Rising Water Levels: बिहार में गंगा खतरे के निशान से ऊपर कहां बह रही? कोसी-सीमांचल व पटना की नदियों का भी जानिए जलस्तर !
Rising Water Levels: बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ और घट रहा है, जिससे विभिन्न जिलों में अलग-अलग समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। पूर्वी बिहार, कोसी और सीमांचल की नदियों का जलस्तर अस्थिर है। खगड़िया में कोसी और बागमती नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है जबकि सुपौल में कोसी नदी तटबंध पर दबाव बना रही है।
कुछ जिलों में नदियों का जलस्तर घटने के बावजूद कटाव की समस्या गंभीर होती जा रही है। कटिहार में महानंदा नदी चेतावनी स्तर के ऊपर बह रही है। भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर स्थिर है, लेकिन कोसी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।
बाढ़ की यह स्थिति प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
भागलपुर में गंगा और कोसी का जलस्तर
Rising Water Levels: गंगा नदी बेसिन में बारिश कम होते ही इसका प्रभाव गंगा नदी के जलस्तर पर दिखने लगा है। जल संसाधन विभाग द्वारा बुधवार को जारी सूचना के अनुसार, भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर स्थिर है, जो 31.91 मीटर पर है। भागलपुर में गंगा नदी का खतरे का निशान 33.68 मीटर है, इसलिए फिलहाल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.77 मीटर कम है।
वहीं, नेपाल में हो रही बारिश के कारण नवगछिया से सटे कुरसेला घाट पर कोसी नदी का जलस्तर 0.07 मीटर बढ़कर 29.50 मीटर तक पहुंच गया है। कोसी नदी का खतरे का निशान 30 मीटर है, इसलिए फिलहाल यह आधा मीटर नीचे बह रही है।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भले ही कुछ क्षेत्रों में जलस्तर स्थिर है या घट रहा है, लेकिन बारिश और अन्य कारकों के चलते स्थिति में परिवर्तन लगातार हो रहा है। प्रशासन को सतर्क रहना और उचित कदम उठाना आवश्यक है ताकि संभावित बाढ़ से बचा जा सके।
पटना, बक्सर और मुंगेर में गंगा का जलस्तर
Rising Water Levels: इधर, गंगा के जलस्तर की बात करें तो बुधवार को इलाहाबाद में जलस्तर स्थिर रहा. वहीं वाराणसी व बक्सर में जलस्तर में वृद्धि हुई. पटना के दीघाघाट व गांधी घाट समेत मोकामा से सटे हाथिदा व मुंगेर में जलस्तर कम हुआ है. भागलपुर व कहलगांव में जलस्तर स्थिर है. गुरुवार को भागलपुर में जलस्तर कम हो सकता है.
कटिहार में महानंदा समेत अन्य नदियों का हाल
Rising Water Levels : कटिहार में महानंदा नदी के जलस्तर में बुधवार को मामूली कमी दर्ज की गई है। इसके विपरीत, बरंडी, कोसी, और कारी कोसी नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। गंगा नदी का जलस्तर रामायणपुर में स्थिर है, लेकिन काढ़ागोला घाट पर यह चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है। बरंडी और कारी कोसी नदियों का जलस्तर भी चेतावनी स्तर से ऊपर है।
कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे यह संभावना है कि यह कभी भी चेतावनी स्तर से ऊपर हो सकती है। नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बावजूद निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है, जिससे लोगों में बाढ़ और कटाव को लेकर दहशत बढ़ रही है।
प्रशासन को स्थिति पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और प्रभावित इलाकों में लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। स्थानीय समुदाय को भी सतर्क रहने और बाढ़ के संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
कारी कोसी में मामूली बढ़त जारी…
Rising Water Levels: कटिहार में गंगा, बरंडी, कोसी, और कारी कोसी नदियों के जलस्तर में बुधवार को भी वृद्धि जारी रही है। गंगा नदी का जलस्तर रामायणपुर में मंगलवार और बुधवार को लगभग समान रहा, लेकिन काढ़ागोला घाट पर जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कोसी नदी के कुरसेला रेलवे ब्रिज पर पानी का बहाव बढ़ गया है।
एनएच 31 से बाघमारा पचखुटी गांव को जोड़ने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ने से आवागमन ठप हो गया है और अब गांव के लोग नाव के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं। मधेली गांव के समीप ठोकर पर गंगा नदी के पानी का दबाव बढ़ रहा है, और कटरिया गांव के समीप बने तटबंध पर बाढ़ का दबाव भी बढ़ गया है।
स्थिति को देखते हुए प्रशासन को तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू करना चाहिए। प्रभावित क्षेत्रों में नावों और अन्य बचाव साधनों की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, तटबंधों की स्थिति की निरंतर निगरानी और मरम्मत की जरूरत है ताकि संभावित टूटने की घटनाओं को रोका जा सके।
सुपौल में कोसी का जलस्तर
Rising Water Levels: नेपाल में भारी बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में एक बार फिर वृद्धि होने लगी है। इस वृद्धि के कारण सुपौल में पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर बसे लोगों के घर-आंगन में पानी पहुंचने लगा, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है।
पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर ढोली, बनैनिया, लौकहा, और भपटियाही पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि कोसी नदी के जलस्तर में मंगलवार की रात अचानक वृद्धि होने के कारण उनके घर-आंगन में बाढ़ का पानी भर गया। हालाँकि, बुधवार को बाढ़ का पानी घटने लगा, जिससे तटबंध के अंदर रहने वाले ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
प्रशासन को ऐसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान देना चाहिए और बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। आपातकालीन सेवाओं और राहत सामग्री की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता मिल सके। साथ ही, भविष्य में इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए मजबूत योजना और तैयारी आवश्यक है।
Mukesh Sahani ! Unemployment ! Muslim women Alimony