Historic operation: तीन अगस्त (भाषा) पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि भारत ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से अपने छात्रों को निकालकर विश्व के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दोनों देशों (रूस तथा यूक्रेन) के साथ 24 घंटे के युद्धविराम के लिए बातचीत करने के बाद ऐसा संभव हो सका।
Historic operation: कोविंद ने कहा कि भारत ने एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की बल्कि एक रणनीतिक और संगठित अभियान के माध्यम से उन्हें सुरक्षित देश वापस लाने का अद्वितीय कार्य किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह मिशन प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत नेतृत्व और उनकी कुशल कूटनीति का परिणाम है।
उन्होंने कहा, “भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि संकट के समय में वह अपने नागरिकों के साथ खड़ा रहता है और उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।” कोविंद ने यह भी जोड़ा कि इस प्रकार के प्रयासों से न केवल भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बल मिलता है बल्कि विश्व मंच पर उसकी प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।
ऑपरेशन गंगा: एक महत्वपूर्ण मिशन
Historic operation: यूक्रेन में जारी संघर्ष के बीच भारत ने “ऑपरेशन गंगा” के तहत अपने छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित निकालने का मिशन चलाया। यह ऑपरेशन भारतीय नागरिकों को सुरक्षित देश वापस लाने के लिए केंद्रित था, जो युद्ध के कारण फंसे हुए थे।
इस ऑपरेशन के तहत भारतीय दूतावास ने लगातार युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीय नागरिकों से संपर्क बनाए रखा और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की। भारतीय वायु सेना और अन्य वाणिज्यिक एयरलाइनों के माध्यम से विभिन्न हवाई मार्गों का उपयोग करके नागरिकों को निकाला गया। इसके साथ ही, भारतीय दूतावास ने निकासी की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए विशेष उड़ानों का भी प्रबंध किया।
प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति
Historic operation: पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की सराहना की और कहा कि उनके प्रयासों के बिना यह मिशन संभव नहीं हो पाता। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन दोनों देशों के नेताओं से व्यक्तिगत बातचीत की और 24 घंटे के युद्धविराम के लिए राजी किया। इस कूटनीतिक पहल के कारण भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना संभव हुआ।
भारतीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
Historic operation: यूक्रेन से लौटे छात्रों और नागरिकों ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि युद्ध के बीच में फंसे होने के कारण वे अत्यधिक तनाव में थे, लेकिन भारतीय दूतावास और सरकार के प्रयासों ने उन्हें आश्वस्त किया और सुरक्षित देश वापस लाने में मदद की।
यूक्रेन से लौटे एक छात्र ने कहा, “जब हम युद्ध क्षेत्र में फंसे थे, तब हमने सोचा नहीं था कि हम सुरक्षित देश वापस आ सकेंगे। लेकिन भारतीय सरकार और दूतावास के लगातार प्रयासों ने हमें आश्वस्त किया और आज हम अपने परिवारों के साथ सुरक्षित हैं।”
वैश्विक प्रतिक्रिया
Historic operation: भारत के इस सफल मिशन की वैश्विक स्तर पर भी सराहना हुई। कई देशों ने भारतीय सरकार की इस तत्परता और कूटनीतिक सफलता की प्रशंसा की। भारत ने यह साबित कर दिया कि संकट के समय में वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
निष्कर्ष
Historic operation: भारत द्वारा युद्ध प्रभावित यूक्रेन से अपने छात्रों और नागरिकों को निकालना एक अद्वितीय और प्रेरणादायक उदाहरण है। यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल कूटनीति और भारतीय दूतावास के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। इस प्रकार के प्रयासों से न केवल भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बल मिलता है बल्कि विश्व मंच पर उसकी प्रतिष्ठा भी बढ़ती है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस महत्वपूर्ण कार्य की सराहना की और कहा कि यह मिशन विश्व के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
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