- Sunil Jakhar Resignation: पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अध्यक्ष पद छोड़ने का संकेत दिया, रणनीति से असंतुष्ट हैं!
- Sunil Jakhar Resignation: बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से बढ़ी नाराजगी
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- Sunil Jakhar Resignation: जाखड़ के नेतृत्व में बीजेपी नहीं जीत पाई 1 भी सीट
- Sunil Jakhar Resignation: सुनील जाखड़ का सियासी सफर
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Sunil Jakhar Resignation: पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अध्यक्ष पद छोड़ने का संकेत दिया, रणनीति से असंतुष्ट हैं!
Sunil Jakhar Resignation: पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अध्यक्ष पद से हटने की इच्छा व्यक्त की है। हाल ही में हुई सदस्यता अभियान की बैठक में उनकी अनुपस्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि वे पार्टी की दिशा को लेकर असंतुष्ट हैं। जाखड़, जो पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा माने जाते हैं, ने एक हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान अपनी नाखुशी जाहिर की थी। हालांकि, उन्होंने अभी तक लिखित में अपने इस्तीफे की प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
Sunil Jakhar Resignation: यह ध्यान देने योग्य है कि पंजाब में दो दिन पहले पंचायत चुनावों की घोषणा की गई है। मतदान 15 अक्टूबर को होगा, और सरपंच तथा पंच पद के लिए नामांकन 27 से 4 अक्टूबर के बीच दाखिल किए जाएंगे। ऐसे में अगर सुनील जाखड़ अपना पद छोड़ते हैं, तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। पार्टी को अपनी रणनीति में तात्कालिक बदलाव लाना होगा ताकि चुनावी तैयारियों में कोई कमी न रह जाए। जाखड़ का नेतृत्व पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, और उनका संभावित इस्तीफा आगामी चुनावों पर गंभीर असर डाल सकता है।
Sunil Jakhar Resignation: बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से बढ़ी नाराजगी
यह भी जानकारी मिल रही है कि सुनील जाखड़ केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को लेकर भी असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि बीजेपी ने बिट्टू को लोकसभा चुनाव में हारने के बाद भी राजस्थान से राज्यसभा में भेजा, जिससे जाखड़ को पार्टी की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने का अवसर मिला है। जाखड़ की नाराजगी पार्टी के भीतर गहरे मतभेदों को उजागर करती है, जो पंजाब की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है। इस स्थिति से जाखड़ के अध्यक्ष पद से हटने की संभावनाएं और बढ़ गई हैं, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन सकती है।
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Sunil Jakhar Resignation: जाखड़ के नेतृत्व में बीजेपी नहीं जीत पाई 1 भी सीट
करीब चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में पंजाब में बीजेपी को कोई भी सीट हासिल नहीं हुई। हालांकि, सुनील जाखड़ के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है। चुनाव में बीजेपी को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर रखा गया, जहाँ उसे लगभग 18 प्रतिशत वोट मिले। जाखड़ के नेतृत्व में पार्टी ने अपनी स्थिति को थोड़ा सुदृढ़ किया है, लेकिन फिर भी चुनावी नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब में बीजेपी को अभी और मेहनत करनी होगी। भविष्य में बेहतर परिणाम के लिए पार्टी को अपनी रणनीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है।
Sunil Jakhar Resignation: सुनील जाखड़ का सियासी सफर
Sunil Jakhar Resignation: सुनील जाखड़ पंजाब के अबोहर जिले के गांव पंचकोसी के निवासी हैं। उन्होंने 2002 में पहली बार अबोहर शहर से विधायक के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इस सीट से वे तीन बार विधायक बने हैं, जो उनके राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है। जाखड़ ने 2012 से 2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया, जिससे उन्हें विधानसभा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिला।
Sunil Jakhar Resignation: 19 मई 2022 को सुनील जाखड़ ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने का निर्णय लिया। उनके इस कदम ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी, और इसके बाद पार्टी ने उन्हें पंजाब बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया। जाखड़ के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही उन्होंने अपनी राजनीतिक रणनीतियों को बदलने की कोशिश की, ताकि पंजाब में पार्टी की स्थिति को मजबूत किया जा सके। उनके नेतृत्व में बीजेपी ने पंजाब में अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाने की कोशिश की है, जो राज्य में राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जाखड़ का अनुभव और उनके नेतृत्त्व कौशल पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
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