप दिया गया था। इसके बाद केंद्रीय स्तर पर नीट मामलों की जांच CBI को ट्रांसफर कर दी गई।

NTA ने इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद 17 संदिग्ध उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए हैं। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की बेंच ने मामले की पहली सुनवाई के दौरान NEET विवाद से जुड़े 4 स्टेक होल्डर्स – NTA, CBI, केंद्र सरकार और रीटेस्ट की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं से रिपोर्ट मांगी थी। पिछले बुधवार (10 जुलाई) तक सभी पक्षों ने रिपोर्ट सौंप दी थी।

Neet UG 2024 : केंद्र सरकार और NTA ने भी कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि री-एग्जाम नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार ने IIT मद्रास की हाई लेवल जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के सबूत नहीं हैं, इसलिए री-एग्जाम नहीं करवाना चाहते। वहीं NTA ने अपने हलफनामे में भी दोबारा परीक्षा नहीं लिए जाने की बात कही है। इसका कहना है कि पेपर लीक का जो वीडियो टेलीग्राम पर वायरल हुआ था, वो फेक है।

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Neet UG 2024: नीट पेपर से 400 करोड़ रेवेन्यू? श्रीमान सॉलिसिटर, परीक्षा से कितना राजस्व आता है?’, मेहता का जवाब सुन CJI चंद्रचूड़ हैरान !

सुप्रीम कोर्ट में 40 से ज्यादा याचिकाएं

NEET-UG परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 40 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग संस्थानों ने लगाई हैं, जबकि बचाव में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 4 याचिकाएं लगाई हैं। इनके अलावा कुछ और याचिकाएं भी हैं।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Neet UG 2024 : सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा था, “पेपर लीक हुआ है, ये तो साफ है, लेकिन सवाल है कि इसका दायरा कितना बड़ा है।” कोर्ट ने कहा था, “कुछ छात्रों की गड़बड़ी के चलते पूरी परीक्षा कैंसिल नहीं कर सकते। हालांकि दोषियों की पहचान नहीं हुई तो ऐसी नौबत आ सकती है। साथ ही ये भी कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए पेपर लीक हुआ है तो ये जंगल में आग की तरह फैलता है। क्या ये पता नहीं लगा सकते कि पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है या नहीं?”

मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों से रिपोर्ट मांगी थी। केंद्र की ओर से दायर किए गए हलफनामे के साथ ही सभी पक्षों की ओर से रिपोर्ट पूरी हो गई है और अब 18 जुलाई को CJI की बेंच दूसरी सुनवाई करेगी। इस बेंच में CJI के अलावा जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला?

Neet UG 2024 : NEET-UG परीक्षा में अमूमन कुछ छात्र ही टॉप करते हैं, लेकिन 2024 यानी इस बार की परीक्षा में कुल 67 छात्रों ने 720 नंबर हासिल किए थे। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था। मेरिट लिस्ट में हरियाणा के एक केंद्र के 6 छात्र शामिल थे, जिससे एग्जाम में गड़बड़ी का शक पैदा हुआ। फिर सामने आया कि ग्रेस मार्क के चलते 67 छात्रों को टॉप रैंक हासिल करने में मदद मिली। लेकिन कैलकुलेशन भी गड़बड़ पाया गया।

NEET-UG परीक्षा को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 13 जून को 1,563 छात्रों को मिले ग्रेस मार्क्स को रद्द कर दिया था। इन छात्रों को दो विकल्प दिए थे। पहला विकल्प ये था कि या तो ये छात्र बगैर किसी ग्रेस मार्क्स के NEET-UG की काउंसलिंग में शामिल हों या फिर दोबारा से परीक्षा दें।

देशभर में अलग-अलग जगहों पर विरोध और प्रदर्शन हुए। मामले में एक के बाद एक कई याचिकाएं दाखिल की गईं। अलग-अलग राज्यों की पुलिस के अलावा CBI ने भी अपने स्तर से जांच शुरू की है। इस मामले में अब तक 7 राज्यों से 42 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

Mukesh Sahani | Unemployment |Muslim women Alimony

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