Sawan Ekadashi 2024: सावन शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी का महत्व; व्रत से मिलेगी संतान सुख की प्राप्ति, भर जाएगी सूनी गोद |
Sawan Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और घर में खुशहाली का माहौल रहता है। वर्ष भर में 24 एकादशियाँ आती हैं, जिनका अपना-अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। प्रत्येक एकादशी के दिन व्रत करने से भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और उनके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
Sawan Ekadashi 2024: विशेष रूप से सावन महीने में आने वाली पुत्रदा एकादशी को अत्यंत लाभकारी माना गया है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, और यह व्रत संतान प्राप्ति के इच्छुक दंपतियों के लिए विशेष फलदायी माना गया है। इस व्रत के पालन से भगवान की कृपा से परिवार में संतान सुख की प्राप्ति होती है, जिससे सूनी गोद भर जाती है।
इसके अलावा, पौष माह में भी पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। दोनों ही समयों में इस व्रत का पालन करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। पुत्रदा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में एक अद्वितीय स्थान रखता है।
सावन पुत्रदा एकादशी कब (Sawan Ekadashi 2024 Date)
Sawan Ekadashi 2024: पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 2024 में सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत शुक्रवार, 16 अगस्त को रखा जाएगा। यह दिन संतान सुख की कामना करने वाले भक्तों के लिए अत्यधिक शुभ माना गया है। पुत्रदा एकादशी का व्रत उन दंपतियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। इस व्रत को विधिपूर्वक रखने से भगवान विष्णु की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में खुशहाली और समृद्धि का संचार होता है।
Sawan Ekadashi 2024: व्रतधारी इस दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और पूरे दिन उपवास रखकर भगवान के नाम का स्मरण करते हैं। इस एकादशी के व्रत का पालन करने के बाद, 17 अगस्त को व्रत का पारण किया जाएगा। पारण का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि व्रत के समापन के बाद ही भक्त अन्न ग्रहण करते हैं। पारण विधि के दौरान भगवान को भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाता है, जिससे व्रत की पूर्णता होती है। पुत्रदा एकादशी व्रत के प्रभाव से भक्तों को संतान सुख के साथ-साथ जीवन में समृद्धि और शांति प्राप्त होती है, जिससे परिवार में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
- सावन एकादशी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त सुबह 10 बजकर 26 मिनट से
- सावन एकादशी तिथि समाप्त: 16 अगस्त सुबह 09 बजकर 39 मिनट पर
- पुत्रदा एकादशी पारण का समय: 17 अगस्त सुबह 05 बजकर 51 मिनट से 08 बजकर 5 मिनट तक.
पुत्रदा एकादशी का महत्व (Sawan Ekadashi 2024 Importance)
Sawan Ekadashi 2024: ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, सावन माह में आने वाली पुत्रदा एकादशी का हिंदू धर्म में अत्यंत विशिष्ट स्थान है। इस पावन दिन पर भक्तगण भगवान विष्णु और उनके अवतार श्रीकृष्ण की श्रद्धापूर्वक पूजा करते हैं। यह दिन उन दंपतियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो संतान सुख की आकांक्षा रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का विधि-विधान से व्रत और पूजन करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण होती है और परिवार में खुशहाली का संचार होता है।
Sawan Ekadashi 2024: व्रत के दौरान, उपासक सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और भगवान विष्णु के समक्ष दीप प्रज्वलित करके मंत्रोच्चार करते हैं। दिनभर उपवास रखते हुए, भक्त भगवान के नाम का जप और भजन-कीर्तन में समय बिताते हैं। संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर भगवान की आरती की जाती है। इस व्रत का पालन करने से न केवल संतान सुख की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में समृद्धि और शांति भी आती है।
Sawan Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी का व्रत करने वाले भक्तों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे व्रत के सभी नियमों का पालन करें और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए सत्यनिष्ठा और श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करें। इस विशेष दिन का आध्यात्मिक महत्व जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होता है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि और आनंद का वातावरण बनता है।
Sawan Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी का व्रत उन दंपतियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है जो संतान की प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। इस व्रत का पालन विशेष रूप से माताओं द्वारा किया जाता है, क्योंकि यह न केवल संतान प्राप्ति में सहायक होता है, बल्कि संतान के जीवन को भी सुखी और स्वस्थ बनाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करने से संतान से जुड़े सभी कष्ट और परेशानियाँ दूर होती हैं।
Sawan Ekadashi 2024: इस व्रत का पालन करने वाली माताओं को यह विश्वास होता है कि उनकी संतान को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होगा। व्रत के दौरान, माता-पिता संतान की सुख-समृद्धि और आरोग्यता के लिए भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं। यह व्रत संतान को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और खुशहाली प्रदान करता है, साथ ही उनकी रक्षा भी करता है।
पुत्रदा एकादशी का व्रत केवल संतान प्राप्ति के लिए ही नहीं, बल्कि संतान के जीवन को सफल और समृद्ध बनाने के लिए भी किया जाता है। इस व्रत का पालन करने से परिवार में शांति, समृद्धि, और सौहार्द बना रहता है, जिससे पूरे परिवार को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पुत्रदा एकादशी पर करें ये उपाय (SawanEkadashi 2024 Upay)
- पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान से संबंधति है. ऐसे में इस दिन आप तांबे के जटा वाले लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) की मूर्ति घर लाकर इनकी सेवा और पूजा करें. इससे उत्तम संतान का जन्म होता है.
- यदि आपके संतान को किसी तरह का मानसिक तनाव है तो इसके लिए पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु को पूजा में पीले रंग के फूलों की माला अर्पित करें और चंदन का तिलक लगाएं. बच्चों को साथ बिठाकर पूजा करें और विद्या यंत्र की स्थापना करें.
- संतान के करियर-कारोबार में किसी प्रकार की समस्या हो तो इसके लिए आप पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं. खीर में तुलसी पत्ता जरूर मिलाएं.
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