Human lifting capacity : कोई भी इंसान एक बार में कितना वजन उठा सकता है? जानिए क्या कहता है साइंस !
Human lifting capacity : वेटलिफ्टिंग गेम में आपने देखा होगा कि खिलाड़ी काफी वजन उठाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वजन उठाने को लेकर किसी भी इंसान की क्षमता कितनी है? क्या कोई इंसान अपनी क्षमता को बढ़ा सकता है? पेरिस ओलंपिक खेलों में तमाम खेलों के बीच वेटलिफ्टिंग गेम का भी खूब क्रेज रहता है।
Human lifting capacity : दुनियाभर के अधिकांश लोग वेटलिफ्टिंग गेम देखना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप भी वेटलिफ्टिंग गेम को देखते हुए यह सोचते हैं कि आखिर एक इंसान एक बार में अधिकतम कितना वजन उठा सकता है? आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कोई भी इंसान एक बार में किसी भी तरह का कितना वजन उठा सकता है।
वेटलिफ्टिंग
Human lifting capacity : वेटलिफ्टिंग खेलों में आपने देखा होगा कि खिलाड़ी काफी वजन उठाते हैं। लेकिन क्या आपके दिमाग में भी आता है कि कोई भी इंसान सबसे अधिक कितना वजन उठा सकता है? सवाल यह है कि किसी भी इंसान की क्षमता कितनी है।
ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स
Human lifting capacity : जब ब्रिटिश एडी हॉल ने 2016 में वर्ल्ड डेडलिफ्ट चैंपियनशिप में 500 किलोग्राम वजन उठाया था, तब दुनियाभर के लोग चौंक गए थे। लेकिन 2020 में आइसलैंड के हाफोर जूलियस ब्योर्नसन ने नया रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने डेडलिफ्ट करते हुए 501 किलोग्राम वजन उठाया था।
सबसे ज्यादा वजन किसने उठाया
Human lifting capacity : दुनियाभर में सबसे ज्यादा वजन उठाने का रिकॉर्ड कनाडा के ग्रेग अर्न्स्ट के नाम है। उन्होंने 1993 में ड्राइवरों के साथ दो कारों को बैकलिफ्ट यानी पीठ के बल उठाया था, जिनका कुल वजन 2,422 किलोग्राम था। यह रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
मांसपेशियों की ताकत
Human lifting capacity : लेहमैन कॉलेज में एक्सरसाइज साइंस के प्रोफेसर ब्रैडली स्कोनफेल्ड के मुताबिक मांसपेशियों की ताकत को इलेक्ट्रोमायोग्राफी (ईएमजी) मशीन का इस्तेमाल करके मापा जा सकता है। ईएमजी नर्व सेल्स और मांसपेशियों के फाइबर के कॉन्ट्रैक्टिंग से मांसपेशियों के अंदर बनने वाली इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करके काम करती है।
इंसानी क्षमता का आकलन
Human lifting capacity : यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया में क्लिनिकल फिजिकल थेरेपी के प्रोफेसर ई. टॉड श्रोएडर ने अपने रिसर्च में पाया है कि इंसान कितना वजन उठा सकता है, इस सीमा को तय करना मुश्किल है। हर व्यक्ति की शारीरिक क्षमता और मानसिक स्थिति अलग होती है, जो उनकी वजन उठाने की क्षमता को प्रभावित करती है।
पावरलिफ्टर
Human lifting capacity : एलीट पावरलिफ्टर लगातार अपनी मांसपेशियों के द्रव्यमान को बढ़ाकर खुद को आखिरी सीमाओं तक धकेलते हैं। हालांकि मांसपेशियों के द्रव्यमान के बढ़ने के बदले पावर कम हो जाता है और आखिरकार मांसपेशियां अपनी लिमिट तक पहुंच जाती हैं। मांसपेशियों का बढ़ना ही काफी नहीं होता है, क्योंकि कई बार कम बॉडी मास वाले लोग ज्यादा वजन वाले लोगों की तुलना में ज्यादा वजन उठा लेते हैं। इसके अलावा पावरलिफ्टर्स का मानसिक तौर पर मजबूत होना भी जरूरी है।
मानसिक तैयारी का महत्व
Human lifting capacity : पॉजिटिव विजुअलाइजेशन एक ऐसी टेक्निक है जिसमें मानसिक तौर पर पॉजिटिव रिजल्ट की तैयारी करना शामिल है। 2020 में जर्नल इंपल्स में पब्लिश एक स्टडी में इस इफेक्ट को दिखाया गया था। रिसर्चर्स ने यह तय करने की कोशिश की थी कि क्या पॉजिटिव विजुअलाइजेशन ट्रेनिंग की ताकत पर असर डालता है।
अध्ययन और निष्कर्ष
