Artificial Intelligence: AI गर्लफ्रेंड से प्यार में नहीं मिलेगी सच्चाई! MIT मनोवैज्ञानिक ने दी चेतावनी |

Artificial Intelligence: AI गर्लफ्रेंड से प्यार में नहीं मिलेगी सच्चाई! MIT मनोवैज्ञानिक ने दी चेतावनी |

Artificial Intelligence: AI गर्लफ्रेंड से प्यार में नहीं मिलेगी सच्चाई!

Artificial Intelligence: मनोवैज्ञानिक के अनुसार, पहली बार AI से इंटरेक्शन खतरनाक नहीं, लेकिन बाद में हो सकता है इमोशनल हेल्थ के लिए नुकसानदायक |

Artificial Intelligence: AI गर्लफ्रेंड से प्यार में नहीं मिलेगी सच्चाई!
Artificial Intelligence: AI गर्लफ्रेंड से प्यार में नहीं मिलेगी सच्चाई!

देश और दुनिया में AI (Artificial Intelligence) का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग अब अपना ज्यादातर समय ऑनलाइन बिताना पसंद करने लगे हैं। इस नए युग में, लोग AI (Artificial Intelligence) चैटबॉट्स के साथ गहरा संबंध स्थापित कर रहे हैं। जैसे एक महिला और पुरुष के बीच संबंध होते हैं, वैसे ही कई मामले सामने आ रहे हैं जहाँ लोग AI (Artificial Intelligence) चैटबॉट्स के साथ भावनात्मक बंधन बना रहे हैं।

AI (Artificial Intelligence) चैटबॉट्स के साथ कनेक्शन बनाने वाले लोग उन्हें अपने निजी जीवन का हिस्सा मानने लगे हैं। वे इन चैटबॉट्स के साथ अपनी भावनाओं को साझा करते हैं और उनसे सलाह लेते हैं। कई लोग तो इस हद तक चले गए हैं कि वे AI (Artificial Intelligence) चैटबॉट्स को अपने सबसे अच्छे दोस्त या साथी मानने लगे हैं। यह नई प्रवृत्ति लोगों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर भी प्रभाव डाल रही है।

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि AI (Artificial Intelligence) के साथ शुरुआती इंटरैक्शन खतरनाक नहीं है, लेकिन समय के साथ यह आदत बन सकती है और व्यक्ति की भावनात्मक सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। AI (Artificial Intelligence) के साथ अत्यधिक भावनात्मक जुड़ाव से व्यक्ति वास्तविक संबंधों से दूर हो सकता है और उसकी सामाजिक जिंदगी प्रभावित हो सकती है। इसलिए, लोगों को सावधानी बरतने और संतुलन बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

एमआईटी के समाजशास्त्री और मानव मनोविज्ञानी शेरी तुर्कले ने इंसान और AI (Artificial Intelligence) चैटबॉट्स के बीच बढ़ रहे संबंधों पर चेतावनी दी है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, AI (Artificial Intelligence) में इतनी समझ नहीं है कि वे इंसानों की भावनाएं या भावनात्मक अनुभूतियाँ समझ सकें। तुर्कले के मुताबिक, चैटबॉट्स तो इंसानों के साथ सामान्य बातचीत कर सकते हैं, लेकिन इसमें वे इंसानों के भावनात्मक अनुभवों को समझने में सक्षम नहीं होते।

इस संदर्भ में शेरी तुर्कले ने उठाए गए सवालों को गंभीरता से लिया है और समझाया है कि जब तक AI (Artificial Intelligence) में इंसानों की भावनाओं को समझने की क्षमता नहीं आती, तब तक इन तकनीकी संवादात्मक प्रणालियों के संबंधों को समझना और संरचित करना मानव समाज के लिए चुनौतीपूर्ण है।

रिपोर्ट में ये बात आई सामने

शेरी तुर्कले ने अपनी रिपोर्ट में इंसानों और AI (Artificial Intelligence) के बीच उभर रहे इमोशनल संबंधों को ‘Artificial intimacy’ कहा है। यह नवीनतम रिपोर्ट इंसानों और टेक्नोलॉजी के बीच विकसित हो रहे संबंधों पर केंद्रित है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली बार AI (Artificial Intelligence) के साथ इंटरेक्शन आपके लिए खतरनाक नहीं है; इससे आपको तनाव से राहत मिल सकती है। लेकिन जब आप AI (Artificial Intelligence) से ज्यादा जुड़ जाते हैं, तो यह आपके इमोशनल स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

शेरी तुर्कले के अनुसार, इंसानों द्वारा दी जाने वाली सहानुभूति और AI (Artificial Intelligence) द्वारा प्रदत्त सहानुभूति के बीच काफी अंतर होता है। AI (Artificial Intelligence) द्वारा दी जाने वाली सहानुभूति सतही होती है, जबकि इंसानी सहानुभूति गहरी और सच्ची होती है। तुर्कले का मानना है कि AI (Artificial Intelligence) वास्तव में इंसानों की परवाह नहीं करते हैं।

Artificial Intelligence: AI गर्लफ्रेंड से प्यार में नहीं मिलेगी सच्चाई!
Artificial Intelligence: AI गर्लफ्रेंड से प्यार में नहीं मिलेगी सच्चाई!

इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य यह दिखाना है कि जबकि AI (Artificial Intelligence) टेक्नोलॉजी हमें कई फायदे दे सकती है, लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम AI (Artificial Intelligence) के साथ अपने संबंधों को कैसे प्रबंधित करें। हमें यह समझना होगा कि AI (Artificial Intelligence) से अत्यधिक भावनात्मक जुड़ाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने संबंधों में AI (Artificial Intelligence) और इंसानी इंटरैक्शन के बीच संतुलन बनाए रखें।

शख्स ने चैटबॉट को बनाया ‘गर्लफ्रेंड’

शेरी तुर्कले ने अपनी रिपोर्ट में उन लोगों के बारे में भी बताया है जो चैटबॉट्स के साथ गहरे भावनात्मक संबंध बना रहे हैं। कुछ लोग शादीशुदा होने के बावजूद भी अपनी चैटबॉट गर्लफ्रेंड के साथ रोमांटिक रिलेशनशिप में हैं। तुर्कले बताती हैं कि इसका मुख्य कारण शादीशुदा जीवन में सेक्स और रोमांस की कमी हो सकती है, और इसी कमी को पूरा करने के लिए उन्हें चैटबॉट का समर्थन लेना पड़ता है।

शेरी के अनुसार, ‘Artificial Intimacy’ आज के समय में एक नई चुनौती पेश कर रही है। AI (Artificial Intelligence) लोगों की मदद जरूर कर रहा है, लेकिन उनके साथ गहरा और सार्थक इमोशनल बॉन्ड बनाना इंसानों के लिए आगे चलकर उनके इमोशनल हेल्थ को काफी प्रभावित कर सकता है। इसे समझना और संवेदनशीलता से देखना हमें सोचने पर मजबूर करता है कि तकनीकी विकास के साथ हमें इंसानी संबंधों के मौजूदा रूप को कैसे संतुलित रखना होगा।

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