Daily Print News

Middle East War: मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की आहट! भारत-पाक तक हंगामा, नसरल्लाह की मौत के 48 घंटे कैसे बदल सकते हैं दुनिया |

Middle East War: नसरल्लाह की मौत के बाद मिडिल ईस्ट में महायुद्ध के संकेत, राष्ट्रपति बाइडेन की इजरायली पीएम नेतन्याहू से वार्ता की तैयारी |

Middle East War: मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की आहट! भारत-पाक तक हंगामा, नसरल्लाह की मौत के 48 घंटे कैसे बदल सकते हैं दुनिया |
Middle East War: मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की आहट! भारत-पाक तक हंगामा, नसरल्लाह की मौत के 48 घंटे कैसे बदल सकते हैं दुनिया |

Middle East War: इजरायल का मिशन ‘न्यू ऑर्डर’ हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने चरम पर है, जिसमें इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) लगातार लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले कर रही है। सोमवार, 30 सितंबर को भी इजरायल ने मध्य बेरूत में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी की। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इन हमलों में 105 लोगों की मौत हो चुकी है और 359 लोग घायल हुए हैं।

Middle East War: हिजबुल्लाह के खिलाफ चल रहे इस संघर्ष में इजरायल का मुख्य लक्ष्य हिजबुल्लाह के लड़ाकों और उनके ठिकानों को खत्म करना है। यह अभियान हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को मारने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जो हमास का समर्थन कर रहे थे और इजरायल के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे थे। इजरायल ने नसरल्लाह की मौत के बाद इस अभियान को और तेज कर दिया है।

Middle East War: सिर्फ लेबनान में ही नहीं, इजरायल ने यमन में भी हूती विद्रोहियों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। हूती विद्रोहियों द्वारा इजरायल के शहरों पर रॉकेट दागे जाने के बाद IDF ने यमन में भी हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। यह संघर्ष पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा रहा है और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर गहरी चिंताएं पैदा हो रही हैं। इस स्थिति के बीच इजरायल लगातार अपने रक्षा अभियानों को बढ़ाते हुए हिजबुल्लाह और अन्य विद्रोही संगठनों को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, इस हिंसा से आम नागरिकों को भी बड़ी हानि हो रही है, जिससे मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है।

Middle East War: नसरल्लाह संग हिजबुल्लाह के कई अधिकारियों की मौत

पिछले एक हफ्ते से इजरायल द्वारा किए जा रहे हमलों में हिजबुल्लाह को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें संगठन के कई प्रमुख अधिकारी मारे गए हैं। हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद, संगठन की सेंट्रल काउंसिल के डिप्टी हेड नाबिल कौक की भी रविवार, 29 सितंबर को इजरायली हमले में मौत हो गई।

Middle East War: इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) द्वारा लेबनान में किए गए हमलों में हिजबुल्लाह के कई उच्च पदस्थ अधिकारियों की जान गई है। नसरल्लाह की बेटी जैनब, रादवान फोर्सेज के शीर्ष कमांडर इब्राहिम अकील, कमांडर अहमद वेहबे, अली कराकी, ड्रोन यूनिट के प्रमुख मोहम्मद सुरूर, और मिसाइल यूनिट के प्रमुख इब्राहिम कोबीसी भी इन हमलों में मारे गए हैं।

इन हमलों के कारण हिजबुल्लाह की नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक ढांचा कमजोर हो गया है। इजरायल की यह कार्रवाई हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमताओं को प्रभावित करने की रणनीति का हिस्सा है, जिससे संगठन पर दबाव बढ़ रहा है।

इससे भी पढ़े :- आज की वैश्विक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए जयशंकर ने UNGA में देशों को क्यों किया आगाह |

Middle East War: अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजरायली हमलों पर क्या कहा?

Middle East War: हसन नसरल्लाह की मौत के बाद मिडिल ईस्ट में युद्ध के हालात तेजी से बढ़ रहे हैं। इस स्थिति पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट में युद्ध को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। बाइडेन ने घोषणा की कि वे जल्द ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे, ताकि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे और किसी बड़े संघर्ष से बचा जा सके।

Middle East War: मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की आहट! भारत-पाक तक हंगामा, नसरल्लाह की मौत के 48 घंटे कैसे बदल सकते हैं दुनिया |
Middle East War: मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की आहट! भारत-पाक तक हंगामा, नसरल्लाह की मौत के 48 घंटे कैसे बदल सकते हैं दुनिया |

Middle East War: इस बीच, इजरायल ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ भी अभियान तेज कर दिया है। रविवार, 29 सितंबर को इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी की। इजरायली एयर फोर्स ने हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले पावर प्लांट और बंदरगाह को निशाना बनाया। इन हमलों में चार लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। इजरायल की यह कार्रवाई विद्रोहियों द्वारा किए गए हमलों के जवाब में की गई है, जिससे मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ गया है।इस स्थिति से क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ने की आशंका है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय शांति बहाल करने की कोशिश कर रहा है।

Middle East War: नेतन्याहू की ईरान को चेतावनी

Middle East War: हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नेतन्याहू ने नसरल्लाह को सिर्फ एक आतंकवादी नहीं, बल्कि पश्चिम एशिया में ईरान के आतंकवादी नेटवर्क का प्रमुख हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि नसरल्लाह ईरान का वह हथियार था, जिसे इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा था।

Middle East War: नेतन्याहू ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि इजरायल की पहुंच हर उस जगह तक है, जहां उसके दुश्मन मौजूद हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ईरान को इजरायल पर हमले के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। नेतन्याहू ने नसरल्लाह की मौत को एक महत्वपूर्ण जीत बताते हुए कहा कि इजरायल अपने दुश्मनों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।नेतन्याहू ने अपनी दृढ़ता जाहिर करते हुए कहा, “अगर कोई आपको मारने के लिए उठे, तो उसे पहले खत्म कर देना चाहिए।” इस बयान के साथ उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इजरायल अपनी सुरक्षा के प्रति कोई समझौता नहीं करेगा और अपने दुश्मनों पर पहले वार करने से भी पीछे नहीं हटेगा।

Middle East War: भारत-पाकिस्तान में नसरल्लाह की मौत पर प्रदर्शन

Middle East War: जम्मू-कश्मीर में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। खासकर शिया बहुल इलाकों में लोगों ने मार्च निकालकर अपना गुस्सा जाहिर किया। कश्मीर घाटी में इन प्रदर्शनों में भाग लेने वाले लोगों ने नसरल्लाह के समर्थन में नारे लगाए और इजरायल की नीतियों का विरोध किया। इस घटना के बाद, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने अपने चुनाव अभियान को अस्थायी रूप से रोक दिया है, जिससे स्थिति की संवेदनशीलता को और बढ़ावा मिला है।

उधर, पाकिस्तान के कराची में भी नसरल्लाह की मौत के बाद भारी विरोध प्रदर्शन हुए। बड़ी संख्या में लोगों ने अमेरिकी दूतावास तक मार्च निकाला, जहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तानी पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग की, जिससे भीड़ को तितर-बितर किया जा सके। कराची में इन प्रदर्शनों ने शहर में तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया है, और इस घटना ने क्षेत्रीय राजनीति को और अधिक संवेदनशील बना दिया है।

इससे भी पढ़े :-  IDF की 18 साल की मेहनत; इजरायल के अंडरकवर एजेंट्स की भूमिका और हसन नसरल्लाह की मौत की पूरी कथा |

Exit mobile version
Skip to toolbar