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Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: मनु भाकर ने रचा इतिहास, शूटिंग में मेडल जीतने वाली बनीं पहली भारतीय महिला |

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा |

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024:  22 साल की मनु भाकर ने Paris Olympics 2024 में भारत का पहला पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का मान बढ़ाया है। मनु भाकर इस ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली एथलीट बन गई हैं। इस प्रतियोगिता में मनु ने शानदार प्रदर्शन किया और एलिमिनेशन से पहले दक्षिण कोरिया की किम येजी से केवल 0.1 अंक पीछे थीं, जिन्होंने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया।

मनु भाकर का यह ओलंपिक्स में पहला मेडल है, और उनके इस असाधारण प्रदर्शन ने पूरे देश को गर्वित किया है। इस स्पर्धा में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने वाली दोनों एथलीट दक्षिण कोरिया से थीं, जिन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: मनु की इस सफलता ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत तौर पर मान्यता दिलाई है, बल्कि भारत के निशानेबाजी के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। उनके इस पदक ने साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। मनु की यह जीत आने वाले एथलीटों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी और देश में निशानेबाजी के प्रति रुचि को और अधिक बढ़ावा देगी।

मनु भाकर, ओलंपिक की शूटिंग स्पर्धा में मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला एथलीट हैं। उनसे पहले, ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने वाले सभी शूटर पुरुष थे, जिनके नाम राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अभिनव बिंद्रा, विजय कुमार और गगन नारंग हैं। मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के क्वालीफिकेशन राउंड में 580 के स्कोर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया था।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: मनु की इस शानदार सफलता ने शूटिंग में भारत के 12 साल से चले आ रहे पदक के सूखे को समाप्त कर दिया है। इससे पहले, भारत ने 2012 के लंदन ओलंपिक्स में शूटिंग में पदक जीता था, जब गगन नारंग और विजय कुमार ने यह उपलब्धि हासिल की थी। मनु की इस जीत ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत तौर पर सम्मान दिलाया है, बल्कि भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी साबित हुआ है। उनकी इस उपलब्धि ने भारतीय महिलाओं के लिए नए द्वार खोले हैं और युवा निशानेबाजों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हैं।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में मनु भाकर की पिस्टल में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके कारण वे पदक जीतने से वंचित रह गई थीं। इस बार उन्होंने फाइनल में 221.7 का स्कोर करते हुए ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना साधा है। मनु ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला शूटर हैं, लेकिन उनसे पहले सुमा शिरुर ऐसी पहली महिला एथलीट बनी थीं, जिन्होंने शूटिंग स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई थी। सुमा ने ग्रीस में हुए 2004 ओलंपिक्स की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल तक का सफर तय किया था। ओलंपिक खेलों के इतिहास में भारत का यह शूटिंग में कुल 5वां पदक है।

मनु भाकर की सफलता की कहानी;12-12 घंटे की प्रैक्टिस और गीता का पाठ |

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: हरियाणा की 22 साल की मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीतकर भारतीय निशानेबाजी के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा है। मनु भाकर ने ओलंपिक में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। इस जीत के साथ ही भारत का निशानेबाजी में ओलंपिक पदक के लिए 12 साल का लंबा इंतजार समाप्त हुआ।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: इससे पहले, 2012 के लंदन ओलंपिक में भारत ने निशानेबाजी में पदक जीते थे, जब विजय कुमार ने रैपिड-फायर पिस्टल में रजत पदक और गगन नारंग ने 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता था। मनु की इस उपलब्धि ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे देश को गर्वित किया है। उनकी मेहनत, समर्पण और संकल्प ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है और उन्होंने युवा निशानेबाजों के लिए एक प्रेरणा स्रोत के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: ‘अब नेक्स्ट टारगेट गोल्ड है’

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: इस ऐतिहासिक जीत के मौके पर मनु भाकर की मां, सुमेधा भाकर, ने कहा है कि अब हमारा अगला लक्ष्य स्वर्ण पदक है और हमें विश्वास है कि यह पूरा हो जाएगा। मनु के प्रति जो प्यार और समर्थन आप सभी ने दिखाया है, उसके लिए हम आप सभी का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी मनु से कोई विशेष उम्मीद नहीं थी, बस यही इच्छा थी कि वह जहां भी जाए, खुश होकर घर लौटे। जब मनु स्कूल में थी, तो जिस हाउस में वह रहती थी, उसी हाउस में सभी जाने की इच्छा रखते थे।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: मनु भाकर ने रचा इतिहास

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: सुमेधा भाकर ने आगे कहा कि जब एक औरत आगे बढ़ती है, तो उसे गिराने वाले भी बहुत होते हैं। उन्होंने बताया कि ससुराल में भी उन्होंने संघर्ष करके अपनी जगह बनाई। मनु के लिए वे हमेशा खाने का ध्यान रखती थीं। सुमेधा ने कहा कि वह कोई विशेष संदेश नहीं देना चाहतीं, बस इतना कहना चाहती हैं कि मनु ने कड़ी मेहनत की है। सभी खिलाड़ी मेहनत करके वहां तक पहुंचे हैं, इसलिए वह चाहती हैं कि सभी खिलाड़ी खुश होकर लौटें।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: 10-12 घंटे करती थी तैयारी

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: मनु भाकर की मां, सुमेधा भाकर, ने अपनी बेटी की मेहनत और संघर्ष के बारे में बात करते हुए बताया कि मनु 10-12 घंटे की कड़ी तैयारी करती थी। उनका पहला घर शूटिंग रेंज ही था और वह केवल सोने के लिए घर आती थी। सुमेधा ने अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि वह 15 साल तक स्कूल में काम करती रहीं, लेकिन उन्हें ससुराल का समर्थन नहीं मिला। उन्होंने मांग की कि उन्हें सरकारी नौकरी मिले या योग के क्षेत्र में कुछ अवसर प्रदान किए जाएं।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: सुमेधा भाकर ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वहां महिलाओं को तुच्छ नजर से देखा जाता है। इसलिए, वह चाहती हैं कि वे महिलाओं के लिए कुछ करें। मनु भाकर के दोस्तों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि मनु के कई अच्छे दोस्त थे, लेकिन परिवार का साथ न मिलने के कारण वे पीछे रह गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना परिवार के कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। सुमेधा ने कहा कि वह मनु से कोई काम नहीं करवाती थीं और न ही उन्होंने मनु से कोई काम करवाया।

Manu Bhaker Wins Medal Olympics 2024: सुमेधा भाकर ने ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों की महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करते हुए कहा कि गांव में बेटियां बहुत कुछ करना चाहती हैं, लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिलते। उन्होंने भाइयों के लिए संदेश दिया कि वे अपनी बहनों को दबाएं नहीं, बल्कि उनका समर्थन करें ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें।

 

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