PM On UCC: पीएम मोदी ने सरल न्याय प्रणाली पर काम की बात की, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने पर भी बयान दिया |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोधपुर में राजस्थान हाई कोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में न्याय प्रणाली को सरल और सुलभ बनाने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश ने न्याय की प्रक्रिया को आम जनता के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। विशेष रूप से, पीएम मोदी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (Indian Code of Justice) को लागू करने की बात की।
PM On UCC: इस नई संहिता का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी और समग्र बनाना है, ताकि लोग आसानी से न्याय प्राप्त कर सकें। पीएम मोदी ने इस बदलाव को न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और इसके जरिए न्याय की प्रक्रिया को आम लोगों के लिए और भी अधिक सुलभ बनाने की बात की। समारोह के दौरान, उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से न्याय व्यवस्था में सुधार के प्रयासों को भी रेखांकित किया।
PM On UCC: आर्टिकल-370, सीएए को लेकर दिया बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा, “हमारी न्यायपालिका ने हमेशा राष्ट्रीय मुद्दों पर सजगता और सक्रियता की नैतिक जिम्मेदारी निभाई है। कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) जैसे कानून हमारे देश के संवैधानिक एकीकरण के स्पष्ट उदाहरण हैं। इसी 15 अगस्त को मैंने लाल किले से सेकुलर सिविल कोड की बात की थी। भले ही किसी सरकार ने पहली बार इस मुद्दे पर इतनी खुलकर बात की हो, लेकिन हमारी न्यायपालिका दशकों से इसके पक्ष में रही है।”
PM On UCC: उन्होंने आगे कहा कि न्यायपालिका का राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर स्पष्ट रुख देशवासियों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास को और अधिक बढ़ाएगा। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इन कानूनों और पहलुओं के माध्यम से भारत की एकता और अखंडता को सुदृढ़ किया जा रहा है, और न्यायपालिका के समर्थन से ही यह संभव हो पाया है।
PM On UCC: सहज तरीके से न्याय मिलने को लेकर दिया बयान
PM On UCC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि न्याय प्रणाली को सरल और सुलभ बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि देश की आकांक्षाएं और सपने बड़े हैं, और इसलिए नई सोच और नवाचार की आवश्यकता है। मोदी ने कहा, “यह आवश्यक है कि हम नए भारत की जरूरतों के अनुसार नई तकनीकों और व्यवस्थाओं को अपनाएं। यह न्याय की व्यवस्था के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
PM On UCC: उन्होंने उदाहरण के रूप में भारतीय दंड संहिता (IPC) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता को अपनाने की बात की। पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के कई दशकों बाद, देश ने अब गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलते हुए एक नई न्याय संहिता को अपनाया है। यह कदम न्याय की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के सुधार न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाने और न्याय की उपलब्धता को सभी के लिए समान बनाने में सहायक होंगे।
PM On UCC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान हाई कोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह में कहा, “राजस्थान हाई कोर्ट के अस्तित्व से हमारे राष्ट्र की एकता का इतिहास भी जुड़ा है। आप सभी जानते हैं कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जब 500 से अधिक रियासतों को एक सूत्र में बांधकर देश को एकजुट किया, तो उसमें राजस्थान की कई रियासतें भी शामिल थीं। जयपुर, उदयपुर और कोटा जैसी रियासतों के पास अपने-अपने हाई कोर्ट थे। इन रियासतों के एकीकरण से राजस्थान हाई कोर्ट अस्तित्व में आया।”
PM On UCC: पीएम मोदी ने आगे कहा कि राष्ट्रीय एकता न्यायपालिका की भी आधारशिला है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि न्यायपालिका की मजबूती देश की व्यवस्थाओं को भी मजबूत बनाती है। “जितनी मजबूत हमारी आधारशिला होगी, उतनी ही मजबूत हमारी देश की व्यवस्थाएं भी होंगी,” उन्होंने कहा। पीएम मोदी ने राजस्थान हाई कोर्ट की भूमिका को राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करते हुए इसके महत्व को रेखांकित किया और इसके द्वारा देश में कानून और न्याय की प्रणाली को मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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