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Niti Aayog: नीति आयोग की बैठक से 7 मुख्यमंत्री दूर, ममता बनर्जी की भागीदारी, एजेंडा पर नज़र |

Niti Aayog: विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने Niti Aayog की बैठक का बजट भेदभाव का आरोप लगाते हुए बहिष्कार करने का निर्णय लिया |

Niti Aayog: नीति आयोग की बैठक से 7 मुख्यमंत्री दूर
Niti Aayog: नीति आयोग की बैठक से 7 मुख्यमंत्री दूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में Niti Aayog की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक शनिवार को आयोजित होगी। इस बैठक में तमिलनाडु, केरल, पंजाब और दिल्ली सहित कई विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं होंगे। उन्होंने बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री भाग लेंगे।

पीएम मोदी इस बैठक के चेयरमैन हैं और वे इस महत्वपूर्ण सभा की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक Niti Aayog की नीतियों और उनके कार्यान्वयन के बारे में चर्चा करने के लिए आयोजित की जा रही है।

विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों का कहना है कि केंद्र सरकार बजट आवंटन में भेदभाव कर रही है, जिससे उनके राज्यों को आवश्यक वित्तीय सहायता नहीं मिल पा रही है। इन मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

Niti Aayog की यह बैठक देश के विकास और आर्थिक नीतियों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी आवश्यक होती है।

बैठक में शामिल होंगी ममता बनर्जी

इसके विपरीत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल होंगी। बनर्जी ने कहा कि इन नेताओं की आवाज को एक साझा मंच पर उठाया जाना चाहिए। इसके साथ ही ममता ने मांग की कि Niti Aayog को खत्म कर दिया जाना चाहिए और योजना आयोग को फिर से बहाल किया जाना चाहिए।

बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद सस्मित पात्रा ने विपक्षी दलों के Niti Aayog की बैठक का बहिष्कार करने के निर्णय का समर्थन किया है और केंद्र पर राज्यों को बजट में उनका हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के हितों का ध्यान रखते हुए फैसला करेगी।

इस प्रकार, Niti Aayog की बैठक को लेकर विभिन्न राज्यों और दलों के बीच मतभेद स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। जहां एक ओर ममता बनर्जी जैसे नेता बैठक में शामिल होकर अपनी बात रखना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर कई विपक्षी दल इस मंच का बहिष्कार कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन विरोधाभासी विचारों का Niti Aayog की बैठक और भविष्य की नीतियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

बैठक का क्या है एजेंडा?

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस बैठक में विकसित भारत से जुड़े दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा होगी। बयान के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन और सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जाएगा।

इस सम्मेलन के दौरान पांच प्रमुख विषयों पर सिफारिशें की गई थीं: पेयजल की पहुंच, मात्रा और गुणवत्ता; बिजली की गुणवत्ता, दक्षता और विश्वसनीयता; स्वास्थ्य की पहुंच, सामर्थ्य और देखभाल की गुणवत्ता; स्कूली शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता; और भूमि और संपत्ति की पहुंच, डिजिटलीकरण, पंजीकरण और उत्परिवर्तन।

Niti Aayog: नीति आयोग की बैठक से 7 मुख्यमंत्री दूर
Niti Aayog: नीति आयोग की बैठक से 7 मुख्यमंत्री दूर

इन सिफारिशों पर विचार कर Niti Aayog की बैठक का उद्देश्य इन मुद्दों को हल करने और देश की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए रणनीतियां बनाना है। बैठक का मुख्य फोकस ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना होगा।

दिल्ली पहुंचे बीजेपी शासित प्रदेशों के सीएम

बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है। बैठक सुबह 9 बजे से शुरू होगी। इस बैठक में उत्तर प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र समेत पूर्वोत्तर के सभी 8 राज्यों के मुख्यमंत्री और एनडीए की सरकार वाले राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।

इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर चर्चा होगी जो देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। बैठक में सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत करेंगे, जिससे नीतिगत निर्णयों में विविधता और समावेशिता सुनिश्चित हो सके।

बैठक में भाग लेने वाले मुख्यमंत्री विभिन्न क्षेत्रों में अपने राज्यों की उपलब्धियों और चुनौतियों पर भी चर्चा करेंगे। यह बैठक देश के विभिन्न हिस्सों में चल रही विकास योजनाओं की समीक्षा करने और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर विचार करने का एक मंच प्रदान करेगी। Niti Aayog की यह बैठक देश की प्रगति और विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जहां सभी मुख्यमंत्री मिलकर राष्ट्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे।

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