Train Accident: यूपी के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 10-12 कोच पटरी से उतरे, कई लोग हताहत |
देश में एक माह के अंदर एक बार फिर बड़ा Train Accident हुआ है। उत्तर प्रदेश के गोंडा में गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 10 से 12 कोच पटरी से उतर गए, जिससे कई लोगों के हताहत होने की सूचना है। यह हादसा तब हुआ जब ट्रेन चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही थी। अब तक की जानकारी के अनुसार, ट्रेन के 10 से 12 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। इस दुर्घटना ने एक बार फिर से रेलवे सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर, इस हादसे के दौरान रेलवे का एक्सीडेंट सुरक्षा कवच सिस्टम काम क्यों नहीं आया, यह एक बड़ी चिंता का विषय है।
रेलवे का कवच सिस्टम एक अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली है जो ट्रेन को संभावित टकराव या अन्य खतरनाक स्थितियों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सिस्टम तब काम करता है जब ट्रेनों के बीच की दूरी कम हो जाती है या कोई अन्य आपात स्थिति उत्पन्न होती है। कवच सिस्टम ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है और आवश्यकतानुसार इमरजेंसी ब्रेक भी लगाता है। गोंडा हादसे में इस सिस्टम के काम न करने के कारणों की जांच जारी है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
रेलवे एक्सीडेंट
देश में बीते कुछ महीनों में Train Accident की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है। गोंडा में डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसा के अलावा, एक महीना पहले 17 जून को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भी एक Train Accident हुआ था। इन हादसों के दौरान सवाल उठता है कि भारतीय रेलवे का कवच सिस्टम क्यों काम नहीं किया गया, जो ट्रेनों को सुरक्षित रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
क्या है कवच सिस्टम
कवच सिस्टम एक तकनीकी प्रणाली है जो Train Accident को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह सिस्टम ट्रेन की गति को मापता है और संभावित खतरे के लिए चेतावनी देता है। पहले पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुए हादसे में इस कवच सिस्टम ने अपनी भूमिका नहीं निभाई और ट्रेन हादसे से बचाने में असफल रहा। अब गोंडा में डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस में भी इस सिस्टम की असफलता दर्शाई गई है। इसे समझने के लिए आवश्यक है कि यह सिस्टम कैसे काम करता है और क्यों ये हादसों को रोकने में सक्षम नहीं हो पाया।
कवच सिस्टम ट्रेन की स्पीड और दूरी को नियंत्रित करता है और आवश्यकता पर इमरजेंसी ब्रेक लगाता है। इसके बावजूद, उपयुक्त टाइमली स्केल पर इसका उपयोग नहीं हुआ, जिसके कारण हादसे सम्भव हो गए। रेलवे अधिकारियों को इस असफलता के मुख्य कारणों की जांच करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
क्या होता है कवच सिस्टम?
भारतीय रेलवे ने Train Accident को रोकने के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा एक उन्नत ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम विकसित किया है, जिसे ‘कवच’ नाम दिया गया है। इस परियोजना पर 2012 में काम शुरू किया गया और 2016 में इसका पहला ट्रायल आयोजित किया गया। कवच सिस्टम को पूरे भारत में लागू करने की योजना बनाई जा रही है। यह सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के एक सेट से मिलकर बना है, जो Train Accident को रोकने में सहायक है।
इसमें ट्रेन, रेलवे ट्रैक, रेलवे सिग्नल सिस्टम और प्रत्येक स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) डिवाइसेज को इंस्टॉल किया जाता है। यह सिस्टम अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से संचालित होता है। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों की गति को नियंत्रित करना, ट्रेनें आपस में टकराने से रोकना और सिग्नल को पार करने के दौरान होने वाले हादसों को टालना है। कवच सिस्टम की मदद से रेल यात्राओं को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा रहा है, जिससे यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके। भारतीय रेलवे की यह पहल न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि यात्री सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
कैसे काम करता है कवच?
यदि किसी ट्रेन का ड्राइवर सिग्नल तोड़कर आगे बढ़ जाता है, तो ऑटोमेटिकली कवच सिस्टम सक्रिय हो जाता है। कवच सिस्टम के सक्रिय होते ही, ट्रेन के पायलट को तुरंत अलर्ट भेजा जाता है। इसके बाद, कवच सिस्टम स्वतः ही ट्रेन के ब्रेक्स पर नियंत्रण कर लेता है।
यदि कवच सिस्टम को यह पता चलता है कि सामने के ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आ रही है, तो यह पहली ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देता है। सरल शब्दों में, यदि भारतीय रेलवे के किसी एक ट्रैक पर एक ही समय में दो ट्रेनें आ रही होती हैं, तो कवच सिस्टम सक्रिय हो जाता है और दोनों ट्रेनों को एक-दूसरे से टकराने से रोकता है।
कवच सिस्टम की यह तकनीक Train Accident को रोकने में अत्यधिक प्रभावी है। इसके माध्यम से ट्रेन संचालन में सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाया जा सकता है। यह प्रणाली भारतीय रेलवे की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यात्री और मालगाड़ियों को सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाने में सहायता करती है।
फिलहाल भारत के कई रेलवे रूटों पर कवच सिस्टम इंस्टॉल नहीं किया गया है। जलपाईगुड़ी के रूट पर भी यह सिस्टम उपलब्ध नहीं है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वर्तमान में कवच सिस्टम दक्षिण मध्य रेलवे के 1465 किलोमीटर के रूट पर और 139 इंजनों में इंस्टॉल किया गया है।
कवच सिस्टम एक उन्नत सुरक्षा तकनीक है, जिसका उद्देश्य Train Accident को रोकना है। यह सिस्टम रेलवे ट्रैकों, सिग्नल सिस्टम और ट्रेनों के बीच समन्वय स्थापित करके दुर्घटनाओं की संभावना को कम करता है। हालांकि, इसे पूरे देश में लागू करने के लिए व्यापक योजना की आवश्यकता है।
सरकार की योजना है कि भविष्य में इसे अन्य रूटों पर भी इंस्टॉल किया जाए, ताकि यात्री और मालगाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कवच सिस्टम की स्थापना से ट्रेन संचालन में सुधार और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी की संभावना बढ़ जाती है। इस प्रणाली के माध्यम से भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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