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Allahabad H C On Conversion: कोर्ट की चेतावनी , धर्मांतरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के विचार |

Allahabad H C On Conversion: इलाहाबाद हाईकोर्ट की चेतावनी , धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण पर गंभीर टिप्पणी |

Allahabad H C On Conversion: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में धर्मांतरण के मामले पर सुनवाई की गंभीर टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने देश में बड़े स्तर पर एससी/एसटी और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का धर्मांतरण कराने के मामले पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को तत्काल रोका जाना चाहिए, क्योंकि धार्मिक सभाओं में पैसों के लालच से यह अवैध प्रथा जारी है, जिससे एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी।

Allahabad H C On Conversion: कोर्ट की चेतावनी , धर्मांतरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के विचार |
Allahabad H C On Conversion: कोर्ट की चेतावनी , धर्मांतरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के विचार |

Allahabad H C On Conversion: कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लेख करते हुए यह स्पष्ट किया कि इसमें किसी को धर्मांतरण कराने का प्रावधान नहीं है। इस प्रकार, धर्मांतरण के जरिए समाज में सामाजिक और आर्थिक असमानता बढ़ाने के खिलाफ कानूनी कदमों की जरूरत है।

इस सम्बंध में, कोर्ट ने देशव्यापी धर्मांतरण की अवैधता को देखते हुए धर्मांतरण कराने वाली सभाओं पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने यह भी जताया कि इस प्रक्रिया से उस समाज को नुकसान हो रहा है, जो सामाजिक और धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर आधारित होता है।

Allahabad H C On Conversion: धर्मांतरण के मामले में यह निर्णय देने वाली हाईकोर्ट की इस टिप्पणी ने समाज में गहरे समाजिक विवादों को उजागर किया है। इसे लेकर अधिकारिक व राजनीतिक मंचों पर भी व्यापक चर्चा हो रही है। धर्मांतरण की इस प्रक्रिया को नियंत्रित करने और उसकी अवैधताओं को रोकने के लिए कानूनी और सामाजिक उपायों की आवश्यकता है, ताकि समाज में न्याय और समानता की स्थिति सुनिश्चित हो सके।

Allahabad H C On Conversion: जस्टिस रोहित रंजन ने धर्मांतरण के मामले में आरोपी कैलाश की जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है। उन्होंने हमीरपुर के मौदहा में रहने वाले रामकली द्वारा कैलाश के खिलाफ मानसिक रूप से कमजोर भाई का धर्मांतरण कराने के आरोपों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी ने इस मामले में जमानत की याचिका दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

इलाज के बहाने धर्मांतरण का खेल

Allahabad H C On Conversion: शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके भाई को एक हफ्ते के लिए इलाज के नाम पर दिल्ली ले जाया गया था, जिसके बाद उसे किसी धार्मिक आयोजन में शामिल किया गया। आरोपी कैलाश ने गांव के कई लोगों को भी साथ ले जाकर उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया। इसके बदले उसने उसके भाई को कुछ पैसे भी दिए थे।

Allahabad H C On Conversion: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धर्मांतरण कराने वाली धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगानी चाहिए। संविधान का अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को समर्थन देता है, जिसमें किसी भी धर्म को मानने, पूजा करने और धर्म का प्रचार करने का अधिकार शामिल है, लेकिन इसमें किसी को धर्मांतरण कराने की अनुमति नहीं है। इस मामले में कोर्ट को जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक समारोहों के माध्यम से गरीब और भोले भाले लोगों का धर्मांतरण करके उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है, जो एक गंभीर मुद्दा है।

कोर्ट ने भी दर्शाया कि यहां आरोपी कैलाश पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उसने गांव के कई लोगों का धर्मांतरण किया है, जिसके कारण उसे जमानत नहीं दी जा सकती है।

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