S Jaishankar News: विदेश मंत्री के तौर पर नियुक्त होने के बाद, एस जयशंकर ने PoK पर उठाए गए सवाल का अनोखा जवाब दिया |

S Jaishankar News: विदेश मंत्री के तौर पर नियुक्त होने के बाद, एस जयशंकर ने PoK पर उठाए गए सवाल का अनोखा जवाब दिया |

S Jaishankar News: एनडीए सरकार की मुख्य चुनौती , पाकिस्तान और चीन को विदेश मंत्री की निगरानी में रखना |

S Jaishankar News: विदेश मंत्री के तौर पर नियुक्त होने के बाद, एस जयशंकर ने PoK पर उठाए गए सवाल का अनोखा जवाब दिया |
S Jaishankar News: विदेश मंत्री के तौर पर नियुक्त होने के बाद, एस जयशंकर ने PoK पर उठाए गए सवाल का अनोखा जवाब दिया |

 Today Breaking News डॉ. एस जयशंकर ने विदेश मंत्री के रूप में अपनी पदभार निभाने की शुरुआत बेहद जिम्मेदारीभरी ढंग से की है। उन्होंने मंगलवार को (11 जून) विदेश मंत्रालय में अपनी पहली बैठक बुलाई और वहां पाकिस्तान के कब्जे में होने वाले कश्मीर (पीओके) और चीन के साथ संबंधों पर बातचीत की।

S Jaishankar News: उन्होंने साफ तौर पर यह बताया कि भारत का स्थानिकरण होने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह विश्वस्तरीय विषय है। उन्होंने समझाया कि विशेषतः पाकिस्तान-चीन के बीच हाल ही में हुए तनाव को समझने और उसके समाधान के लिए संवाद जारी रखना महत्वपूर्ण है।

इससे पहले, जब भारत ने पाकिस्तान के साथ शुरुआती संवाद के लिए पहुंच दिखाई, तो यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि एक ऐसा मंत्री हैं, जो संवाद की प्रक्रिया को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इससे देश के बाहरी संबंधों में सुरक्षा और समृद्धि के लिए नए समाधान और संवाद की उम्मीद हो सकती है।

विदेश मंत्री से पीओके के सवाल पर डॉ. जयशंकर ने एक अनोखा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “कृपया मेरे मुंह में शब्द न डालें।” इससे उनका अभिवादन और दिखाई देने वाली संभावित परिस्थितियों के साथ खुद की भूमिका की भी खुदाई हो रही है।

उन्होंने कहा कि भारत की भूमिका बढ़ती जा रही है और दुनिया भारत को एक दोस्त के रूप में देख रही है, जो संकट के समय में उनके साथ है। उन्होंने नवाज शरीफ के बधाई संदेश को लेकर भी बात की, कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको ‘एक्स’ पर रिप्लाई देने की बजाय सीधे ‘एक्स’ पर रिप्लाई दे दिया है।

यह घटनाएं दिखा रही हैं कि भारत के विदेश मंत्री के रूप में डॉ. जयशंकर का समय सकारात्मक और निर्णायक हो सकता है।

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चीन के साथ सुलझाएंगे सीमा विवाद और पाकिस्तान…: विदेश मंत्री

S Jaishankar News: विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन के साथ आने वाले पांच सालों के रिश्तों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम विवादों को सुलझाने के लिए प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा, “किसी देश में खासतौर पर किसी लोकतंत्र में ये बहुत बड़ी बात होती है, जब लगातार तीन बार किसी सरकार को चुना जाता है। इस वजह से दुनिया को जरूर महसूस होगा कि भारत में राजनीतिक स्थिरता है।”

यह उनके द्वारा कहे गए वचन दर्शाते हैं कि भारत सरकार को विवादों के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता है। इसके अलावा, उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि वह विश्व को भारत के राजनीतिक संवाद में स्थिरता और निष्ठा के प्रति आश्वस्त करना चाहते हैं।

उन्होंने आगे कहा, “जहां तक चीन और पाकिस्तान की बात है, इन देशों के साथ भारत के रिश्ते थोड़े अलग हैं। इस वजह से समस्याएं भी अलग हैं। चीन के संबंध में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान ढूंढना चाहेंगे।”

उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि भारत ने चीन और पाकिस्तान के साथ अलग-अलग रिश्तों की विविधता को समझा है और इसे समझाने के लिए समाधानात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। चीन के साथ बॉर्डर विवादों का समाधान और पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के मुद्दों का समाधान खोजने की प्रक्रिया में यह बात खास ध्यान देने वाली है।

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विदेश मंत्रालय की कमान मिलने पर क्या बोले जयशंकर?

