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Phogat Case: देश की आशाओं को बड़ा झटका; CAS ने विनेश फोगाट के मामले को खारिज किया, मेडल नहीं मिलेगा |

Phogat Case: विनेश फोगाट की सिल्वर मेडल अपील खारिज, देशभर की उम्मीदों को बड़ा झटका |

Phogat Case: देश की आशाओं को बड़ा झटका; CAS ने विनेश फोगाट के मामले को खारिज किया, मेडल नहीं मिलेगा |
Phogat Case: देश की आशाओं को बड़ा झटका; CAS ने विनेश फोगाट के मामले को खारिज किया, मेडल नहीं मिलेगा |

Phogat Case: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की सिल्वर मेडल के लिए की गई अपील को CAS (Court of Arbitration for Sport) ने खारिज कर दिया है। इसका मतलब यह है कि विनेश फोगाट को अब पेरिस ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा। फाइनल मुकाबले के दिन विनेश का वजन मानक से 100 ग्राम अधिक पाया गया था, जिसके चलते उन्हें प्रतियोगिता से डिसक्वालीफाई कर दिया गया था।

Phogat Case: विनेश ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील की थी, और इसका फैसला 16 अगस्त को सुनाया जाना था। हालांकि, CAS ने पहले ही उनकी अपील को खारिज कर दिया। इस निर्णय से देशभर में खेल प्रेमियों और पहलवानों में निराशा छा गई है, क्योंकि विनेश ने भारतीय पहलवानी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की थीं। यह घटनाक्रम भारतीय खेल जगत के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है और विनेश के समर्थकों के लिए एक दुःखद समाचार है।

Phogat Case: भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने विनेश फोगाट के मामले में CAS के हालिया फैसले पर आश्चर्य जताया है। पीटी ऊषा ने इस निर्णय को लेकर अपनी चौंक का इज़हार किया और इसे भारतीय खेल जगत के लिए एक बड़ा झटका बताया। विनेश फोगाट ने 7 अगस्त को सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील की थी, जिसे CAS ने स्वीकार कर लिया था। इस मामले की सुनवाई 9 अगस्त को हुई थी, जिसमें विनेश का प्रतिनिधित्व चार वकीलों ने किया।

Phogat Case: विनेश के समर्थन में भारत के प्रमुख वकील हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया को भी नियुक्त किया गया था। इसके बावजूद, CAS ने उनकी अपील को खारिज कर दिया, जिससे खेल जगत में निराशा फैल गई है। विनेश के समर्थकों और भारतीय खेल प्रशंसकों की उम्मीदें अब तक निराशा में बदल चुकी हैं, और इस निर्णय ने उनके करियर पर भी प्रश्न चिह्न लगा दिया है। पीटी ऊषा और अन्य खेल अधिकारी इस फैसले के खिलाफ और भी कार्रवाई की संभावना पर विचार कर सकते हैं।

Phogat Case: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी भी एथलीट, विशेषकर विनेश फोगाट, के लिए नियमों की अनदेखी करने का पक्षधर नहीं है। UWW ने अपने नियमों और मानकों के प्रति सख्ती बरतने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

Phogat Case: इसी प्रकार, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने भी इस मुद्दे पर स्पष्ट बयान जारी किया था। थॉमस बाक ने कहा कि IOC भी नियमों और मानकों का पालन करने को अत्यंत महत्वपूर्ण मानता है और किसी भी एथलीट को नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उनके बयान ने इस बात की पुष्टि की कि अंतर्राष्ट्रीय खेल संगठनों के बीच नियमों की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। इस प्रकार, विनेश फोगाट की स्थिति में नियमों के पालन की अनिवार्यता को लेकर एक स्पष्ट संदेश भेजा गया है, जो अन्य एथलीटों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित करता है।

Phogat Case: डिसक्वालीफिकेशन के बाद ले लिया संन्यास

Phogat Case: फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश फोगाट ने 8 अगस्त को कुश्ती से संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए लिखा, “मां, कुश्ती मुझसे जीत गई, मैं हार गई। मुझे माफ करना, आज आपका सपना और मेरा साहस टूट गया है। मेरे अंदर अब ज्यादा हिम्मत नहीं बची है। कुश्ती को मेरा सलाम, मेरा करियर 2001-2024 तक ही था।”

Phogat Case: विनेश का यह बयान उनके संघर्ष और कुश्ती के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पूरा भारतवर्ष उम्मीद लगाए बैठा था कि विनेश को सिल्वर मेडल मिलेगा, लेकिन अपील के खारिज होने के बाद देशभर की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। विनेश का संन्यास भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो उनके करियर की समाप्ति के साथ-साथ उनके समर्थकों और खेल प्रशासकों के लिए भी एक बड़ा सदमा है। उनके इस फैसले ने खेल प्रेमियों को निराश किया है, और उनके शानदार करियर के समापन की खबर ने खेल जगत में एक गहरा प्रभाव छोड़ा है।

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