Muizzu India Tensions: मालदीव को सैलरी देने में आई मुश्किल, भारत से टकराव मुइज्जू पर पड़ा भारी, कर्ज लेने की नौबत |

Muizzu India Tensions: मोहम्मद मुइज्जू की नीतियों से मालदीव आर्थिक संकट में, कर्मचारियों की सैलरी देने को नहीं बचे पैसे |

Muizzu India Tensions: मालदीव को सैलरी देने में आई मुश्किल, भारत से टकराव मुइज्जू पर पड़ा भारी, कर्ज लेने की नौबत |
Muizzu India Tensions: मालदीव को सैलरी देने में आई मुश्किल, भारत से टकराव मुइज्जू पर पड़ा भारी, कर्ज लेने की नौबत |

Muizzu India Tensions: भारत के साथ दुश्मनी कर रहे चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद, देश की स्थिति तेजी से deteriorate हो रही है, जिससे मालदीव के नागरिकों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। पर्यटन का स्वर्ग कहे जाने वाले इस द्वीप देश की आर्थिक व्यवस्था इस हद तक कमजोर हो गई है कि सरकारी कर्मचारियों को समय पर सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।

Muizzu India Tensions: मालदीव के समाचार पोर्टल अधाधू की रिपोर्ट के अनुसार, मुइज्जू सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान करने के लिए बैंक ऑफ मालदीव से 800 मिलियन एमवीआर का कर्ज लिया है। इस कर्ज को प्राप्त करने के लिए सरकार को मजबूरन कदम उठाना पड़ा, जो दर्शाता है कि देश की आर्थिक स्थिति कितनी खराब है। यह कर्ज वित्त मंत्रालय के माध्यम से जारी किया गया है और इसके पीछे की वास्तविकता यह है कि सरकार अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में असमर्थ हो गई है।

Muizzu India Tensions: विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की स्थिति देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। वे चेतावनी दे रहे हैं कि अगर जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो मालदीव की अर्थव्यवस्था और भी अधिक बुरी स्थिति में जा सकती है। इस बीच, भारत ने मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज की अदायगी के समय को एक वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है, जो एक सकारात्मक संकेत है। इससे मालदीव को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन इसके बावजूद, मुइज्जू की नीतियों के परिणामस्वरूप देश के सामने बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

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Muizzu India Tensions: भारत ने कर्ज चुकाने में दी मोहलत

Muizzu India Tensions: मालदीव को पिछले महीने 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज का भुगतान करना था, लेकिन गंभीर आर्थिक संकट के कारण राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत सरकार से मोहलत की मांग की। यह स्थिति मालदीव की वित्तीय स्वास्थ्य को दर्शाती है, जो लगातार deteriorate हो रहा है। इस संकट को देखते हुए, मुइज्जू सरकार ने जून में खर्च में कटौती करने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा था कि “हमने राज्य के खर्च को कम करने के लिए कई उपायों को लागू करने का फैसला लिया है।”

Muizzu India Tensions: इसमें राजनीतिक पदों की संख्या में कमी, लागत में कटौती और विभिन्न समारोहों को आयोजित न करने जैसे उपाय शामिल हैं। सरकार की ये कार्रवाईयां दिखाती हैं कि वे आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए गंभीर हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या ये उपाय पर्याप्त होंगे। आर्थिक संकट ने मालदीव के विकास को प्रभावित किया है, और सरकार को अभी भी लंबी राह तय करनी है। ऐसे में मुइज्जू की नीतियों और निर्णयों का प्रभाव आने वाले समय में मालदीव की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

Muizzu India Tensions: मालदीव को सैलरी देने में आई मुश्किल, भारत से टकराव मुइज्जू पर पड़ा भारी, कर्ज लेने की नौबत |
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Muizzu India Tensions: मालदीव में आर्थिक संकट का कौन जिम्मेदार?

Muizzu India Tensions: विशेषज्ञों का मानना है कि मालदीव में आर्थिक संकट के पीछे सरकारी खर्च में बेतहाशा वृद्धि है। राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू ने सत्ता संभालने के बाद तुर्की से 37 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ड्रोन खरीदने का फैसला किया, जो आर्थिक संकट को और गहरा करने वाला कदम था। ऐसे महंगे खर्चों के चलते सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ गया है।इस साल की शुरुआत में, मालदीव ने भारत को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज ब्याज सहित चुकाया, जबकि उस समय इसे चुकाने की कोई बाध्यता नहीं थी। यह निर्णय भी वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में संदिग्ध माना जा रहा है।

Muizzu India Tensions: इन खर्चों ने देश की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है और इससे सरकार की प्राथमिकताएँ भी सवालों के घेरे में आ गई हैं। मालदीव की सरकार को अब जरूरत है कि वे खर्चों को नियंत्रित करने के साथ-साथ आर्थिक सुधार के प्रभावी कदम उठाएं, ताकि देश की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके। यदि ये स्थितियाँ यूँ ही बनी रहीं, तो मालदीव को और भी गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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