Prashant Kishor Party: बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान, मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने पर चर्चा |
Prashant Kishor Party: बिहार की सियासत में जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों सुर्खियों में हैं। पिछले दो वर्षों से प्रशांत किशोर बिहार के सभी जिलों में पदयात्रा कर रहे हैं और विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। उन्होंने पहले ही घोषणा की थी कि 2 अक्टूबर 2024 को पार्टी का गठन होगा।
Prashant Kishor Party: इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उनकी पार्टी बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 75 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारेगी। पार्टी के मामलों को देखने के लिए 21 नेताओं की एक कमेटी भी गठित की जाएगी। प्रशांत किशोर का यह कदम बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है और सभी प्रमुख दलों की रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है।
Prashant Kishor Party: प्रशांत किशोर की इस घोषणा से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है और सभी दल उनकी रणनीति को लेकर सतर्क हो गए हैं। उनका यह निर्णय विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे वह इस समुदाय के वोट बैंक को आकर्षित कर सकें। प्रशांत किशोर की यह पहल आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और राज्य की राजनीति को नई दिशा दे सकती है।
महिलाओं की भागीदारी पर प्रशांत किशोर क्या बोले?
Prashant Kishor Party: दल बनाने की घोषणा के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा था कि बिहार की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी एक नया दल चाहती है। लोग मानते हैं कि अगर बिहार में सुधार लाना है, तो राज्य में एक नया दल या नया विकल्प जरूरी है।
Prashant Kishor Party: प्रशांत किशोर ने पार्टी में महिलाओं की भागीदारी को लेकर भी बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जन सुराज आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेगा। हर लोकसभा क्षेत्र के भीतर आने वाली एक विधानसभा सीट से कम से कम एक महिला को चुनाव लड़ाया जाएगा।
Prashant Kishor Party: प्रशांत किशोर का यह निर्णय बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे महिलाओं को राजनीतिक मंच पर अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा और उनकी आवाज़ को प्रमुखता दी जाएगी। यह कदम राज्य की राजनीति में महिलाओं की स्थिति को सशक्त बनाने में सहायक हो सकता है और समाज में उनके योगदान को मान्यता दिला सकता है।
आरजेडी के वोट बैंक में कर सकते हैं सेंधमारी
Prashant Kishor Party: बिहार में वर्तमान राजनीतिक समीकरण के अनुसार मुख्य मुकाबला महागठबंधन और एनडीए के बीच है। लेकिन प्रशांत किशोर की पार्टी के प्रवेश के बाद यह मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा। महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी शामिल हैं। वहीं, एनडीए में बीजेपी, जेडीयू, आरएलएम, एलजेपी आर और ‘हम’ पार्टी प्रमुख हैं।
Prashant Kishor Party: जातिगत समीकरण की बात करें तो महागठबंधन में आरजेडी का सबसे मजबूत वोट बैंक है। आरजेडी मुस्लिम और यादव समीकरण वाली पार्टी मानी जाती है, लेकिन मुस्लिम समुदाय को लेकर प्रशांत किशोर के ऐलान से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की परेशानी बढ़ सकती है। प्रशांत किशोर की पार्टी ने 75 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है, जिससे मुस्लिम वोट बैंक में विभाजन होने की संभावना है। यह विभाजन आरजेडी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि मुस्लिम वोटर्स उनके प्रमुख समर्थक हैं।
Prashant Kishor Party: इसके अलावा, प्रशांत किशोर की पार्टी के आने से बिहार की राजनीति में नई चुनौतियाँ और संभावनाएँ पैदा हो सकती हैं। उनकी पार्टी का उद्देश्य बिहार के विकास और सुधार के लिए नया विकल्प प्रदान करना है, जो अन्य दलों की रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है।
Prashant Kishor Party: प्रशांत किशोर ने महिलाओं की भागीदारी को भी प्राथमिकता दी है। उन्होंने हर लोकसभा क्षेत्र की एक विधानसभा सीट से कम से कम एक महिला को चुनाव लड़ाने की घोषणा की है। यह कदम राज्य में महिलाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस प्रकार, प्रशांत किशोर की पार्टी की एंट्री बिहार की राजनीति में कई नए समीकरण बना सकती है और मौजूदा दलों के लिए नई चुनौतियाँ प्रस्तुत कर सकती है।
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