Human lifting capacity : इसके लिए उन्होंने एक यूनिवर्सिटी में 133 स्टूडेंट एथलीट्स को भर्ती किया और उन्हें दो ग्रुप में बांट दिया था। पहले ग्रुप से कहा गया कि वे मोटिवेशनल म्यूजिक सुनते हुए रोजाना कम से कम पांच मिनट के लिए अपनी वजन उठाने की क्षमता का 110 फीसदी वजन उठाएं। जबकि दूसरे ग्रुप ने ऐसा नहीं किया।
Human lifting capacity : तीन हफ्तों के बाद एथलीट्स लैबोरेटरी में वापस आ गए थे। जिन लोगों ने पॉजिटिव विजुअलाइजेशन की तैयारी की थी, उनमें से हरेक ने अपनी वजन उठाने की क्षमता में कम से कम 4.5 से 6.8 किलोग्राम का इजाफा किया था। जबकि जिस ग्रुप ने ऐसा नहीं किया था, उनमें औसतन केवल 2.2 किलोग्राम का इजाफा हुआ था।
मांसपेशियों की संरचना और ताकत
Human lifting capacity : मांसपेशियों की संरचना और उनकी ताकत का सीधा संबंध किसी भी व्यक्ति की वजन उठाने की क्षमता से होता है। मांसपेशियों के प्रकार, उनके फाइबर की संख्या और उनकी क्षमता सभी मिलकर यह निर्धारित करते हैं कि कोई व्यक्ति कितना वजन उठा सकता है।
फाइबर का महत्व
Human lifting capacity : मांसपेशियों में दो प्रकार के फाइबर होते हैं: स्लो-ट्विच फाइबर और फास्ट-ट्विच फाइबर। स्लो-ट्विच फाइबर लंबी अवधि के लिए कम ताकत का उत्पादन करते हैं, जबकि फास्ट-ट्विच फाइबर कम अवधि के लिए अधिक ताकत का उत्पादन करते हैं।
प्रशिक्षण और क्षमता वृद्धि
Human lifting capacity : वजन उठाने की क्षमता को बढ़ाने के लिए उचित प्रशिक्षण और सही तकनीक का पालन करना आवश्यक है। यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो किसी भी व्यक्ति की वजन उठाने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:
नियमित प्रशिक्षण
Human lifting capacity : वजन उठाने की क्षमता को बढ़ाने के लिए नियमित प्रशिक्षण आवश्यक है। नियमित रूप से वजन उठाने का अभ्यास करने से मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति में सुधार होता है।
उचित पोषण
मांसपेशियों की वृद्धि और उनकी ताकत के लिए उचित पोषण भी महत्वपूर्ण है। प्रोटीन युक्त आहार मांसपेशियों की वृद्धि में मदद करता है और उनकी ताकत को बढ़ाता है।
मानसिक तैयारी
जैसा कि पहले बताया गया, मानसिक तैयारी और पॉजिटिव विजुअलाइजेशन तकनीक का भी वजन उठाने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। मानसिक रूप से मजबूत होना और सकारात्मक सोच रखना महत्वपूर्ण है।
सही तकनीक
वजन उठाने के लिए सही तकनीक का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गलत तकनीक के कारण चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है और वजन उठाने की क्षमता कम हो जाती है।
निष्कर्ष
Human lifting capacity : कोई भी इंसान एक बार में कितना वजन उठा सकता है, यह कई कारकों पर निर्भर करता है। मांसपेशियों की संरचना, उनकी ताकत, मानसिक तैयारी और उचित प्रशिक्षण सभी मिलकर यह निर्धारित करते हैं कि कोई व्यक्ति कितना वजन उठा सकता है।
वेटलिफ्टिंग गेम में खिलाड़ी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं और हमें उनकी ताकत और सहनशक्ति को देखकर प्रेरणा मिलती है। लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक क्षमता अलग होती है। सही तकनीक, नियमित प्रशिक्षण और उचित पोषण के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी वजन उठाने की क्षमता को बढ़ा सकता है।
विज्ञान के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की वजन उठाने की क्षमता को सीमित नहीं किया जा सकता है। लगातार अभ्यास और उचित तैयारी से यह क्षमता बढ़ सकती है और व्यक्ति अपनी सीमाओं को पार कर सकता है।
इसलिए, चाहे आप वेटलिफ्टिंग के शौकीन हों या नहीं, सही तकनीक, नियमित प्रशिक्षण और सकारात्मक मानसिकता के साथ आप भी अपनी वजन उठाने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं और नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
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