S Jaishankar News: एस जयशंकर ने विदेश मंत्रालय में फिर से नेतृत्व करने पर बताया, “एक बार फिर विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी जाना बेहद सम्मान की बात है। पिछले कार्यकाल में इस मंत्रालय ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। हमने जी20 की अध्यक्षता की, वैक्सीन मैत्री आपूर्ति सहित कोविड की चुनौतियों का सामना किया। हम ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी जैसे महत्वपूर्ण अभियानों के केंद्र भी थे।”

उन्होंने अपने अनुभव का भी जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले कार्यकाल में विविध क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाई और देश की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया। इसके साथ ही, वे अपने नए कार्यकाल में भी इसी दिशा में अग्रसर होने की प्रतिज्ञा करते हुए समाप्त करते हैं।

उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में पीएम मोदी के नेतृत्व में यह मंत्रालय बेहद जन-केंद्रित मंत्रालय बन गया है। आप इसे हमारी बेहतर पासपोर्ट सेवाओं, सामुदायिक कल्याण निधि सहायता के संदर्भ में देख सकते हैं जो हम विदेशों में भारतीयों को देते हैं.” जयशंकर ने कहा, “साथ मिलकर हम भारत को विश्व बंधु के तौर पर स्थापित करेंगे। हम एक ऐसे देश के रूप में स्थापित होंगे, जिस पर लोग भरोसा करते हैं।”

इस बयान से स्पष्ट होता है कि विदेश मंत्रालय का आदान-प्रदान बदल गया है और वह अब विभिन्न सेवाओं और योजनाओं के माध्यम से भारत के नागरिकों के लिए सशक्तिकरण का कार्य कर रहा है। जयशंकर के वचन से साफ है कि वे एक सशक्त विदेश मंत्री के रूप में भारत को विश्व में एक सुरक्षित और विश्वसनीय राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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यूएनएससी की स्थायी सदस्यता पर क्या कहा?

S Jaishankar News: जयशंकर ने आगामी पांच सालों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट के लिए भी बात की। उन्होंने कहा, “इसमें अलग-अलग पहलू हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, मोदी 3.0 की विदेश नीति बहुत सफल होगी। हमारे लिए, भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, न केवल हमारी अपनी धारणा के संदर्भ में बल्कि अन्य देशों की धारणा के संदर्भ में भी।”

उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें भारत की भूमिका वृद्धि की ओर बढ़ते देख रहा है, जो विश्व में दूसरे राष्ट्रों के साथ सहयोग करने के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके साथ ही, उनके विचार से स्पष्ट होता है कि भारत की विदेश नीति में नए दिशानिर्देशों और दृष्टिकोणों के साथ एक नया युग आरंभ हो रहा है।

विदेश मंत्री ने कहा, “उन्हें लगता है कि भारत वास्तव में उनका मित्र है और उन्होंने देखा है कि संकट के समय में, अगर कोई एक देश है जो ग्लोबल साउथ के साथ खड़ा है, तो वह भारत है। उन्होंने देखा है कि जब हमने G20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ की सदस्यता को आगे बढ़ाया तो दुनिया ने हम पर भरोसा किया और हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं, इसलिए हमें भी विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की पहचान निश्चित रूप से बढ़ेगी।”

उनके इस विचार से स्पष्ट होता है कि उन्हें भारत के नेतृत्व और सामर्थ्य पर पूरा विश्वास है और वह देखते हैं कि भारत की ग्लोबल पहचान में भी वृद्धि होगी। इससे सामर्थ्य, सामर्थ्य और संबंधों में भारत का महत्व और भरोसा विश्व भर में बढ़ावा मिलेगा।

 

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