Supreme Court On Hathras Stampede Case: हाथरस सत्संग भगदड़ , 121 मौतों का मामला, सुप्रीम कोर्ट 12 जुलाई को करेगा सुनवाई |
Supreme Court On Hathras Stampede Case: हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में हुए भगदड़ मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार है। इस मामले में 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को इस मामले की सुनवाई के लिए तैयारी की है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
Supreme Court On Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी की गठन की है और एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट भी योगी सरकार को सौंप दी है। इस मामले के बाद समाज में गहरा आक्रोश है और न्याय की मांग की जा रही है। हाथरस भगदड़ मामले के विचार में अगली सुनवाई की तारीख तय होने से पहले सार्वजनिक वाद-विवाद बढ़ा है। इस मामले के तहत न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की कठोरता देखी जा रही है, ताकि इस प्रकरण में न्याय समय पर हो सके और दोषी अधिकतम सजा पाएं।
SIT ने बताया क्यों हुआ हादसा?
Supreme Court On Hathras Stampede Case: एसआईटी ने हाथरस भगदड़ मामले में गहन जांच की है। इस जांच के तहत, हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल, सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ समेत कई अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, सत्संग के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के भी बयान दर्ज किए गए हैं।
Supreme Court On Hathras Stampede Case: सूत्रों के अनुसार, एसआईटी की रिपोर्ट में सत्संग आयोजित करने वाली समिति पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अनुमति से अधिक लोगों को बुलाया और आवश्यक व्यवस्थाओं का अभाव था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अनुमति मिलने के बाद भी अधिकारियों ने मौके का मुआयना नहीं किया, जिसके कारण इस घटना की स्थिति और गंभीर हो गई। इन सभी कारणों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
Supreme Court On Hathras Stampede Case: एसआईटी की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि न केवल आयोजन समिति की लापरवाही, बल्कि संबंधित अधिकारियों की उदासीनता भी इस दुखद घटना के पीछे प्रमुख कारक रही है। अब देखना है कि आगे इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया किस दिशा में जाती है।
Supreme Court On Hathras Stampede Case: एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि हाथरस भगदड़ के पीछे साजिश की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस मामले में गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा आयोजकों की लापरवाही के कारण हुआ। स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते स्थिति बिगड़ी।
Supreme Court On Hathras Stampede Case: इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस घटना की पूरी जानकारी नहीं दी गई, जिससे प्रशासनिक नियंत्रण कमजोर रहा। एसआईटी ने आयोजन में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की कमी को भी उजागर किया है। इन सभी कारणों को मिलाकर, रिपोर्ट में हादसे को रोकने में प्रशासनिक विफलता की ओर इशारा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, जांच में पाई गई खामियों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि इस मामले में आगे की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। एसआईटी की रिपोर्ट से यह संदेश मिलता है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन और आयोजकों को अधिक सतर्क और जिम्मेदार होना पड़ेगा।
FIR में भोले बाबा का नाम नहीं
Supreme Court On Hathras Stampede Case: दो जुलाई को सिकंदराराऊ थाने में हाथरस भगदड़ के संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इस एफआईआर में भोले बाबा को आरोपी के रूप में शामिल नहीं किया गया है। भगदड़ की घटना के बाद से भोले बाबा का कोई पता नहीं चला है। उनकी अंतिम लोकेशन मैनपुरी के एक आश्रम में मिली थी, जिसके बाद उनका फोन बंद हो गया। हाल ही में भोले बाबा ने एक बयान जारी कर इस घटना पर दुख व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि इस हादसे के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट किया कि वे घटना की गंभीरता को समझते हैं और न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। वर्तमान में पुलिस भगदड़ के दोषियों की तलाश में जुटी हुई है और भोले बाबा का पता लगाने के प्रयास कर रही है।
हाथरस कांड पर SIT की रिपोर्ट के बाद बड़ा फैसला, SDM-सीओ सहित 6 अधिकारी निलंबित
हाथरस भगदड़ मामले में एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। इस रिपोर्ट में 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। अब इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एसडीएम और सीओ समेत 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
यह निलंबन एसआईटी की जांच के बाद लिया गया महत्वपूर्ण कदम है। इसके अतिरिक्त, एडीजी आगरा और अलीगढ़ के कमिश्नर के नेतृत्व में मामले की विस्तृत जांच जारी है।
हादसे के तुरंत बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए थे और इसके लिए एक विशेष समिति का गठन किया था। इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि सरकार मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
रिपोर्ट सौंपने में हुई थी देरी
एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी में शामिल किया गया था। शासन की ओर से इन्हें 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था। वैसे, शासन की ओर से बीते बुधवार तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सीएम योगी के घटनास्थल पर जाने और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने की वजह से निर्धारित समय अवधि तक जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी थी।
हाथरस में मची भगदड़ के मामले में सामने आया बड़ा अपडेट, एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सर्किल ऑफिसर समेत 6 लोगों को किया गया निलंबित।
रिपोर्ट में भगदड़ के लिए ‘सत्संग’ आयोजक ज़िम्मेदार बताए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि स्थानीय पुलिस, प्रशासन ने कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं… pic.twitter.com/kW3qaRGSlv
— UP Tak (@UPTakOfficial) July 9, 2024
इसके बाद, अधिकारियों ने शासन से अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिए तीन दिनों का अतिरिक्त समय मांगा था। अब जब जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है, शासन की ओर से आगामी दिनों में क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर सबकी नजर है। इस कार्रवाई के बाद सबकी निगाहें आगे के एक्शन पर टिकी हुई हैं।
ज्ञात हो कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा साकार हरि का सत्संग आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रशासन की ओर से 80 हजार लोगों को मंजूरी मिली थी, लेकिन कार्यक्रम में ढाई लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हो गए। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब लोगों के बाहर जाने का वक्त आया तो भगदड़ मच गई थी।
इस भगदड़ में कई लोग घायल हो गए और कुछ की मौत भी हो गई। इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। एसआईटी की रिपोर्ट में 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे और इसी के आधार पर एसडीएम और सीओ समेत 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए थे और इसके लिए एक विशेष समिति का गठन किया था। एडीजी आगरा जोन और अलीगढ़ के कमिश्नर की अगुवाई में मामले की विस्तृत जांच जारी है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि सरकार मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
आने वाले दिनों में सरकार की ओर से क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन अब तक की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि सरकार इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी।
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