Modi Worried Hasina Arrives : शेख हसीना के आगमन से मोदी चिंतित, बांग्लादेश तख्तापलट पर पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त खुश।

Modi Worried Hasina Arrives : शेख हसीना के आगमन से मोदी चिंतित, बांग्लादेश तख्तापलट पर पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त खुश।

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Modi Worried Hasina Arrives: पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बसित; शेख हसीना की 1971 की यादें बनीं बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों में बाधा |

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Modi Worried Hasina Arrives : शेख हसीना के आगमन से मोदी चिंतित, बांग्लादेश तख्तापलट पर पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त खुश।

Modi Worried Hasina Arrives : शेख हसीना के भारत आने से पीएम मोदी परेशान हैं क्योंकि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट से पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बसित बेहद खुश हैं। बसित ने कहा कि शेख हसीना की वजह से बांग्लादेश और पाकिस्तान की दोस्ती नहीं हो सकी क्योंकि वह 1971 की बातें दिल में लेकर बैठी थीं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार, 5 अगस्त, 2024 को भारत पहुंच गईं। पिछले महीने शुरू हुए छात्र आंदोलन ने इतना उग्र रूप ले लिया कि शेख हसीना को आनन-फानन में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा।

Modi Worried Hasina Arrives : बांग्लादेश में इस तख्तापलट से पाकिस्तान के कुछ जाने-माने लोग बहुत खुश हैं। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके अब्दुल बसित ने एक वीडियो जारी कर बांग्लादेशियों को बधाई दी है। इस तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर हो गई है और हसीना के भारत आने से क्षेत्रीय राजनीति पर भी असर पड़ा है। बसित की टिप्पणियों ने इन दोनों देशों के बीच की पुरानी कड़वाहट को उजागर किया है, जो 1971 के युद्ध के बाद से अब तक चली आ रही है।

Modi Worried Hasina Arrives : अब्दुल बासित ने बांग्लादेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि शेख हसीना बांग्लादेश से भागकर भारत पहुंच चुकी हैं। उन्होंने बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच की दूरियों के लिए शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया। बासित ने आरोप लगाया कि हसीना ने 1971 के युद्ध की पुरानी बातें दिल में रखीं और पाकिस्तान द्वारा किए गए प्रयासों को नजरअंदाज कर दिया। उनका कहना था कि हसीना ने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोई कोशिश नहीं की और हमेशा भारत को प्राथमिकता दी। बासित का यह बयान बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच के तनाव को उजागर करता है और यह भी दर्शाता है कि शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश की विदेश नीति ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को और भी तनावपूर्ण बना दिया। बासित का कहना है कि बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और शेख हसीना की भारत की शरण ने इन पुराने विवादों को और भी अधिक सामने ला दिया है।

शेख हसीना के साथ भारत को भी लिया निशाने पर

Modi Worried Hasina Arrives : अब्दुल बासित ने भारत को भी आलोचना का निशाना बनाते हुए कहा कि शेख हसीना के भारत पहुंचने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लिए चिंता का विषय है। बासित ने टिप्पणी की कि यदि शेख हसीना ने एक महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया होता, तो बांग्लादेश में हुई 300 मौतें और हिंसा से बचा जा सकता था। उनका कहना था कि सियासतदार अक्सर देर से समझते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर हो सकती है। बासित के अनुसार, शेख हसीना की देर से की गई राजनीति और उनका भारत की शरण में जाना, दोनों ने क्षेत्रीय राजनीति में तनाव बढ़ा दिया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि हसीना की उपस्थिति भारत में नई समस्याओं का कारण बन सकती है और इससे दोनों देशों के बीच की मौजूदा राजनीतिक जटिलताएँ और बढ़ सकती हैं। बासित की टिप्पणियाँ बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच चल रही अस्थिरता को और भी उजागर करती हैं और क्षेत्रीय राजनीति में हो रही जटिलताओं को दर्शाती हैं।

बांग्लादेश में बनेगी नई सरकार तो क्या होगा भारत का रुख?

Modi Worried Hasina Arrives : अब्दुल बासित ने कहा कि जब भी बांग्लादेश में नई सरकार आती है और लोकतंत्र मजबूत होता है, पाकिस्तान उसका स्वागत करता है। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि भारत की प्रतिक्रिया इस स्थिति पर महत्वपूर्ण होगी। बासित ने सुझाव दिया कि भारत और कलकत्ता से बांग्लादेशियों को यह मांग करनी चाहिए कि शेख हसीना को बांग्लादेश के हवाले किया जाए, खासकर जब उनके खिलाफ जांच आयोग बनाने की चर्चा हो रही है।

उन्होंने प्रश्न उठाया कि 300 मौतों का जिम्मेदार कौन होगा। बासित ने यह भी कहा कि बांग्लादेश की ओर से यह एक उचित मांग होगी, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की नई सरकार को इस मांग पर ध्यान देंगे। इस परिदृश्य ने बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच के जटिल रिश्तों को और भी स्पष्ट किया है और यह संकेत देता है कि क्षेत्रीय राजनीति में किसी भी बदलाव के लिए भारत की प्रतिक्रिया एक महत्वपूर्ण कारक हो सकती है। बासित की टिप्पणियाँ इस बात की ओर इशारा करती हैं कि दोनों देशों के बीच सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है, विशेषकर बांग्लादेश की नई राजनीतिक स्थिति को लेकर।

