Chinese Citizen Death :जेल में बंद चीनी नागरिक ने अंडकोष को काटा और, कांच से नस काटी एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में इलाज के दौरान मौत हुई !

Chinese Citizen Death :जेल में बंद चीनी नागरिक ने अंडकोष को काटा और, कांच से नस काटी एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में इलाज के दौरान मौत हुई !

Chinese Citizen Death

Chinese Citizen Death : ली जियाकी ने चश्मा का शीशा तोड़कर अपने हाथ की नस, सीने व गले को खरोंचने के साथ-साथ अंडकोष को भी घायल कर लिया था।

Chinese Citizen Death
Chinese Citizen Death :जेल में बंद चीनी नागरिक ने अंडकोष को काटा और, कांच से नस काटी एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में इलाज के दौरान मौत हुई !

मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) में इलाजरत चाइनीज बंदी ली जियाकी (63) की मंगलवार सुबह 5:19 बजे मृत्यु हो गई। यह घटना तब घटी जब वह सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी के रूप में बंद था और पिछले शुक्रवार की शाम उसने आत्महत्या का प्रयास किया था। ली जियाकी ने चश्मा का शीशा तोड़कर अपने हाथ की नस, सीने व गले को खरोंचने के साथ-साथ अंडकोष को भी घायल कर लिया था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए SKMCH में भर्ती कराया गया था, जहां उसका वार्ड नंबर छह में इलाज चल रहा था।

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सोमवार की रात 11:40 बजे ली जियाकी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उसे तुरंत आइसीयू वार्ड में भर्ती कराया, जहां मंगलवार की सुबह 5:19 बजे उसकी मृत्यु हो गई। बंदी की सुरक्षा में तैनात पुलिस पदाधिकारी विभाष कुमार यादव ने जेल अधीक्षक ब्रिजेश सिंह मेहता को ली जियाकी की मृत्यु की सूचना दी। इस घटना की जानकारी जेल अधीक्षक ने जेल आईजी प्रणव कुमार और जिलाधिकारी सुब्रत सेन को भी दी।

इस घटना के बाद, जेल प्रशासन ने मुख्यालय और जिला मजिस्ट्रेट को पूरी घटना की जानकारी प्रदान की। जिलाधिकारी के आदेश पर बंदी का पोस्टमार्टम कराने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पूरी की गई। चीनी दूतावास को भी कैदी ली जियाकी की मृत्यु की सूचना दी गई है।

इस घटना ने जेल प्रशासन और सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह भी स्पष्ट नहीं है कि ली जियाकी ने आत्महत्या का प्रयास क्यों किया। घटना के बाद जेल प्रशासन और पुलिस अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं। जेल के अंदर हुई इस तरह की घटनाएं जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाती हैं।

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ली जियाकी के आत्महत्या के प्रयास और उसकी मृत्यु ने जेल में बंद अन्य कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी ध्यान आकर्षित किया है। जेल प्रशासन द्वारा कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मिलकर ऐसे मामलों पर ध्यान देना होगा और समय-समय पर कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच भी करनी होगी।

इस घटना से चीनी दूतावास और भारत-चीन संबंधों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। चीनी दूतावास द्वारा इस मामले में क्या प्रतिक्रिया दी जाएगी, यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा। जेल प्रशासन को इस घटना की पूरी जांच करके रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए ताकि सभी तथ्यों को सामने लाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

अंततः, ली जियाकी की मृत्यु ने जेल प्रशासन और सुरक्षा तंत्र पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। इस घटना की निष्पक्ष जांच और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाना अनिवार्य है ताकि जेलों में कैदियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सके।

जिलाधिकारी के आदेश पर मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में एफएमटी विभागाध्यक्ष डॉ कौशल किशोर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करायी गयी है. शव को फिलहाल सुरक्षित रखा गया है. चाइनीज बंदी की मौत को लेकर मेडिकल ओपी में सुरक्षा में तैनात पुलिस पदाधिकारी विमल कुमार यादव ने अपना फर्द बयान दर्ज कराया है.

बिना वीजा के पकड़ा गया था ली जियाकी

चीनी नागरिक ली जियाकी को बीते 05 जून 2024 को संदिग्ध स्थिति में लक्ष्मी चौक पर घूमते हुए पकड़ा गया था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि नेपाल का वीजा लेकर वह 01 जून 2024 को नेपाल पहुंचा था। इसके बाद उसने नेपाल बॉर्डर क्रॉस करके बस पकड़कर बिना वीजा के अवैध रूप से भारत के बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर पहुंच गया।उससे पूछताछ में पुलिस को परेशानी हो रही थी क्योंकि भाषा को लेकर समस्या हो रही थी. जांच के बाद न्यायिक हिरासत में पुलिस ने जेल भेज दिया था.

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उसके पास से एक काला रंग का बैग मिला जिसमें उसका चीन का पासपोर्ट, एक वीवो कंपनी का स्क्रीन टच मोबाइल फोन, एक सफेद रंग का मोबाइल चार्जर, एक वीडियो कोच बस का टिकट, चीनी भाषा में लिखा हुआ एक विजिटिंग कार्ड, चीनी मुद्रा, एप्पल का दाढ़ी ट्रिमिंग मशीन, एक चीन का नक्शा, तीन पत्थर की छोटी मूर्तियाँ, तीन छोटे पत्थर, और दो पासपोर्ट आकार के फोटो बरामद हुए थे।

भारी संख्या में चीनी करेंसी और बिना वीजा के भारत में प्रवेश करने के कारण फॉरनर्स अमेंडमेंट एक्ट के तहत ब्रह्मपुरा थानेदार सुभाष मुखिया के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में प्रस्तुत करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

जेल अस्पताल के बाथरूम में चश्मा का शीशा तोड़कर किया था सुसाइड का प्रयास

जेल के अधिकारियों ने बताया कि चाइनीज नागरिक ली जियाकी गुरुवार को सेंट्रल जेल में प्रवेश पाया था। उसकी चिकित्सीय जांच होने के बाद जेल अस्पताल में ही रखा गया था। शुक्रवार की शाम जब बंदियों की काउंटिंग हो रही थी तो चाइनीज बंदी बाथरूम में चला गया। इसके बाद अपना चश्मा का शीशा फोड़ लिया और हाथ की नस काट लिया, सीना पर गहरा जख्म बना लिया। अंडकोष को जख्मी कर बाहर निकाल लिया था। दूसरा बंदी जब बाथरूम गया तो उसको खुन से लथपथ देखकर शोर मचाने लगा। जेल अस्पताल में चाइनीज बंदी का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच भेजा था। जहां घटना की रात ही डॉक्टरों ने उसके अंडकोष को सेट करके स्टीच कर दिया था।

ब्रिजेश सिंह मेहता, जेल अधीक्षक

“चाइनीज बंदी की इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह मौत हो गयी है. मेडिकल बोर्ड का गठन करके मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया है. शव को सुरक्षित शवदाह गृह में रखा गया है . चाइनीज एंबेसी को भी बंदी की मौत को लेकर जानकारी दे दी गयी है.”

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