वित्त मंत्री और RBI Governor की सलाह के बाद बैंकों ने शुरू किया डिपॉजिटर्स को आकर्षित करने का अभियान, पेश की नई FD स्कीमें |
RBI Governor: बैंकों में घटते डिपॉजिट्स ने सरकारी और निजी दोनों बैंकों की चिंता बढ़ा दी है। खाताधारक अपनी बचत को बैंक खातों में रखने के बजाय उन निवेश विकल्पों में लगा रहे हैं, जहां उन्हें बेहतर रिटर्न मिल रहा है। इससे बैंकों के सामने डिपॉजिट्स का संकट खड़ा हो गया है। बैंकों द्वारा दिए जा रहे लोन के अनुपात में उनके पास पर्याप्त डिपॉजिट्स नहीं आ रहे हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पर असर पड़ रहा है।
RBI Governor: इस चुनौती से निपटने के लिए बैंक अब आकर्षक ब्याज दरों वाली डिपॉजिट स्कीमों को लॉन्च कर रहे हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य खाताधारकों को बेहतर रिटर्न का लाभ देकर उन्हें वापस बैंकिंग सिस्टम में आकर्षित करना है। इस कदम से बैंकों को अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी, साथ ही खाताधारकों को सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प प्रदान किए जाएंगे।
RBI Governor: बैंकों ने लॉन्च किए आकर्षक डिपॉजिट स्कीमें
RBI Governor: निजी क्षेत्र की आरबीएल बैंक (RBL Bank) ने “विजय डिपॉजिट” नामक एक नई डिपॉजिट स्कीम लॉन्च की है, जो 500 दिनों की अवधि के लिए है। इस योजना के तहत, सुपर सीनियर सिटीजंस को 8.85% की आकर्षक ब्याज दर प्रदान की जा रही है। सीनियर सिटीजंस के लिए यह दर 8.6% है, जबकि सामान्य नागरिकों और एनआरई/एनआरओ फिक्स्ड डिपॉजिट खातों पर 8.1% ब्याज मिलेगा। इसके अलावा, बैंक अपने बचत खातों पर 7.5% की ब्याज दर भी दे रही है।
RBI Governor: एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने भी इस प्रतिस्पर्धा में कदम रखते हुए एक स्पेशल एडीशन फिक्स्ड डिपॉजिट योजना पेश की है। इस योजना के अंतर्गत, 35 महीने की एफडी पर 7.35% और 55 महीने की एफडी पर 7.40% की ब्याज दर दी जा रही है। सीनियर सिटीजंस को इस पर अतिरिक्त 50 बेसिस प्वाइंट्स का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी ब्याज दर और अधिक हो जाती है।
RBI Governor: इन नई योजनाओं का उद्देश्य बैंकों के डिपॉजिट्स को बढ़ाना और ग्राहकों को बेहतर रिटर्न प्रदान करना है। दोनों बैंकों की ये पहल उन लोगों को आकर्षित करने की दिशा में है, जो अधिक ब्याज दरों की तलाश में हैं और सुरक्षित निवेश विकल्प चाहते हैं। इस प्रतिस्पर्धा से बाजार में निवेशकों के लिए कई नए अवसर खुल रहे हैं, जिससे वे अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं।
एसबीआई ने “अमृत वृष्टि रिटेल टर्म डिपॉजिट” स्कीम लॉन्च की है, जिसमें 444 दिनों की अवधि वाली एफडी पर 7.25% ब्याज दिया जा रहा है। इसी तरह, बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी एक स्पेशल डिपॉजिट स्कीम पेश की है, जिसमें 399 दिनों की एफडी पर 7.25% और 333 दिनों की एफडी पर 7.15% ब्याज की पेशकश की जा रही है।
RBI Governor: बैंकों की ये नई योजनाएं, ग्राहकों को आकर्षित करने और डिपॉजिट बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। मौजूदा वित्तीय माहौल में, जहां निवेशकों को अधिक रिटर्न की तलाश है, ये स्कीमें उन्हें एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश का विकल्प प्रदान करती हैं। आने वाले दिनों में, बैंकों द्वारा डिपॉजिट स्कीमों को और भी आकर्षक बनाने की संभावना है, जिससे वे अधिक से अधिक डिपॉजिटर्स को आकर्षित कर सकें।
RBI Governor: इनोवेटिव सेविंग प्रोडक्ट्स लाएं बैंक
8 अगस्त 2024 को मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए RBI Governor शक्तिकांत दास ने कहा कि रिटेल निवेशकों के लिए वैकल्पिक निवेश के अवसर तेजी से आकर्षक होते जा रहे हैं, जिससे बैंकों को लोन ग्रोथ के बावजूद डिपॉजिट जुटाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। गवर्नर ने बैंकों को सलाह दी कि वे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स, सेवाओं की पेशकश, और अपने शाखा नेटवर्क का पूरा उपयोग करते हुए घरेलू वित्तीय बचत को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाएं।
इसके बाद, 10 अगस्त 2024 को आरबीआई के बोर्ड की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक हुई। इस बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने भी बैंकों को डिपॉजिट्स बढ़ाने के लिए नए और इनोवेटिव स्कीमें पेश करने की सलाह दी।
बढ़ते निवेश विकल्पों के कारण, बैंकों को अपने ग्राहकों को आकर्षित करने और वित्तीय बचत को बैंकिंग सिस्टम में बनाए रखने के लिए अधिक क्रिएटिव और प्रभावी तरीकों की आवश्यकता है। वित्त मंत्री और RBI Governor की इस नसीहत से यह स्पष्ट होता है कि बैंकों को अपने उत्पादों और सेवाओं में नवाचार लाने की जरूरत है ताकि वे ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा कर सकें और उन्हें बैंकिंग में बनाए रख सकें। आने वाले समय में, बैंकों से उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी डिपॉजिट स्कीमों को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कदम उठाएंगे, जिससे वे अधिक डिपॉजिट जुटा सकें और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकें।
RBI Governor: म्यूचुअल फंड में डिपॉजिटर्स का पलायन
RBI Governor: कोरोना काल के दौरान शेयर बाजार में आई तेजी के कारण निवेशक अब सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने लगे हैं, जहां उन्हें बैंक डिपॉजिट्स की तुलना में अधिक रिटर्न मिल रहा है। जुलाई 2024 में एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश 23,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है। ये आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि डिपॉजिटर्स, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में बेहतर रिटर्न की वजह से उनकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।
RBI Governor: इस बढ़ते रुझान ने बैंकों पर अपनी डिपॉजिट स्कीमों को अधिक आकर्षक बनाने का दबाव बढ़ा दिया है, ताकि वे ग्राहकों को बैंकिंग सिस्टम में बनाए रख सकें। निवेशकों की इस बदलती प्राथमिकता से बैंकों के सामने चुनौती खड़ी हो गई है कि वे किस तरह से अधिक प्रतिस्पर्धी और लाभकारी योजनाएं पेश कर सकते हैं।
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