Supreme Court : 11 जुलाई को Supreme Court ने न्यायमूर्ति कोटिश्वर सिंह और आर. महादेवन की पदोन्नति को मंजूरी दी|
गुरुवार, 18 जुलाई 2024 का दिन Supreme Court के लिए विशेष महत्व रखता है। मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर. महादेवन ने इस दिन Supreme Court के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शपथ दिलाई। इसके अतिरिक्त, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नोंगमईकापम कोटिस्वर सिंह ने भी Supreme Court के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उनकी शपथ भी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दिलाई।
यह दोनों नियुक्तियाँ न्यायपालिका के कार्य में महत्वपूर्ण योगदान देंगी और Supreme Court में नए दृष्टिकोण और अनुभव का समावेश करेंगी। आर. महादेवन और नोंगमईकापम कोटिस्वर सिंह, दोनों ही अपने-अपने न्यायालयों में व्यापक अनुभव और न्यायिक ज्ञान के साथ Supreme Court में शामिल हो रहे हैं। इनकी नियुक्ति से Supreme Court के न्यायिक कार्य में और भी सक्षमता और न्यायप्रियता की उम्मीद की जा रही है। इस शपथ ग्रहण समारोह ने न्यायपालिका के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत की है।
11 जुलाई को Supreme Court कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति कोटिश्वर सिंह और आर. महादेवन की पदोन्नति की सिफारिश की थी, जिसे कुछ दिनों बाद ही मंजूरी दे दी गई थी। इस निर्णय में, कॉलेजियम ने विविधता के महत्व को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति सिंह और महादेवन की सिफारिश की थी। इसके पश्चात्, उन्होंने Supreme Court में अपनी शपथ ली। इस नयी नियुक्ति से Supreme Court में वर्तमान में कुल 34 न्यायाधीश हो जाएंगे।
न्यायमूर्ति सिंह और महादेवन, जो अपने अनुभव और व्यापक ज्ञान से जाने जाते हैं, Supreme Court के न्यायिक कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनकी नियुक्ति से न्यायपालिका को भी नया उत्थान और न्यायिक दृष्टिकोण प्राप्त होगा।
#WATCH | Acting Chief of Madras High Court, R Mahadevan takes oath as a Supreme Court judge. Chief Justice of India DY Chandrachud administers the oath.
(Video: Supreme Court of India/YouTube) pic.twitter.com/YAznJQkH47
— ANI (@ANI) July 18, 2024
#WATCH | Delhi: Chief Justice of Jammu and Kashmir and Ladakh High Court, Nongmeikapam Kotiswar Singh takes oath as a Supreme Court judge. Chief Justice of India DY Chandrachud administers the oath.
(Video: Supreme Court of India/YouTube) pic.twitter.com/oWERon3rHI
— ANI (@ANI) July 18, 2024
कौन हैं न्यायमूर्ति महादेवन?
न्यायमूर्ति सिंह, मणिपुर के मूल निवासी हैं और सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त होने वाले मणिपुर के पहले न्यायाधीश बनने जा रहे हैं। जस्टिस महादेवन, तमिलनाडु के एक पिछड़े समुदाय से संबंध रखते हैं। Supreme Court का मानना है कि उनकी नियुक्ति से बेंच में विविधता बढ़ेगी। न्यायमूर्ति महादेवन, जो अपने करियर में पहली बार मद्रास उच्च न्यायालय के बाहर न्यायाधीश के रूप में सेवा देंगे, 2013 में पहली बार मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त हुए थे और वर्तमान में वहाँ के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।
फरवरी 2023 में, न्यायमूर्ति महादेवन ने उस पीठ का नेतृत्व किया था जिसने आरएसएस के प्रस्तावित राज्यव्यापी मार्च पर लगाए गए प्रतिबंधों को खारिज कर दिया था। उनकी नियुक्ति न केवल क्षेत्रीय विविधता को बढ़ावा देगी बल्कि न्यायपालिका में विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित करेगी, जिससे न्यायपालिका की व्यापकता और संतुलन में सुधार होगा।
कौन हैं जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह?
जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह 28 फरवरी 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, जब वे 62 वर्ष की आयु प्राप्त करते, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए मानक सेवानिवृत्ति की आयु है। हालांकि, अब वे 28 फरवरी 2028 तक Supreme Court में न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे, क्योंकि Supreme Court में सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है। न्यायमूर्ति सिंह का जन्म 1 मार्च 1963 को मणिपुर के इंफाल में हुआ था। वे गुवाहटी हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एन. इबोटोम्बी सिंह के पुत्र हैं, जिन्होंने मणिपुर के पहले महाधिवक्ता के रूप में सेवा दी थी।
न्यायमूर्ति सिंह की नियुक्ति से Supreme Court में अनुभव और ज्ञान का समृद्ध स्रोत बनेगा, जो न्यायपालिका में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उनका जीवन और करियर उन मूल्यों का प्रतीक है जो न्यायिक सेवा में उच्चतम मानकों का पालन करने के लिए आवश्यक हैं। उनकी नियुक्ति न केवल मणिपुर और उसके लोगों के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह न्यायपालिका में विविधता और समृद्धि को भी दर्शाती है।
2008 में, गुवाहटी उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में मान्यता प्रदान की थी। इसके बाद, 2011 में उन्हें गुवाहटी उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। एक वर्ष बाद, 2012 में, उन्हें स्थायी न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया। 2013 में, जब मणिपुर उच्च न्यायालय की स्थापना हुई, तब उन्हें वहां न्यायाधीश बनाया गया।
2018 में, मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदोन्नति से पहले, उनका तबादला गुवाहटी उच्च न्यायालय में किया गया था। न्यायमूर्ति सिंह का यह यात्रा न्यायिक सेवा में उनके समर्पण और योग्यता का प्रमाण है। उनकी नियुक्ति और पदोन्नति ने न्यायिक प्रणाली में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को और मजबूत किया है। न्यायपालिका में उनके योगदान ने उन्हें एक सम्मानित और प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है, और उनके अनुभव और ज्ञान ने न्यायिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार लाए हैं।
इससे भी पढ़े :-
- डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन;बाबा वेंगा की भविष्यवाणी का खतरनाक परिणाम!
- ट्रैनी IAS पूजा खेडकर की मां की गिरफ्तारी;जानें क्या हैं आरोप?
- पीएम मोदी को संगठन की ‘चार्जशीट’ सौंपी;जानें भूपेंद्र चौधरी की प्रमुख शिकायतें
- नीता अंबानी के भावुक बयान ने राधिका मर्चेंट के कन्यादान पर लोगों को रुला दिया
- इस ग्रह पर मीथेन की बारिश और समुद्र की मौजूदगी, नासा के कैसिनी ने की महत्वपूर्ण खोज
- आईएमएफ ने बढ़ाया चीन की आर्थिक वृद्धि का अनुमान, फिर भी भारत से काफी पीछे रहा|
- किसका हृदय तेजी से धड़कता है – महिलाएं या पुरुष?