Waqf Act Update: वक्क कानून में संशोधन पर संसद में हंगामा; विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने सरकार की आलोचना की |
Waqf Act Update: वक्क कानून में बदलाव के लिए लाए गए संशोधन पर संसद में भारी हंगामा हुआ है। विपक्ष के साथ-साथ प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने भी इस विधेयक की आलोचना की है। वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन को लेकर गुरुवार (8 अगस्त) को संसद में पेश किए गए विधेयक के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दोनों गुटों—अशरद मदनी और महमूद मदनी—के अलावा जमात-ए-इस्लामी हिंद ने भी विरोध जताया। इन संगठनों ने इसे धार्मिक मामलों में अप्रासंगिक हस्तक्षेप करार दिया और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
उनका कहना है कि इस विधेयक से वक्फ मामलों में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा, जो धार्मिक स्वतंत्रता और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। वक्फ (संशोधन) विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया, जहां इसके खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। इस विधेयक के प्रस्तावित प्रावधानों ने धार्मिक समुदायों में असंतोष को जन्म दिया है और इसे लेकर संसद में व्यापक चर्चा और विवाद जारी है।
Waqf Act Update: कुछ विशेषज्ञों ने वक्फ कानून में प्रस्तावित संशोधन विधेयक की सराहना की है, इसे धार्मिक दान के प्रबंधन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उनका मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा। हालांकि, इस विधेयक को लेकर सरकार को अधिकार देने की तीखी आलोचना भी की जा रही है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम गुट) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्पष्ट रूप से विरोध जताया है।
उनका कहना है कि यह प्रस्तावित संशोधन भारतीय संविधान द्वारा प्रदान की गई धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। उनके अनुसार, यह विधेयक धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ावा देगा और धार्मिक समुदायों की स्वायत्तता को कमजोर करेगा। यह आलोचना बताती है कि इस विधेयक पर विभिन्न दृष्टिकोण हैं और इसे लेकर विवादित मुद्दे सामने आ रहे हैं। विधेयक की आलोचना और समर्थन दोनों ही दर्शाते हैं कि धार्मिक दान और वक्फ प्रबंधन के मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श की आवश्यकता है।
Waqf Act Update: सरकार जमीनों पर करना चाहती है कब्जा: सैयद अरशद मदनी
Waqf Act Update: संगठन की ओर से जारी एक बयान में सैयद अरशद मदनी ने वक्फ कानून में प्रस्तावित संशोधनों पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के तहत, वक्फ द्वारा प्राप्त धन का वितरण सरकार मुसलमानों के बीच करेगी, जो कि धार्मिक मामलों में अप्रासंगिक हस्तक्षेप है और मुसलमानों के लिए स्वीकार्य नहीं है। उनके अनुसार, वक्फ मुसलमानों के महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्यों में शामिल है और इसका प्रबंधन पूरी तरह से धार्मिक समुदाय के अधिकार में होना चाहिए।
Waqf Act Update: सैयद अरशद मदनी ने यह भी आरोप लगाया कि इन संशोधनों के माध्यम से सरकार वक्फ की संपत्तियों की स्थिति और स्वभाव को बदलने की कोशिश कर रही है, ताकि उन पर कब्जा करना आसान हो जाए। उनका कहना है कि यह प्रयास वक्फ की स्वायत्तता को कमजोर करेगा और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करेगा। इस बयान के माध्यम से संगठन ने विधेयक के प्रस्तावित प्रावधानों के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट की है और इसके संभावित प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त की है।
Waqf Act Update: वक्फ बोर्ड को खत्म करने का प्रयास: मौलाना महमूद मदनी
Waqf Act Update: जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम गुट) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने वक्फ कानून में प्रस्तावित संशोधन विधेयक पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए हानिकारक है क्योंकि इससे सरकारी एजेंसियों को वक्फ मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप का मौका मिलेगा। इससे वक्फ की मूल स्थिति और अल्लाह के स्वामित्व की अवधारणा को खतरा होगा।
Waqf Act Update: पूर्व राज्यसभा सदस्य ने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ अधिकरण के बजाय जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व और विवादों को राजस्व कानूनों के तहत हल करने का अधिकार देना, वक्फ बोर्ड को समाप्त करने के समान है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वक्फ से संबंधित किसी भी कानून में बदलाव केवल धार्मिक वर्गों और मुस्लिम संस्थानों की सहमति से किया जाए। इस प्रकार, मौलाना महमूद मदनी ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप के संभावित दुष्परिणामों की ओर इशारा करते हुए विधेयक के खिलाफ सख्त विरोध दर्ज किया है।
Waqf Act Update: विधेयक से बढ़ेगा कलेक्टर राज: जमात-ए-इस्लामी हिंद
Waqf Act Update: जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर (अध्यक्ष) सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने वक्फ कानून में प्रस्तावित संशोधन विधेयक पर गंभीर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के साथ किसी भी परामर्श के बिना तैयार किया गया है और चर्चा में किसी भी हितधारक को शामिल नहीं किया गया। जमात की ओर से जारी एक बयान में, हुसैनी ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित परिवर्तन लाभकारी होने के बजाय हानिकारक हैं और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। उनके अनुसार, यह विधेयक कलेक्टर राज को बढ़ावा देता है, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ाएगा।
हालांकि, उन्होंने बोर्ड में महिलाओं को शामिल करने और शिया या अन्य कम प्रतिनिधित्व वाले मुस्लिम पंथों को बढ़ावा देने के प्रयासों का स्वागत किया। हुसैनी ने माना कि ये कदम सकारात्मक हैं, लेकिन उन्होंने सरकार से अपील की कि वक्फ कानून में बदलाव करते समय सभी संबंधित पक्षों की राय को ध्यान में रखा जाए। उनके अनुसार, विधेयक के वर्तमान स्वरूप में सुधार की आवश्यकता है ताकि यह सभी समुदायों के लिए स्वीकार्य हो सके।
Waqf Act Update: वकीलों ने वक्फ एक्ट में सुधार को बताया जरूरी
Waqf Act Update: सुप्रीम कोर्ट की वकील रमीषा जैन ने वक्फ कानून में प्रस्तावित संशोधन विधेयक के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए इसे धार्मिक मामलों के प्रशासन में समानता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। जैन ने स्पष्ट किया कि संशोधनों का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ाना, जवाबदेही में सुधार करना, और वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमण और कुप्रबंधन से बचाना है। इसके अनुसार, विधेयक धार्मिक संस्थानों में सुधार लाने के प्रयास में एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
Waqf Act Update: सुप्रीम कोर्ट के वकील जतिंदर चीमा ने भी विधेयक की सराहना की और कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और रखरखाव को आधुनिक बनाने में सहायक होगा। उन्होंने विधेयक में महिलाओं और अल्पसंख्यक पंथों को शामिल करने के प्रावधानों को विशेष रूप से उल्लेखनीय बताया। चीमा का मानना है कि इस प्रकार के प्रावधान वक्फ बोर्ड में समावेशिता और लोकतंत्रीकरण को बढ़ावा देंगे, जिससे विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा। इस विधेयक के माध्यम से धार्मिक प्रशासन में अधिक समानता और आधुनिकता लाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
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