Green Budget ’24 : ग्रीन इकोनॉमी (Green Budget ’24 🙂 बजट 2024: सरकार की नीतियों से आपकी सेहत पर सकारात्मक असर, स्वच्छ ऊर्जा और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में कदम।
Green Budget ’24 : ग्रीन इकोनॉमी (Green Budget ’24 🙂 सिर्फ पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। यदि हम ग्रीन इकोनॉमी (Green Budget ’24 🙂 की तरफ नहीं बढ़े तो देश को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। ग्रीन इकोनॉमी (Green Budget ’24 🙂 का मतलब है ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना विकास करें। इसका मकसद पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कामों को कम करना और पर्यावरण के संसाधनों का सही इस्तेमाल करना है। यानी पैसा कमाने के साथ-साथ धरती को बचाना भी आवश्यक है।
2024-2025 के अंतरिम बजट में हरित विकास को प्राथमिकता दी गई है। सरकार ने ग्रीन क्रेडिट्स, एनर्जी, ट्रांसपोर्ट और खेती के लिए पैसे दिए हैं। वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि हमें कोयला, पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधन का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए और सूरज की रोशनी, हवा और पानी से बिजली बनानी चाहिए। इससे हमें बिजली की कमी नहीं होगी और इसकी कीमत भी कम होगी।
लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार जलवायु परिवर्तन की समस्याओं को दूर करने के लिए भी पैसे देगी? खासकर उन लोगों की मदद के लिए जो जलवायु परिवर्तन से ज्यादा प्रभावित हैं। जैसे कि गर्मी और बाढ़ जैसी आपदाओं से लोगों को बचाना और उन्हें इनके लिए तैयार करना।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी। उनसे रोजगार सृजन और हरित विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने की उम्मीद है। ग्रीन इकोनॉमी (Green Budget ’24 🙂 के द्वारा न केवल पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए जा सकते हैं। इससे न केवल हमारी सेहत बेहतर होगी, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
अंतरिम बजट में ग्रीन और ब्लू इकोनॉमी के लिए नई योजनाएं
हाल ही में पेश हुए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रीन और ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की। वित्त मंत्री ने बताया कि समुद्र की हवा से बिजली बनाने के लिए सरकार सहायता प्रदान करेगी। शुरुआत में एक गीगावाट बिजली बनाने की योजना है। 2030 तक कोयले से गैस और तरल पदार्थ बनाने की 100 मीट्रिक टन की क्षमता तैयार की जाएगी, जिससे देश को प्राकृतिक गैस, मीथेनॉल और अमोनिया बाहर से मंगाने की जरूरत कम पड़ेगी।
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि धीरे-धीरे करके गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी गैस में बायोगैस मिलाई जाएगी। इसके अलावा, घरों में पाइप के जरिए दी जाने वाली गैस में भी बायोगैस मिलाने की योजना है। जो लोग बायोमास इकट्ठा करने के लिए मशीन खरीदना चाहते हैं, उन्हें सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी।
ये योजनाएं न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ग्रीन और ब्लू इकोनॉमी के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, जिससे प्रदूषण कम होगा और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री की इन पहलों से देश को स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा के नए विकल्प मिलेंगे, जो आने वाले समय में आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से लाभकारी सिद्ध होंगे।
अंतरिम बजट में ग्रीन और ब्लू इकोनॉमी के लिए नई योजनाएं
हाल ही में पेश हुए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रीन और ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की। वित्त मंत्री ने बताया कि समुद्र की हवा से बिजली बनाने के लिए सरकार सहायता प्रदान करेगी। शुरुआत में एक गीगावाट बिजली बनाने की योजना है। 2030 तक कोयले से गैस और तरल पदार्थ बनाने की 100 मीट्रिक टन की क्षमता तैयार की जाएगी, जिससे देश को प्राकृतिक गैस, मीथेनॉल और अमोनिया बाहर से मंगाने की जरूरत कम पड़ेगी।
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि धीरे-धीरे करके गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी गैस में बायोगैस मिलाई जाएगी। इसके अलावा, घरों में पाइप के जरिए दी जाने वाली गैस में भी बायोगैस मिलाने की योजना है। जो लोग बायोमास इकट्ठा करने के लिए मशीन खरीदना चाहते हैं, उन्हें सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी।
ये योजनाएं न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ग्रीन और ब्लू इकोनॉमी के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, जिससे प्रदूषण कम होगा और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री की इन पहलों से देश को स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा के नए विकल्प मिलेंगे, जो आने वाले समय में आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से लाभकारी सिद्ध होंगे।