मैं हमेशा से गरीबों के लिए काम करती रही हूं और इसीलिए मेरा अनुभव यहां के अधिकांश सदस्यों से थोड़ा अलग है। मैं एक शिक्षिका हूं और पांच मिनट का समय मेरे लिए बहुत कम है, लेकिन मैं अपने भाषण में दो महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाना चाहूंगी।
पहला मुद्दा : महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित है। महिलाओं के स्वास्थ्य को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, खासकर सर्वाइकल कैंसर के मामले में। मैं एक डॉक्टर की बेटी और बहन होने के नाते इस समस्या से भलीभांति परिचित हूं। मैंने पिछले 30 वर्षों में इंफोसिस फाउंडेशन के साथ काम करते हुए इस पर विशेष ध्यान दिया है। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एक वैक्सीन है जिसे 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को दिया जा सकता है। मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि इस वैक्सीनेशन को अनिवार्य किया जाए, ताकि हमारी बेटियां सुरक्षित रह सकें। यह एक छोटी सी पहल है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत बड़ा हो सकता है।
दूसरा मुद्दा : पर्यटन से संबंधित है। भारत में कई विश्व धरोहर स्थल हैं, लेकिन कई महत्वपूर्ण स्थान अभी भी सूचीबद्ध नहीं हैं। जैसे कि कर्नाटक में श्रवणबेलगोला, मध्य प्रदेश में मांडू के स्मारक, और उत्तर-पूर्व में उनाकोटी के अद्वितीय मूर्तिकला। इन स्थलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना चाहिए ताकि वे वैश्विक स्तर पर पहचाने जा सकें और यहां पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इससे न केवल हमारी संस्कृति और धरोहर का संरक्षण होगा बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
मैं राज्यसभा में अपने कार्यकाल के दौरान पूरे मनोयोग और समर्पण के साथ काम करने का वादा करती हूं। हम भले ही भाषा, भोजन या परिधान में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन हम सभी एक हैं। मैं इसी भावना के साथ इस सदन में सेवा करने के लिए तत्पर हूं।
जय हिंद, जय भारत माता। धन्यवाद।
कौन है सुधा मूर्ति
सुधा मूर्ति एक प्रतिष्ठित भारतीय लेखिका, शिक्षाविद, और समाजसेविका हैं। उनका जन्म 19 अगस्त 1950 को कर्नाटक के शिगाँव में हुआ था। उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) में पहली महिला इंजीनियर के रूप में नियुक्त हुईं।
सुधा मूर्ति ने इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना की और इसके माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कई स्कूलों, पुस्तकालयों और अस्पतालों की स्थापना में मदद की है। उनके सामाजिक कार्यों में प्रमुखता से गरीबों और जरूरतमंदों की मदद शामिल है।
सुधा मूर्ति एक प्रसिद्ध लेखिका भी हैं और उन्होंने कई उपन्यास, कहानियाँ और निबंध लिखे हैं। उनकी लेखनी में सरलता, संवेदनशीलता और समाज के विभिन्न पहलुओं का गहन चित्रण देखने को मिलता है। उनकी कुछ प्रसिद्ध कृतियों में “महाश्वेता”, “डॉलर बहू”, और “थ्री थाउजेंड स्टिचेज़” शामिल हैं।
सुधा मूर्ति का जीवन और कार्य समाज के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनकी उपलब्धियाँ और योगदान उन्हें भारतीय समाज में एक विशिष्ट स्थान दिलाते हैं।
सुधा मूर्ति के कितने बच्चे हैं?
सुधा मूर्ति के पति कौन है?
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