Protest Against Modi: विनेश फोगाट का कहना; ‘लंबे आंदोलन से लोगों में जागती है उम्मीद’ |
Protest Against Modi: शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन ने शनिवार, 31 अगस्त, 2024 को 200 दिन पूरे कर लिए। विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी अभी भी वहां जमकर डटे हुए हैं। इस बीच, पहलवान विनेश फोगाट ने सुबह इस स्थल पर पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन दिखाया। किसानों ने विनेश फोगाट का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया।
Protest Against Modi: विनेश फोगाट ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भले ही उन्हें राजनीति की गहरी जानकारी नहीं है, लेकिन वे जानते हैं कि किसानों की समस्याएँ गंभीर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पहले खेतों में काम किया है, और इस अनुभव ने उन्हें किसानों के संघर्ष की समझ विकसित की है।विनेश फोगाट ने कहा, “हर कोई मजबूरी में आंदोलन करता है। जब लंबे समय तक आंदोलन चलता है तो लोगों में उम्मीदें जगी रहती हैं। अगर हमारे लोग सड़क पर बैठेंगे, तो देश कैसे तरक्की करेगा? मुझे लगता है कि अपने हक के लिए सड़क पर आना चाहिए।”
Protest Against Modi: उनकी यह टिप्पणी किसानों के संघर्ष और उनके अधिकारों के प्रति एकजुटता को दर्शाती है। विनेश का यह समर्थन इस आंदोलन को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देता है और यह दर्शाता है कि विभिन्न क्षेत्रों के लोग किसानों के मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं।
#WATCH | Wrestler Vinesh Phogat arrives at the farmers' protest site at Shambhu border, as the agitation completes 200 days.
She says, "It has been 200 days since they are sitting here. It is painful to see this. All of them are citizens of this country. Farmers run the… pic.twitter.com/MJo9XEqpko
— ANI (@ANI) August 31, 2024
Protest Against Modi: 13 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
Protest Against Modi: किसान शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी से MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी और अन्य महत्वपूर्ण मांगों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान, किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च की योजना बनाई थी, जिसे पुलिस ने रोक दिया था। इसके बावजूद, किसान अपनी मांगों को लेकर निरंतर आंदोलन कर रहे हैं और उनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
Protest Against Modi: हाल ही में यह जानकारी मिली है कि जल्द ही खनौरी, शंभू और रतनपुरा बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में किसान जुटने वाले हैं। इन स्थानों पर किसानों की बढ़ती हुई उपस्थिति से आंदोलन और भी मजबूत होने की संभावना है। यह संकेत करता है कि किसान अपनी मांगों को लेकर गहरी प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं और उनका आंदोलन अब और व्यापक स्तर पर फैल सकता है।
किसानों की यह एकजुटता और स्थिरता उनके संघर्ष को और अधिक प्रभावशाली बनाती है और उनकी मांगों को लेकर सरकारी अधिकारियों पर दबाव डालती है। यह स्थिति यह भी दर्शाती है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए व्यापक और स्थायी समाधान की आवश्यकता है।
Protest Against Modi: किसान नेता बोले, पीएम नहीं दे रहे जवाब
Protest Against Modi: अमृतसर जिले के किसान नेता बलदेव सिंह बग्गा ने आरोप लगाया है कि किसानों की मांगों के लिए सरकार से संवाद करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कई बार पत्र भेजे गए, लेकिन वहां से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। बग्गा का कहना है कि सरकार किसानों की आवाज को दबा रही है और उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही है।
इसके साथ ही, किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने किसानों से अपील की है कि वे 31 अगस्त को शंभू और खनौरी पॉइंट पर बड़ी संख्या में एकत्रित हों। उनकी इस अपील का उद्देश्य किसानों की एकजुटता को बढ़ाना और सरकार पर दबाव बनाना है ताकि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए। पंढेर का कहना है कि केवल एकजुट होकर ही किसान अपने हक की लड़ाई को मजबूती से जारी रख सकते हैं और अपनी आवाज को प्रभावी ढंग से उठा सकते हैं।
Protest Against Modi: ‘कंगना रनौत के खिलाफ कार्रवाई की मांग’
Protest Against Modi: किसानों ने हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। किसानों का आरोप है कि कंगना की पिछली टिप्पणियों ने किसान समुदाय में नाराजगी और गुस्सा पैदा किया है। किसानों ने भारतीय जनता पार्टी से अनुरोध किया है कि वे कंगना रनौत के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं और इस विवादित मुद्दे पर ध्यान दें।
Protest Against Modi: कंगना रनौत की टिप्पणियों को लेकर किसानों का कहना है कि उन्होंने किसानों की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है और इससे आंदोलन को लेकर सार्वजनिक धारणा में गलतफहमी पैदा हुई है। किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि कंगना की टिप्पणियां आंदोलन की वैधता और किसानों की वास्तविक समस्याओं को नजरअंदाज करती हैं।
किसानों का यह भी कहना है कि उनकी आवाज को उचित मान्यता मिलनी चाहिए और इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि किसानों की समस्याओं और उनके संघर्ष की गंभीरता को समझा जा सके। भारतीय जनता पार्टी से किसानों ने अपेक्षा की है कि वे इस मामले में जल्द और प्रभावी कदम उठाएं।
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