Sawan 2024: सावन में रुद्राभिषेक का क्या महत्व है, घर में इसे कैसे करते हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
Sawan 2024: सावन में शिव जी को खुश करना चाहते हैं तो घर में विधि अनुसार रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) जरुर करें, मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से अनेकों लाभ मिलते हैं.
Sawan 2024: सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, विशेषकर भगवान शिव की उपासना के लिए। इस वर्ष 2024 में सावन 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक रहेगा। शिव भक्तों को इस वर्ष 29 दिनों का समय मिलेगा भोलेनाथ की आराधना के लिए। इस अवधि में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं सावन में रुद्राभिषेक करने के धार्मिक लाभ और विधि:
Sawan 2024: रुद्राभिषेक का धार्मिक लाभ:
- पापों से मुक्ति: रुद्राभिषेक करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: भगवान शिव की कृपा से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: रुद्राभिषेक से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
- शत्रु नाश: शत्रुओं से रक्षा होती है और जीवन में शांति बनी रहती है।
Sawan 2024 : रुद्राभिषेक की विधि:
- सामग्री:
- गंगाजल या शुद्ध जल
- दूध
- दही
- घी
- शहद
- शक्कर
- बेलपत्र
- धतूरा
- भांग
- चंदन
- फूल
- धूप-दीप
- विधि:
- प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग के समक्ष दीप जलाएं और पूजा स्थल को साफ करें।
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से अभिषेक करें।
- इसके बाद गंगाजल या शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
- चंदन, धतूरा, भांग, बेलपत्र और फूल अर्पित करें।
- शिव मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हुए रुद्राभिषेक करें।
- अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।
सावन का यह पवित्र महीना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन को धन्य बनाने का सर्वोत्तम समय है। रुद्राभिषेक की विधि को विधिवत पालन करते हुए हम अपनी सभी इच्छाओं को पूर्ण कर सकते हैं
Sawan 2024: सावन में रुद्राभिषेक का महत्व (Sawan Rudrabhishek Significance)
Sawan 2024: सावन में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है। शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव के रूद्र अवतार की विधि पूर्वक पूजा करने से मनुष्यों को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और उनके जीवन में समृद्धि आती है। यहाँ सावन में रुद्राभिषेक के महत्व को विस्तार से बताया गया है:
Sawan 2024: रुद्राभिषेक का महत्व:
- जीवन के कष्टों से मुक्ति: शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव के रूद्र अवतार का विधि पूर्वक रुद्राभिषेक करने से मनुष्यों को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह पूजा न केवल शारीरिक और मानसिक कष्टों को दूर करती है, बल्कि आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करती है।
- धन में वृद्धि: सावन के महीने में विशेष रूप से सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। यह आर्थिक समस्याओं को दूर करने और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में सहायक होता है।
- कालसर्प दोष से मुक्ति: सावन में रुद्राभिषेक करना कालसर्प दोष दूर करने के लिए सर्वोत्तम माना गया है। यह पूजा राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को कम करती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है।
- दांपत्य जीवन में मधुरता: पति-पत्नी यदि साथ में घर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें तो उनके दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ती है। इससे पारिवारिक जीवन में खुशहाली और सामंजस्य बना रहता है।
- ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करना: सावन में रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। विशेषकर शनि की महादशा से पीड़ित लोगों को सावन में रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए, जिससे शनि के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं और जीवन में शांति और संतुलन आता है।
सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। रुद्राभिषेक की यह पूजा विधि मनुष्य को न केवल भौतिक सुख-संपत्ति प्रदान करती है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और शांति भी देती है
Sawan 2024: मां पार्वती ने किया शिव को प्रसन्न
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सावन के महीने कठोर तपस्या की थी, अन्न-जल का त्याग कर भोलेनाथ का ध्यान, रुद्राभिषेक किया था. इसके परिणाम स्वरूप देवी पार्वती को शिव जी पति रूप में मिले.
Sawan 2024: घर में कैसे करें रुद्राभिषेक (Rudrabhishek Vidhi)
- सावन सोमवार पर आप मंदिर या घर पर भी शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर सकते हैं.
- रुद्राभिषेक से पूर्व भगवान गणेश, माता पार्वती, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, नवग्रह, पृथ्वी माता, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का ध्यान कर उनकी पूजा करें.
- जो लोग रुद्राभिषेक कर रहे हैं उनका मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए.
- श्रृंगी (अभिषेक करने का यंत्र) में गंगाजल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें. इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
- अब दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, इत्र महादेव को चढ़ाएं.
- अब सफेद चंदन का लेप बनाकर शिवलिंग का श्रृंगार करें.
- शिव को प्रिय वस्तु पान का पत्ता, अक्षत, अबीर, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, आक के फूल, भस्म, नारियल आदि उन्हें अर्पित करें और भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं.
- अंत में आरती करें और अभिषेक के जल को पूरे घर में छिड़क दें.
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