- S Jaishankar UNGA Speech: भारत के विदेश मंत्री ने यूक्रेन-गाजा सहित वैश्विक संघर्षों का त्वरित समाधान निकालने की अपील की, कहा—दुनिया वर्तमान में विभाजित है |
- S Jaishankar UNGA Speech: हताश है आज की दुनिया- जयशंकर
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- S Jaishankar UNGA Speech: सुरक्षा परिषद में सुधार की बात दोहराई
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S Jaishankar UNGA Speech: भारत के विदेश मंत्री ने यूक्रेन-गाजा सहित वैश्विक संघर्षों का त्वरित समाधान निकालने की अपील की, कहा—दुनिया वर्तमान में विभाजित है |
S Jaishankar UNGA Speech: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 79वीं बैठक में 28 सितंबर 2024 को भारत के विदेश मंत्री ने यूक्रेन और गाजा में हो रहे युद्धों के प्रति दुनिया के देशों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा हिंसा को देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि यह सब पहले से तय था। गाजा में चल रहे युद्ध ने वैश्विक व्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है। विदेश मंत्री ने बताया कि युद्ध के कारण होने वाली मानवीय त्रासदी केवल प्रभावित देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। उन्होंने सभी देशों से एकजुट होकर इस संकट का सामना करने की अपील की और तुरंत समाधान खोजने की आवश्यकता पर बल दिया।
S Jaishankar UNGA Speech: उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस समय दुनिया विभिन्न विरोधी समूहों में बंट चुकी है, जो इस स्थिति को और अधिक जटिल बना रही है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी बनती है कि वे युद्धों के कारण उत्पन्न संकटों को सुलझाने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाएं। उनकी बातों ने इस बात को स्पष्ट किया कि शांति की बहाली के लिए वैश्विक सहयोग आवश्यक है।
S Jaishankar UNGA Speech: हताश है आज की दुनिया- जयशंकर
S Jaishankar UNGA Speech: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की 79वीं बैठक में विश्व के समक्ष गंभीर स्थिति को उजागर किया। उन्होंने कहा, “हम एक कठिन समय में यहां एकत्र हुए हैं। दुनिया अभी भी कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरने का प्रयास कर रही है, जबकि यूक्रेन में युद्ध अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। गाजा में युद्ध भी विकराल रूप ले रहा है।”
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S Jaishankar UNGA Speech: उन्होंने वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को नाजुक, हताश और विरोधी समूहों में बंटा हुआ बताया। जयशंकर ने यह भी कहा कि देशों के बीच आपसी प्रक्रियाएं खत्म हो रही हैं और विश्वास की कमी के कारण अंतरराष्ट्रीय संबंधों में दरार आ रही है। उन्होंने संकेत दिया कि देशों ने अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में जो योगदान दिया है, उससे कहीं अधिक उन्होंने लाभ उठाया है, जिससे प्रक्रियाओं के समाप्त होने की प्रवृत्ति स्पष्ट हो रही है।
जयशंकर ने कहा, “आज संवाद स्थापित करना कठिन हो गया है, और किसी मुद्दे पर सहमति बनाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।” उनके विचारों ने यह दर्शाया कि वैश्विक सहयोग और संवाद की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, ताकि इस संकट का समाधान निकाला जा सके।
S Jaishankar UNGA Speech: सुरक्षा परिषद में सुधार की बात दोहराई
S Jaishankar UNGA Speech: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वैश्विक आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब बाजार पर कब्जा करने में संयम की कमी होती है, तो यह न केवल दूसरों की आजीविका को प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकसित देशों द्वारा जलवायु संबंधी जिम्मेदारियों से बचना विकासशील देशों की विकास संभावनाओं को गंभीर रूप से कमजोर करता है।
S Jaishankar UNGA Speech: जयशंकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी देशों को एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग वर्षों से कर रहा है, जिसमें स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों के सदस्यों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि सुधारों के माध्यम से वैश्विक शासन को अधिक प्रभावी और समावेशी बनाया जा सकता है। इस दिशा में कदम उठाना जरूरी है, ताकि सभी देशों की आवाज सुनी जा सके और एक संतुलित वैश्विक व्यवस्था स्थापित की जा सके। जयशंकर के विचारों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंतन का विषय प्रस्तुत किया है।