झारखंड के पूर्व सीएम Champai Soren ने दिल्ली दौरे पर उठे सवालों का एबीपी न्यूज़ से किया जवाब |
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्री Champai Soren ने हाल ही में एबीपी न्यूज़ से बातचीत में स्पष्ट किया कि वह राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं, बल्कि एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य एक नया संगठन स्थापित करना है जो उनकी विचारधारा को साझा करता हो। सोरेन ने स्पष्ट किया कि यदि उन्हें किसी ऐसे नए सहयोगी से मुलाकात होती है जो उनकी विचारधारा से मेल खाता हो, तो वे उसके साथ आगे बढ़ने पर विचार करेंगे।
सोरेन का मानना है कि यह कदम जनता की मांग है और इससे उनके राजनीतिक करियर को नया दिशा मिलेगा। उन्होंने अपने निर्णय को लेकर स्पष्टता व्यक्त की और कहा कि वे जनता के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। Champai Soren का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बन गया है और उनकी आगामी योजनाओं पर निगाहें टिकी हुई हैं।
Champai Soren के हालिया ऐलान से सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की समस्याएँ बढ़ सकती हैं। सोरेन परिवार के करीबी सदस्य रहे हैं और उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। जब हेमंत सोरेन जेल गए थे, तब चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा गया था। लेकिन हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद, उन्होंने पुनः सत्ता की कमान संभाल ली, जिसके कारण चंपाई सोरेन को राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए नया रास्ता तलाशने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
Champai Soren का यह कदम JMM के लिए चुनौती पेश कर सकता है क्योंकि इससे पार्टी में संभावित असंतोष और आंतरिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। Champai Soren के नए संगठन की योजना से JMM की स्थिति पर असर पड़ सकता है, विशेषकर जब वह अपनी राजनीतिक पहचान और जन समर्थन को पुनः स्थापित करने की कोशिश करेंगे। इस नई स्थिति से राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आ सकता है और JMM को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
बीजेपी नेताओं से मुलाकात पर पूर्व सीएम का बयान
Champai Soren ने हाल ही में स्पष्ट किया कि उनके दिल्ली दौरे का उद्देश्य BJP नेताओं से मुलाकात करना नहीं था। उन्होंने बताया कि उनका दौरा उनके परिवार से मिलने के लिए था, जिसमें उन्होंने अपने बच्चे और पोते से मुलाकात की। सोरेन ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी सोच और विचार जनता के सामने रख दिए हैं और आदिवासी, दलित, और गरीबों के हक के लिए वे पहले भी संघर्ष करते आए हैं और आगे भी जारी रखेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर किए गए अपने बयानों को दोहराने से इंकार किया और नए अध्याय की शुरुआत करने की बात की।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की ओर से Champai Soren की भूमिका की सराहना की गई है और उन्हें पार्टी में बने रहने का आग्रह किया गया है। इस पर चंपाई ने कहा कि हर व्यक्ति के विचार अलग हो सकते हैं और JMM के नेताओं की सोच उनकी अपनी जगह पर सही है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पूरे झारखंड का दौरा करने का निर्णय लिया है। चंपाई सोरेन का यह कदम JMM के भीतर और झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। उनका नया संगठन और राजनीतिक यात्रा उनके राजनीतिक भविष्य को नया दिशा दे सकती है।
जीतन मांझी के ऑफर पर यह बोले चंपाई
Champai Soren ने हाल ही में एनडीए में शामिल होने की बात पर प्रतिक्रिया दी है। जब उनसे पूछा गया कि जीतन मांझी के एनडीए में स्वागत करने पर उनकी क्या राय है, तो उन्होंने कहा कि वे अपने शुभचिंतकों के प्रति आभार प्रकट करते हैं। चंपाई ने स्पष्ट किया कि वे उन सभी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने उनकी नीतियों और विचारों का समर्थन किया है।
इसके साथ ही, Champai Soren ने भारत बंद के ऐलान को भी समर्थन दिया है। उन्होंने इसे नैतिक समर्थन के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि इस बंद के पीछे के कारण और मुद्दे उनके समर्थन के योग्य हैं। उनका यह बयान राजनीतिक गतिविधियों और सामाजिक आंदोलनों के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है। चंपाई सोरेन का यह कदम उनके राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण की स्पष्टता को दर्शाता है और आने वाले दिनों में उनके राजनीतिक फैसलों पर असर डाल सकता है।
बीजेपी के साथ जाने पर क्या चंपाई को मिलेगा अपनों का समर्थन?
Champai Soren के गांव के आदिवासियों ने हाल ही में उनके साथ हुए अन्याय पर आक्रोश व्यक्त किया है। उनका कहना है कि Champai Soren को अपमानित किया गया और उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से जबरदस्ती हटाया गया। आदिवासियों का मानना है कि चंपाई सोरेन के नेतृत्व के कारण ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को सफलता मिली और पार्टी ने प्रगति की। अब, उनका मानना है कि विधानसभा चुनावों में JMM कोचंपाई सोरेन की अनुपस्थिति से नुकसान हो सकता है।
गांव के लोगों ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें चंपाई को मुख्यमंत्री बनाए रखना चाहिए था। हालांकि, वे Champai Soren के किसी भी आगामी कदम, चाहे वह अपनी नई पार्टी बनाना हो या BJP के साथ जुड़ना, का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। इसके बावजूद, कुछ लोगों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि चंपाई सोरेनBJP के साथ जुड़ते हैं, तो वे उनका समर्थन नहीं करेंगे। इस प्रकार, चंपाई सोरेन की आगामी राजनीतिक योजनाएं और निर्णय उनके समर्थकों के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर रहे हैं।
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