SBI Interest Hike :SBI ने स्वतंत्रता दिवस पर MCLR बढ़ाया, लोन महंगे हुए !

SBI Interest Hike : SBI ने स्वतंत्रता दिवस पर MCLR बढ़ाया, लोन की EMI महंगी, ग्राहकों को झटका !

SBI Interest Hike
SBI Interest Hike :SBI ने स्वतंत्रता दिवस पर MCLR बढ़ाया, लोन महंगे हुए !

SBI Interest Hike : Breaking News –भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने करोड़ों ग्राहकों को एक बड़ा झटका दिया है। बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह वृद्धि 15 अगस्त, 2024 से लागू हो गई है, जिससे ग्राहकों के लिए कई प्रकार के लोन, जैसे होम लोन, कार लोन, और एजुकेशन लोन महंगे हो गए हैं। इस बढ़ोतरी के कारण ग्राहकों की EMI में भी इजाफा होगा, जिससे उनके मासिक बजट पर असर पड़ सकता है।

MCLR क्या है?

SBI Interest Hike: मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन दे सकते हैं। इसका मतलब है कि MCLR से नीचे की दर पर बैंक किसी भी ग्राहक को लोन नहीं दे सकते। SBI द्वारा की गई MCLR में वृद्धि का असर सीधे तौर पर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जिन्होंने बैंक से लोन लिया है या लेने की योजना बना रहे हैं। MCLR में वृद्धि के कारण लोन की लागत बढ़ जाएगी, जिससे ग्राहकों की EMI भी बढ़ जाएगी।

SBI के MCLR में वृद्धि के प्रभाव

SBI Interest Hike : SBI ने अपने विभिन्न अवधियों के MCLR में 10 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की है। नई दरें इस प्रकार हैं:

  • ओवरनाइट MCLR: 8.10% से बढ़कर 8.20%
  • 1 महीने का MCLR: 8.35% से बढ़कर 8.45%
  • 3 महीने का MCLR: 8.40% से बढ़कर 8.50%
  • 6 महीने का MCLR: 8.75% से बढ़कर 8.85%
  • 1 साल का MCLR: 8.85% से बढ़कर 8.95%
  • 2 साल का MCLR: 8.95% से बढ़कर 9.05%
  • 3 साल का MCLR: 9.00% से बढ़कर 9.10%

SBI Interest Hike : इन नई दरों के लागू होने के बाद, होम लोन, कार लोन, और एजुकेशन लोन जैसे विभिन्न प्रकार के कर्ज महंगे हो गए हैं। इससे ग्राहकों की EMI में वृद्धि होगी, जो उनके मासिक खर्चों पर भारी पड़ सकती है।

जून 2024 से लगातार हो रही बढ़ोतरी

SBI Interest Hike : एसबीआई ने जून 2024 से अब तक तीन बार अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया है। इस अवधि में कुछ MCLR में 30 बेसिस प्वाइंट्स तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। यह वृद्धि ऐसे समय में आई है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 9वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। इसके बावजूद, बैंक अपनी लागत और जोखिम को देखते हुए MCLR में बढ़ोतरी कर रहे हैं, जिससे ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है।

अन्य बैंकों का भी MCLR में इजाफा

SBI Interest Hike : SBI के अलावा अन्य बड़े पब्लिक सेक्टर बैंकों जैसे केनरा बैंक, यूको बैंक, और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी हाल ही में अपने MCLR में वृद्धि की है। केनरा बैंक ने 5 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की, जबकि यूको बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी अपनी ब्याज दरों में संशोधन किया है।

बढ़ोतरी का कारण

SBI Interest Hike : SBI और अन्य बैंकों द्वारा MCLR में की गई वृद्धि के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे प्रमुख कारण है बैंक की फंडिंग लागत में वृद्धि। बैंक जब अपने ग्राहकों को लोन देते हैं, तो उन्हें उसकी फंडिंग के लिए भी लागत वहन करनी पड़ती है। इसके अलावा, बाजार में ब्याज दरों के सामान्य स्तर और RBI की मौद्रिक नीति भी इस बढ़ोतरी के पीछे के कारण हो सकते हैं।

SBI Interest Hike
SBI Interest Hike :SBI ने स्वतंत्रता दिवस पर MCLR बढ़ाया, लोन महंगे हुए !

ग्राहकों पर प्रभाव

SBI Interest Hike : MCLR में वृद्धि का सीधा असर ग्राहकों की EMI पर पड़ेगा। जिन ग्राहकों ने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, उनकी EMI तुरंत बढ़ जाएगी। वहीं, फिक्स्ड रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों को भी अगली ब्याज समीक्षा के समय इस वृद्धि का सामना करना पड़ेगा।

इसके अलावा, नए ग्राहकों के लिए भी लोन की लागत बढ़ जाएगी, जिससे उन्हें अधिक ब्याज दरों पर लोन लेना पड़ेगा।

क्या करें ग्राहक?

SBI Interest Hike : MCLR में वृद्धि के बाद, ग्राहकों को अपने लोन की शर्तों और EMI पर ध्यान देना चाहिए। यदि संभव हो, तो वे अपने लोन को फिक्स्ड रेट पर बदलने पर विचार कर सकते हैं, जिससे ब्याज दरों में और अधिक वृद्धि का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, वे अपने बजट में आवश्यक समायोजन कर सकते हैं ताकि बढ़ी हुई EMI का बोझ उनके मासिक खर्चों पर न पड़े।

निष्कर्ष

SBI Interest Hike : SBI और अन्य बैंकों द्वारा MCLR में की गई वृद्धि से ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। ऐसे समय में जब महंगाई दर पहले से ही बढ़ी हुई है और आम आदमी पर आर्थिक दबाव है, यह वृद्धि और अधिक चिंता का कारण बन सकती है। ग्राहकों को अपने लोन की शर्तों पर ध्यान देना और आवश्यक समायोजन करना आवश्यक है ताकि वे इस वित्तीय बोझ का सामना कर सकें।

बैंकिंग सेक्टर में यह वृद्धि संकेत देती है कि बाजार की स्थिति और बैंक की फंडिंग लागत में परिवर्तन हो रहा है, जिससे आगे और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में, ग्राहकों को सतर्क रहना और अपने वित्तीय योजनाओं में समायोजन करना आवश्यक है।

Muslim women Alimony: तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के भरण-पोषण का अधिकार;क्या प्रधानमंत्री मोदी राजीव गांधी की गलती दोहराएंगे?

Leave a Reply

Scroll to Top