Alcohol शब्द की उत्पत्ति और अर्थ;दुनियाभर के शराब प्रेमियों के लिए रोचक जानकारी|
दुनियाभर में शराब के शौकीन बहुत लोग हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब के लिए इस्तेमाल होने वाला ‘Alcohol‘ शब्द कहां से आया था और इसका क्या मतलब होता है? भारत समेत दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों में शराब को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। परन्तु ‘Alcohol’ शब्द की उत्पत्ति और इसका अर्थ जानना भी उतना ही रोचक है।
‘Alcohol’ शब्द अरबी भाषा के ‘अल-कुहुल’ से आया है, जिसका मतलब है ‘बारीक पाउडर’। प्रारंभिक अरबी वैज्ञानिक रसायन विज्ञान में इस शब्द का उपयोग करते थे। धीरे-धीरे, यह शब्द Alcohol युक्त तरल पदार्थों के लिए प्रयुक्त होने लगा। यूरोप में इसका प्रवेश मध्ययुगीन काल में हुआ, जब Alcohol बनाने की प्रक्रिया का विकास हुआ। इसके बाद, यह शब्द विभिन्न भाषाओं में फैल गया और अब दुनियाभर में शराब के लिए सामान्यतः इस्तेमाल होता है।
Alcohol का इतिहास और इसका सांस्कृतिक महत्व विभिन्न समाजों में अलग-अलग है। परंतु इसकी उत्पत्ति और विकास की कहानी बताती है कि कैसे विज्ञान और भाषा ने मिलकर एक सामान्य शब्द को वैश्विक बना दिया।
Alcohol
शराब के शौकीन लोग महंगी से महंगी शराब पीना पसंद करते हैं। शराब की कई वैरायटी होती हैं, जिनमें वाइन, व्हिस्की, ब्रांडी, वोडका, बियर, जिन आदि शामिल हैं। इन सभी वैरायटी के शराबों के दाम भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब, यानी अल्कोहल , कैसे बनता है?
Alcohol बनाने की प्रक्रिया को ‘किण्वन’ कहते हैं। इस प्रक्रिया में शर्करा (सुगर) को खमीर (यीस्ट) द्वारा तोड़ा जाता है, जिससे इथेनॉल (पीने योग्य Alcohol) और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन होता है। अलग-अलग प्रकार की शराबों के लिए विभिन्न फलों, अनाजों या अन्य शर्करा युक्त सामग्री का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, वाइन अंगूर से, व्हिस्की अनाज से, और बियर जौ से बनाई जाती है। किण्वन के बाद, कुछ शराबों को अतिरिक्त प्रक्रिया, जैसे कि आसवन (डिस्टिलेशन) के जरिए शुद्ध किया जाता है, जिससे उनकी Alcohol की मात्रा बढ़ाई जाती है।
Alcohol को बनाने में गेहूं और जौ जैसे अनाज का उपयोग होता है। व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है, जो लगभग 30 से 65% तक हो सकती है। विभिन्न ब्रांडों में Alcohol की मात्रा अलग-अलग होती है। इस ड्रिंक को बनाने के लिए गेहूं और जौ को किण्वित (फर्मेंट) किया जाता है। किण्वन के बाद इसे कुछ समय के लिए ओक कास्क में रखा जाता है, जिससे इसका स्वाद और रंग विकसित होता है।
भारत समेत कई अन्य देशों में स्थानीय लोग विभिन्न तरीकों से शराब बनाते हैं। हालांकि, कई बार जानकारी के अभाव में यह शराब खतरनाक साबित हो सकती है। स्थानीय स्तर पर बनने वाली शराब के नाम भी हर जगह अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में ‘महुआ’ और ‘ताड़ी’ जैसी पारंपरिक शराबें प्रचलित हैं, जबकि अन्य देशों में उनके स्थानीय नाम और विधियां होती हैं।
इसलिए, शराब का सेवन करते समय इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। स्थानीय और पारंपरिक शराब बनाते समय स्वच्छता और उचित प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचा जा सके।
Alcohol किस भाषा का शब्द
अब सवाल यह है कि आखिर ‘Alcohol’ किस भाषा का शब्द है? सबसे पहले समझते हैं कि अल्कोहल होता क्या है। कई लोग अल्कोहल को शराब समझते हैं, लेकिन बीयर, व्हिस्की, रम, वाइन ये सब असल में शराब की वैरायटी हैं। इन शराबों में इस्तेमाल होने वाले नशे की मात्रा अलग-अलग होती है, जिसके लिए ‘Alcohol’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
‘Alcohol’ शब्द अरबी भाषा के ‘अल-कुहुल’ से आया है, जिसका मतलब होता है ‘सूक्ष्म पाउडर’। इसका उपयोग पहले रसायन विज्ञान में किया जाता था, लेकिन समय के साथ यह शब्द पीने योग्य अल्कोहल के लिए प्रचलित हो गया। बीयर, व्हिस्की, रम, और वाइन में अल्कोहल की मात्रा अलग-अलग होती है, जो उनके नशे की तीव्रता को निर्धारित करती है।
बता दें कि Alcohol को लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। लेकिन “अल्कोहल ” शब्द वास्तव में अरबी “अल-कुहुल” या “कोहल” से लिया गया है, जो आंख की पलकों को रंगने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक गहरा पाउडर है। इसके अलावा, मेरियम वेबस्टर शब्दकोश में शराब की अरबी जड़ों का उल्लेख किया गया है।
जब यह शब्द पहली बार अंग्रेजी में आया था, तो इसका प्रयोग कोहल जैसे पाउडर का वर्णन करने के लिए किया गया था। अरबी के “अल-कुहुल” का मतलब होता है ‘सुरमा का सूक्ष्म पाउडर’, जिससे पूर्वी लोग अपनी पलकें सजाते थे। समय के साथ, इस शब्द का उपयोग बदल गया और यह पीने योग्य Alcohol के संदर्भ में इस्तेमाल होने लगा।
इस प्रकार, ‘अल्कोहल ‘ शब्द का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, जो यह दर्शाता है कि कैसे भाषा और उपयोग समय के साथ विकसित होते हैं। इस शब्द की यात्रा हमें यह समझने में मदद करती है कि कैसे विज्ञान और संस्कृति ने मिलकर इसे व्यापक रूप से स्वीकार्य बना दिया।
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