Bill to amend Waqf Act: बिहार राजनीति में मोदी सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। इससे वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर रोक लग सकती है। जेडीयू और आरजेडी नेताओं ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं।
प्रस्तावित वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल
Bill to amend Waqf Act: : मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश करने की योजना बनाई है। यह विधेयक वक्फ बोर्ड की कई शक्तियों को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से वक्फ बोर्ड को किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के अधिकार पर अंकुश लगाने का प्रावधान है। इस विधेयक को लेकर बिहार में राजनीति तेज हो गई है, और प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए हैं।
जेडीयू और आरजेडी नेताओं की प्रतिक्रियाएं
जेडीयू नेता नीरज कुमार की प्रतिक्रिया:
Bill to amend Waqf Act: : जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि उनके पास विधेयक की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने यह माना कि बिहार ने इस संदर्भ में एक मॉडल स्थापित किया है। नीरज कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भू राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को अधिकार सौंपे हैं। इसके अलावा, सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है, जिससे पुस्तकालय और मल्टीपर्पस हॉल का निर्माण हो रहा है।
नीरज कुमार ने कहा कि इस राशि का उपयोग गरीब तबके और यतीमों के भविष्य को सुधारने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार सरकार की पहल को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इस पर सकारात्मक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियां धार्मिक कार्यों के लिए हैं और उन्हें आम लोगों की सुविधा के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए।
नीरज कुमार ने बिहार में धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा हिंदू देवी देवताओं के मंदिर और मठों की जमीनों के मानक तय करने का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के मानक विवादों को कम कर सकते हैं और संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं।
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी की प्रतिक्रिया:
Bill to amend Waqf Act: आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल पर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ध्यान असल मुद्दों से हटा हुआ है और यह विधेयक एक धार्मिक समुदाय को टारगेट करने की कोशिश है। तिवारी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विवादित मुद्दों पर बहस कर रही है ताकि असल समस्याओं से ध्यान हटाया जा सके।
उन्होंने बीजेपी और जेडीयू से सवाल किया कि वे इस स्थिति पर क्या कदम उठा रहे हैं और देश के नियम-कानून के खिलाफ इस तरह की कार्रवाइयों के परिणाम क्या हो सकते हैं। तिवारी ने विपक्ष की ताकत पर भी जोर दिया और कहा कि असली मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए।
वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन विधेयक का महत्व
Bill to amend Waqf Act: वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना है। वर्तमान में, वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन इस विधेयक के पास होने के बाद, वक्फ बोर्ड की इस शक्ति पर रोक लग सकती है। यह विधेयक वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने के प्रावधान के साथ पेश किया गया है।
वर्तमान में, भारत में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं। वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कमी का यह विधेयक उनके कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है और धार्मिक न्यासों की संपत्तियों के प्रबंधन पर प्रभाव डाल सकता है।
असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया
Bill to amend Waqf Act: वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों को छीनना चाहती है और बीजेपी हमेशा से वक्फ बोर्ड के खिलाफ रही है।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी वक्फ बोर्ड को समाप्त करना चाहती है और इस विधेयक की जानकारी मीडिया को लीक कर दी गई है, जबकि इसे पहले संसद में प्रस्तुत किया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी वक्फ बोर्ड को खत्म करती है, तो इसका परिणाम क्या होगा, यह विचारणीय है।
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की राय
Bill to amend Waqf Act: वक्फ बोर्ड एक्ट में प्रस्तावित संशोधन पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियां दान की गई हैं और इस्लामिक कानून के तहत एक बार वक्फ की संपत्ति घोषित हो जाने के बाद उसे बेचा या खरीदा नहीं जा सकता। भारत में 60 फीसदी वक्फ संपत्तियां मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान की हैं।
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन के बाद 2013 में किया गया था और इसके तहत वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन किया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को वक्फ की संपत्तियों पर मौजूद सरकारी दुकानों पर ध्यान देना चाहिए और इन दुकानों से वक्फ को समय पर किराया मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधेयक में बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है और यदि ऐसा किया जा रहा है, तो सभी की राय ली जानी चाहिए।
बिहार में विधेयक के संभावित प्रभाव
Bill to amend Waqf Act: वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन विधेयक का बिहार में राजनीतिक प्रभाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। बिहार में जेडीयू और आरजेडी जैसे प्रमुख दलों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद देखे जा रहे हैं। जेडीयू ने बिहार के मौजूदा मॉडल को एक सकारात्मक दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया है, जबकि आरजेडी ने इसे धार्मिक मुद्दों पर राजनीति का एक नया तरीका बताया है।
यदि यह विधेयक पारित होता है, तो वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कमी आएगी, जो धार्मिक न्यासों की संपत्तियों के प्रबंधन और सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। बिहार की राजनीति में यह मुद्दा एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गया है और विभिन्न दल अपने-अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रहे हैं।
निष्कर्ष
Bill to amend Waqf Act: वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन विधेयक पर बिहार की राजनीति में चल रही चर्चाओं से स्पष्ट होता है कि इस विधेयक के पास होने के बाद राज्य की धार्मिक संपत्तियों और न्यासों की सुरक्षा और प्रबंधन पर प्रभाव पड़ेगा। जेडीयू और आरजेडी के बीच इस मुद्दे पर मतभेद ने बिहार की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना दिया है। विधेयक के संभावित प्रभाव और इसके प्रति राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई हैं।
इस विधेयक की पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली और अधिकारों में महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं, जो धार्मिक न्यासों की संपत्तियों के प्रबंधन और सुरक्षा के दृष्टिकोण को प्रभावित करेंगे। इसके साथ ही, बिहार में इस मुद्दे पर राजनीति की गर्मी और विभिन्न दलों की प्रतिक्रियाएं इस विधेयक के भविष्य को निर्धारित करेंगी।
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