हाथरस भगदड़

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1. दर्दनाक हादसा:उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और 35 लोग घायल हुए हैं। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत ने आयोजन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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2. सबूत छुपाने का आरोप:रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे के बाद बाबा के सेवादारों ने सबूतों को छिपाने के लिए बेहद घिनौना काम किया। उन्होंने सत्संग में आए लोगों की चप्पलें इधर-उधर फेंक दीं, ताकि भगदड़ के सही कारणों और हादसे की गंभीरता को समझना मुश्किल हो जाए। यह हरकत निंदनीय है और हादसे की जांच में बाधा उत्पन्न करती है।

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3. पुलिस की कार्रवाई:पुलिस ने इस मामले में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर समेत अन्य अज्ञात आयोजकों और सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में मामला दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही, इन पर हादसे के सबूतों को छिपाने की धाराएं भी लगाई गई हैं। एफआईआर में यह स्पष्ट हुआ है कि सेवादारों ने भगदड़ के सबूतों को छिपाने के लिए लोगों की चप्पलें इधर-उधर फेंक दीं।

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4. भीड़ नियंत्रण की असफलता:एफआईआर के अनुसार, आयोजन में लगभग ढाई लाख लोग शामिल हुए थे, जबकि आयोजकों ने केवल 80 हजार लोगों के कार्यक्रम की अनुमति ली थी। भारी भीड़ के बावजूद, आयोजकों ने ट्रैफिक मैनेजमेंट का कोई प्रबंध नहीं किया था, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इस लापरवाही के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कुछ की जान भी चली गई।

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5. बाबा भोले का गायब होना:इस हादसे के बाद से ही बाबा भोले अंडरग्राउंड हो गए हैं। पुलिस ने मंगलवार रात को बाबा भोले की तलाश में मैनपुरी स्थित उनके आश्रम भी पहुंची, लेकिन वहां भी वे नहीं मिले। इस हादसे के बाद से प्रशासन और पुलिस पर भारी दबाव है कि वे दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ें और न्याय दिलाएं। बाबा के गायब होने से उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, और लोग उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।