Suraj Pal Amu Resigns: हरियाणा में सूरज पाल अम्मू की बीजेपी से इस्तीफा, सियासी हलचल में बड़ा झटका |
Suraj Pal Amu Resigns: सूरज पाल अम्मू ने बीजेपी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है, और इस निर्णय की पीछे की वजह उनकी भी व्यक्त की जा रही है। अम्मू ने अपने इस निर्णय के पीछे कई कारणों को दिया है, जिनमें से कुछ को वह सार्वजनिक रूप से नहीं घोषित कर रहे हैं।
लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वे पार्टी की कार्रवाई और उसकी नीतियों से असंतुष्ट थे। यह इस घटना का पीछा और सूरज पाल अम्मू के इस्तीफे के पीछे का संदेह देता है।
Suraj Pal Amu Resigns: लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में बीजेपी को महत्वपूर्ण झटका पहुंचा है। हरियाणा बीजेपी के प्रमुख राजपूत नेता सूरज पाल अम्मू ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी उम्मीदवार पुरुषोत्तम रूपाला की राजपूत समुदाय को लेकर दी गई टिप्पणी से असंतुष्ट होकर यह निर्णय लिया है। अम्मू ने इस्तीफा पत्र में अपने असंतोष का व्यक्तिगत कारण बताया है, जिसमें उनकी राजपूत समाज के नेतृत्व के संदर्भ में भावुकता और आपत्ति दोनों शामिल हैं। यह घटना हरियाणा की राजनीतिक दलीलों में एक नया अद्याय खोलती है और बीजेपी के चुनावी रणनीतिकों पर सवाल उठाती है।
Suraj Pal Amu Resigns: सूरज पाल अम्मू ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी की वजह बताई। पत्र में अम्मू ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार द्वारा क्षत्रिय समाज के बारे में टिप्पणी करने के बाद उन्हें प्रत्याशी बनाना और उन्हें संरक्षण देने से मन दुखी है और इसी दुखी मन के साथ आज मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने अपनी नाराजगी को प्रकट किया और अपने आत्मघाती निर्णय का कारण बताया। यह घटना बीजेपी में आंदोलन और आंदोलनों के बीच विभाजन का एक और उदाहरण प्रस्तुत करती है। अम्मू का इस्तीफा देना उनके साथी नेताओं को चौंका दिया है और इसने पार्टी की ताक़त को कमजोर किया है।
Suraj Pal Amu Resigns: जेपी नड्डा को लिखे पत्र में सूरज पाल अम्मू ने यह भी लिखा, “मैंने 34 साल तक पार्टी के लिए निस्वार्थ काम किया, उसके बावजूद कभी टिकट की अभिलाषा नहीं रखी, लेकिन साल 2014 के बाद से राजनीति में भी क्षत्रिय समाज का प्रतिनिधित्व कम किया जा रहा है। इसके अलावा कद्दावर नेताओं को भी पार्टी से दरकिनार किया जा रहा है।” अम्मू ने अपने इस विवादास्पद निर्णय को स्पष्ट किया और अपने अंतिम संदेश में अपनी पार्टी में दिए गए वर्षों के सेवानिवृत्ति को उजागर किया। यह पत्र बीजेपी में और भी असमंजस और विवाद का कारण बन गया है, जो क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर उभर रहा है। इससे पार्टी की ताकत पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
Suraj Pal Amu Resigns: करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, “पद्मावत फिल्म की रिलीज के समय क्षत्रिय समाज के सम्मान को बचाने के लिए सड़कों पर उतरे नौजवानों पर जबरन मुकदमे दर्ज कर हमारे हजारों नौजवानों का भविष्य बर्बाद करने की कार्रवाई बीजेपी शासित प्रदेशों में की गई।” उन्होंने इस कार्रवाई को संविधान और समाज के धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया और इसे एक आपत्तिजनक कदम के रूप में देखा। सेना ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे क्षत्रिय समाज के सम्मान पर हमला किया जा रहा है और नौजवानों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बीजेपी की सरकारों को इस कार्रवाई को रोकने की अपील की है।
Suraj Pal Amu Resigns: बता दें कि बीजेपी नेता और प्रत्याशी पुरुषोत्तम रूपाला पर राजपूत समाज के लिए टिप्पणी करने का आरोप है, जिसके बाद से राजपूत समाज की तरफ से बीजेपी के लिए नाराजगी की खबरें आ रही हैं। वहीं अब इसका असर हरियाणा में भी देखने को मिला है, पार्टी के बड़े नेता ने अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपने इस निर्णय में अपनी असंतोषी भावना को व्यक्त किया और पार्टी के तीव्र और गंभीर विचार-विमर्श के माध्यम से बयान किया। इससे पार्टी की आने वाली राजनीतिक दिशा को लेकर संदेह पैदा हो रहा है और राजपूत समुदाय में अधिक उबाऊ हो रहा है।
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