Bangladesh News: गांधी परिवार और शेख हसीना के बीच का रिश्ता; पांच दशकों का पुराना कर्ज अब भी चुकता कर रही हैं|

Bangladesh News: शेख हसीना के देश से बाहर जाने के बाद बांग्लादेश में अराजकता और हिंसा की स्थिति, अंतरिम सरकार के जल्द ही नियंत्रण संभालने की संभावना|

Bangladesh News: गांधी परिवार और शेख हसीना के बीच का रिश्ता; पांच दशकों का पुराना कर्ज अब भी चुकता कर रही हैं|
Bangladesh News: गांधी परिवार और शेख हसीना के बीच का रिश्ता; पांच दशकों का पुराना कर्ज अब भी चुकता कर रही हैं|

Bangladesh News: बांग्लादेश इस समय गंभीर संकट का सामना कर रहा है। देश में कोई स्थिर सरकार नहीं होने के कारण अव्यवस्था और अराजकता का आलम है, जिसने 17 करोड़ की आबादी वाले राष्ट्र को प्रभावित कर दिया है। हाल के महीनों में बांग्लादेश हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की चपेट में था, लेकिन स्थिति तब और विकराल हो गई जब प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने का निर्णय लिया। हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए छात्र आंदोलनों की बढ़ती तिव्रता और असुरक्षा के चलते भारत का रुख किया।

Bangladesh News: उनके देश छोड़ने के बाद से, बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक अशांति ने तेजी से बढ़त ली है। लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। इन परिस्थितियों में, एक अंतरिम सरकार के गठन की संभावना जताई जा रही है, जो जल्द ही देश का नियंत्रण संभाल सकती है। बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति न केवल वहां की राजनीतिक स्थिरता के लिए एक चुनौती है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी प्रभावित कर रही है।

Bangladesh News: शेख हसीना इस समय भारत में हैं, लेकिन उनकी वर्तमान लोकेशन के बारे में सरकारी सूत्रों ने कोई जानकारी नहीं दी है। 5 अगस्त को, हसीना और उनके परिवार ने गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर विमान से उतरकर भारत में कदम रखा। इसके बाद, उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। यह पहली बार नहीं है जब शेख हसीना ने भारत का रुख किया है।

Bangladesh News: लगभग पांच दशकों पहले भी, जब बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल चरम पर थी, तब हसीना ने भारत का आश्रय लिया था। उस समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें सुरक्षित ठिकाना प्रदान किया था। वर्तमान में, हसीना की उपस्थिति और उनकी सुरक्षा की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे उनके और उनके परिवार की स्थिति को लेकर अटकलें जारी हैं। इस बार भी भारत ने शेख हसीना को सुरक्षित स्थान प्रदान कर उनके कठिन समय में मदद की है।

भारत दौरे पर की थी गांधी परिवार से मुलाकात

Bangladesh News: आवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना ने कभी भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिले समर्थन को भुलाया नहीं है। जब भी वह भारत आती हैं, गांधी परिवार से उनकी मुलाकात होती है। गांधी परिवार के साथ हसीना के रिश्ते हमेशा बेहद सौहार्दपूर्ण रहे हैं। जून में भारत के अपने दौरे के दौरान भी हसीना ने गांधी परिवार के प्रमुख सदस्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। इस अवसर पर, हसीना ने सोनिया और प्रियंका को गले लगाकर यह दर्शाया कि उनके बीच का स्नेह और सम्मान अभी भी कायम है।

Bangladesh News: यह मुलाकात उनके पुरानी मित्रता और सहयोग की याद दिलाती है, जो दशकों पहले शुरू हुई थी। गांधी परिवार के साथ उनके गहरे रिश्ते और आपसी सम्मान ने भारत-बांग्लादेश संबंधों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हसीना की भारत यात्रा और गांधी परिवार के साथ उनकी मुलाकातें इस बात का प्रमाण हैं कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में व्यक्तिगत संबंध कितने महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

क्या है गांधी परिवार और शेख हसीना का रिश्ता? 

Bangladesh News: 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के संस्थापक और शेख हसीना के पिता, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान, और उनके परिवार की नृशंस हत्या कर दी गई। उस दिन सेना ने तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया। इस हत्याकांड में शेख हसीना, उनके पति एम.ए. वाजेद मियां, और उनके बच्चे साजिब और साईमा बच गए। इसके अलावा, उनकी बहन रेहाना भी सुरक्षित रही। इस त्रासदी से बचने का कारण यह था कि शेख हसीना और उनका परिवार उस समय जर्मनी में थे।

Bangladesh News: इस घटना ने न केवल बांग्लादेश की राजनीति को गहरे रूप से प्रभावित किया बल्कि हसीना के जीवन को भी एक नया मोड़ दिया। शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या और सत्ता परिवर्तन के बाद, हसीना और उनके परिवार को एक नई शुरुआत की तलाश करनी पड़ी, और वे अंततः भारत में शरणार्थी के रूप में आए। इस त्रासदी ने शेख हसीना की ज़िंदगी को बदल दिया और उन्हें राजनीतिक संघर्ष और पुनर्निर्माण की ओर अग्रसर किया।

Bangladesh News: शेख हसीना ने अपने पिता की हत्या के बाद भारत में शरण लेने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मदद मांगी। उस समय भारत में इमरजेंसी लागू थी, और इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर्रहमान के बीच मजबूत दोस्ताना संबंध थे, इसलिए इंदिरा गांधी ने शरण देने की स्वीकृति प्रदान की। हसीना अपने पति और बच्चों के साथ भारत आईं और यहां पर पांच साल तक रहीं। सुरक्षा कारणों से, हसीना ने उस दौरान एक नई पहचान अपनाई, ताकि उनकी असली पहचान छिपी रहे। इंदिरा गांधी की सहायता से हसीना के पति को भी एक नौकरी मिली, जो उस समय की परिस्थितियों में अत्यंत महत्वपूर्ण था।

Bangladesh News: 1981 में, शेख हसीना और उनका परिवार बांग्लादेश लौटे, और हसीना ने 1996 में देश की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया। इस दौरान इंदिरा गांधी द्वारा दी गई सहायता और समर्थन को हसीना ने कभी नहीं भुलाया। यही कारण है कि पांच दशकों बाद भी जब भी वह भारत की यात्रा करती हैं, वह गांधी परिवार के सदस्यों से मुलाकात करती हैं। हसीना की यह आदत न केवल उनकी व्यक्तिगत कृतज्ञता को दर्शाती है, बल्कि भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्तों की गहराई और स्थिरता को भी साबित करती है।

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