Modi Worried Hasina Arrives : अब्दुल बासित ने शेख हसीना के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए 30 प्रतिशत कोटा देने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक अत्यधिक विवादित कदम है। उन्होंने इसे “सरासर अन्याय” करार दिया और कहा कि यदि हसीना इस निर्णय को वापस ले लेतीं, तो शायद आज बांग्लादेश की स्थिति कुछ और होती। बासित ने बताया कि बांग्लादेश के युवाओं को इस कोटे की नीति से सहमति नहीं है। उनका कहना था कि अधिकांश युवा 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के घटनाक्रम से अनजान हैं और वे चाहते हैं कि देश तेजी से विकास करे और बांग्लादेश भारत की उपग्रह राज्य में न बदल जाए। बासित ने यह भी उल्लेख किया कि बांग्लादेश के युवाओं की प्राथमिकताएं विकास और प्रगतिशीलता हैं, न कि पुरानी घटनाओं और ऐतिहासिक विवादों में उलझे रहना। उनके अनुसार, इस कोटे की नीति ने बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को और भी जटिल बना दिया है, और इसे लेकर व्यापक असंतोष भी देखा जा रहा है।

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच रुकावट बनी रहीं शेख हसीना?

Modi Worried Hasina Arrives : पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के रिश्तों पर अब्दुल बासित ने टिप्पणी की कि शेख हसीना ने हमेशा भारत को प्राथमिकता दी, जिससे पाकिस्तान के दोस्ती के प्रस्तावों का जवाब कुछ खास नहीं मिला। बासित ने कहा कि हसीना 1971 के घटनाक्रम से प्रभावित माइंडसेट में चल रही थीं, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंधों में बाधा बन गई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच 10 अप्रैल 1974 को हुए समझौते के आर्टिकल 16 में यह लिखा गया था कि सभी पुरानी तल्खियों को भुलाकर आगे बढ़ा जाए।

Modi Worried Hasina Arrives : बासित के अनुसार, यह समझौता दोनों देशों के बीच की कड़वाहट को समाप्त करने और सकारात्मक रिश्तों की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए था। हालांकि, शेख हसीना की नीतियों और प्राथमिकताओं ने इस दिशा में प्रगति को बाधित किया। उनके विचार में, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए एक नई दिशा और दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो पुराने विवादों से ऊपर उठकर भविष्य की ओर देख सके।

बार-बार पाकिस्तान ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ, बोले अब्दुल बासित

Modi Worried Hasina Arrives : अब्दुल बासित ने कहा कि परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान की ओर से एक तरह से माफी भी मांग ली थी, लेकिन यह भी शेख हसीना को स्वीकार नहीं हुआ। बासित के अनुसार, शेख हसीना की पाकिस्तान के प्रति नफरत ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंधों में बड़ी बाधाएं उत्पन्न कीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि शेख हसीना का राजनीतिक करियर अब समाप्त हो चुका है, और उनके उम्र के इस पड़ाव पर दोबारा लौटना मुश्किल लग रहा है।

Modi Worried Hasina Arrives : बासित ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति अपने करियर के चरम पर होते हुए अचानक गिरावट का सामना करता है, और ऐसा तब होता है जब वे लोगों की आकांक्षाओं को नजरअंदाज करते हैं। यही स्थिति शेख हसीना के साथ भी हुई है। उनका कहना था कि हसीना की नीतियों और निर्णयों ने उनके करियर को प्रभावित किया और बांग्लादेश की राजनीति में उनका प्रभाव घटा दिया। बासित की टिप्पणियाँ इस बात को उजागर करती हैं कि कैसे व्यक्तिगत और राजनीतिक धारणाएं द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं और राजनीतिक करियर को उलट सकती हैं।

शेख हसीना ने बांग्लादेश को भारत की सैटेलाइट रियासत बना दिया, अब्दुल बासित ने कहा

Modi Worried Hasina Arrives : अब्दुल बासित ने बांग्लादेश की नई सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह देखना होगा कि आगामी सेना प्रमुख क्या कदम उठाते हैं। वे निर्णय लेंगे कि बांग्लादेश में तात्कालिक चुनाव होंगे या संविधान के प्रावधानों के अनुसार प्रक्रिया चलेगी, या फिर कोई ट्रांजिशनल सरकार बनाई जाएगी। बासित ने यह भी उल्लेख किया कि बांग्लादेश में पहले भी टेक्नोक्रेट्स का एक सिस्टम रहा है, और संभवतः वही व्यवस्था फिर से लागू की जा सकती है, खासकर जब बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है।

Modi Worried Hasina Arrives : उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष बांग्लादेश ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ एक कार्यक्रम किया और चीन तथा भारत से भी सहायता प्राप्त करने की कोशिश की। बासित ने शेख हसीना की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने बांग्लादेश को एक उपग्रह राज्य बना दिया, जो कि बांग्लादेश के स्वायत्तता और विकास के लिए हानिकारक था। बासित का कहना था कि बांग्लादेश की नई सरकार के सामने इन मुद्दों का समाधान ढूंढना एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी।

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