Indian Economy: 2026 तक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन जाएगा, और समृद्ध लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।

Indian Economy: यूबीएस रिपोर्ट में उजागर किया गया कि भारत को उच्च गुणवत्ता वाली रोजगार की आवश्यकता है, जिससे खपत में गति बनी रहे।

Indian Economy: यूबीएस रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2026 तक जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन जाएगा, जो धनवानों के दम पर बढ़ रहा है। 2023 तक भारत में लगभग 4 करोड़ लोग थे जो समृद्ध श्रेणी में आते थे, और इस संख्या की अगले 5 वर्षों में, अर्थात 2028 तक, दोगुनी से भी अधिक 8.8 करोड़ हो जाएगी। वार्षिक 10,000 डॉलर से अधिक आय वालों को समृद्ध वर्ग में शामिल किया जाता है।

Indian Economy
Indian Economy

Indian Economy: देश वर्तमान में पांचवें स्थान पर है, लेकिन वास्तविक घरेलू खर्च में 29 फीसदी की वृद्धि से भारत दो स्थान ऊपर पहुंच जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के प्रति व्यक्ति घरेलू खर्च में इंडोनेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड जैसी अन्य विकासशील एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सालाना 7.8 फीसदी अधिक होगी।

दोगुनी हो जाएगी समृद्ध वोगों की संख्या :

Indian Economy: यूबीएस (UBS) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बातें उजागर की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत में कुल 40 मिलियन (4 करोड़) लोग समृद्ध वर्ग में थे, जिनकी उम्र 15 वर्ष से अधिक थी और जिनकी सालाना आय 10,000 डॉलर से अधिक थी। लेकिन आगामी पांच वर्षों में, 2028 तक, जिन लोगों की सालाना आय 10,000 डॉलर से अधिक होगी, उनकी संख्या बढ़कर 88 मिलियन (8.8 करोड़) तक पहुंच जाएगी।

web development
web development

Indian Economy: यूबीएस ने अपने शोध रिपोर्ट में दावा किया है कि देश में आर्थिक वर्ष 2024-25 में 4-5 फीसदी और आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5-7 फीसदी कंजम्प्शन ग्रोथ रहेगा, जो पिछले वित्त वर्ष 2010-11 और 2019-20 में देखा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, कॉर्पोरेट सेक्टर में वेतन में कमी, पर्सनल लोन की गिरावट, और मॉनेटरी पॉलिसी की सख्ती के कारण बड़े पैमाने पर शहरी क्षेत्रों में मांग में कमी रहेगी। लेकिन प्रीमियम और समृद्ध सेगमेंट का प्रदर्शन बेहतर रहेगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार संभव :

Indian Economy: यूबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में खपत में सुधार की आशा है। देश में सामान्य मानसून की उम्मीद है और इसके साथ ही कृषि उत्पादों की निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने और पूंजी खर्च में वृद्धि के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हाल ही में सरकार ने प्याज की निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इससे भी पढ़े :- Arvind Kejriwal NIA Probe: खालिस्तान समर्थकों से धन प्राप्त करने के आरोप में केजरीवाल को लेकर दिल्ली के LG ने NIA की जांच की सिफारिश की।

बेहतर क्वालिटी वाले नौकरियों की दरकार :

Indian Economy: यूबीएस के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था को घरेलू बाजार में डिमांड की तेजी से मिल रही फायदा हो रहा है। लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, भारत को बेहतर क्वालिटी की नौकरियों की आवश्यकता है जिससे खपत में तेजी बनी रहे। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की मुख्य विशेषता यह है कि उसके घरेलू बाजार स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करने में सक्षम है जो कि अन्य एशियाई देशों में नहीं है।

Indian Economy
Indian Economy

भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते उपभोक्ता और व्यापार बाजार, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में इसकी मजबूती और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मध्यस्थ करते हुए, भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखलाओं में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने का लाभ उठाना चाहिए।

इससे भी पढ़े :- Rahul Gandhi’s Reservation Quota: 50% आरक्षण की सीमा होगी खत्म,राहुल गाँधी ने रतलाम में कहा ,कांग्रेस की सरकार आई तो होगा बड़ा बदलाव

Indian Economy: भारत पिछले कुछ दशकों में लगातार वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी अवधारित जगह बना रहा है। देश की तरक्की के महत्त्वपूर्ण पहलुओं में से एक बढ़ता उपभोक्ता बाजार है। बीएमआई रिसर्च की नई रिपोर्ट में पाया गया है कि मध्यम से उच्च आय वाले परिवारों की संख्या बढ़ने से भारत का कन्ज्यूमर मार्केट 2027 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा, अमरीका और चीन के बाद। वर्तमान में, देश पांचवें स्थान पर है, लेकिन वास्तविक घरेलू खर्च में 29 फीसदी की वृद्धि से भारत दो स्थान ऊपर पहुंच जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रति व्यक्ति घरेलू खर्च में बढ़ोतरी इंडोनेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड जैसी अन्य विकासशील एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सालाना 7.8 फीसदी अधिक होगी।

युवा आबादी उपभोक्ता खर्च में कर रही बढ़ोतरी:

Indian Economy: रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरेलू खर्च 2027 तक तीन ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा। यहां तक कि डिस्पोजेबल इनकम में सालाना 14.6 फीसदी की वृद्धि की जाएगी। इससे, भारतीय परिवारों की अधिकांश वार्षिक डिस्पोजेबल इनकम 10,000 डॉलर से अधिक होने की संभावना है। ज्यादातर इन परिवारों की आबादी नई दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे आर्थिक केंद्रों में निवास करेगी। भारत में आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों का प्रमुख आवास शहरी क्षेत्रों में है, जो खुदरा विक्रेताओं के लिए अपने प्रमुख बाजारों को लक्षित करते हैं। वर्तमान में, उपभोक्ता उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था का 60 फीसदी हिस्सा है।

Indian Economy
Indian Economy

Indian Economy: भारत में बड़ी युवा आबादी उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लगभग तीन-तिहाई आबादी 20-33 वर्ष के आयु समूह में है। आगामी काल में, यह समूह इलेक्ट्रॉनिक्स और तकनीक पर भारी खर्च करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, कम्युनिकेशन पर खर्च औसतन 11.1 फीसदी से सालाना बढ़कर 2027 तक 76.2 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इसका कारण है कि तकनीक को जानने वाले और शहरी मध्यम वर्ग की डिस्पोजेबल आय बढ़ रही है, जो उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर अधिक खर्च करेगा। देश में शहरीकरण से उपभोक्ता खर्च में बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि कंपनियां उपभोक्ताओं तक आसानी से पहुंच सकेंगी। कंपनियां अधिक फिजिकल रिटेल स्टोर खोलेंगी ताकि उन्हें उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिले।

 

2 thoughts on “Indian Economy: 2026 तक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन जाएगा, और समृद्ध लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।”

  1. Pingback: Income Tax: बैंक कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय,लोन पर भी देना होगा टैक्स | - Daily Print News

  2. Pingback: PNB Customers: जानिये क्यों बंद हो सकता है पीएनबी बैंक खाता: बैंक की चेतावनी | - Daily Print News

Leave a Reply

Scroll to Top