- National Security: NSA अजीत डोभाल की फ्रांस यात्रा; रक्षा सौदों पर चर्चा और राफेल के साथ भारत की शक्ति में इजाफा!
- National Security: पिछले दिनों दिल्ली आए थे फ्रांस के अधिकारी
- National Security: क्या होगा डोभाल की बैठक का एजेंडा
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National Security: NSA अजीत डोभाल की फ्रांस यात्रा; रक्षा सौदों पर चर्चा और राफेल के साथ भारत की शक्ति में इजाफा!
National Security: भारत और फ्रांस के बीच बढ़ती रणनीतिक रक्षा साझेदारी में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की 30 सितंबर से 1 अक्टूबर तक फ्रांस की यात्रा से पहले, फ्रांस ने भारत को 26 राफेल मरीन जेट्स के लिए फाइनल प्राइस ऑफर दिया है।
National Security: रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्तावित अनुबंध में कठिन बातचीत के बाद कीमत में उल्लेखनीय कमी की गई है। फ्रांसीसी पक्ष ने भारतीय अधिकारियों को एक प्रतिस्पर्धी मूल्य प्रस्ताव दिया है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह सौदा भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा, क्योंकि ये राफेल जेट आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत और अन्य सैन्य ठिकानों पर तैनात किए जाएंगे।
National Security: इस नई डील से भारत की सामरिक ताकत में वृद्धि होगी, साथ ही साथ भारत-फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा। यह कदम न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करेगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत के लिए यह एक नई शुरुआत है, जो उसे विश्व स्तर पर एक शक्तिशाली सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी।
National Security: पिछले दिनों दिल्ली आए थे फ्रांस के अधिकारी
भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। पिछले सप्ताह, दोनों पक्षों ने 26 राफेल मरीन जेट के सौदे पर चर्चा की थी, जब एक फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल दिल्ली आया था। यह बातचीत भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की पेरिस यात्रा से पहले हुई, जहां वे अपने फ्रांसीसी समकक्षों से मिलेंगे।
National Security: यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय नौसेना अपनी समुद्री हमले की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। राफेल मरीन जेट की खरीद से नौसेना को आधुनिक और सक्षम विमान प्रदान होंगे, जो समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।
इस बातचीत के दौरान, दोनों पक्षों ने एक मजबूत सहयोग स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में और मजबूती आएगी। यह सौदा न केवल भारत के रक्षा क्षेत्र को सशक्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। ऐसे समय में जब वैश्विक सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, यह साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
National Security: क्या होगा डोभाल की बैठक का एजेंडा
National Security: NSA अजीत डोभाल सोमवार, 30 सितंबर 2024 से 1 अक्टूबर 2024 तक फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा के दौरान, वे अपने समकक्षों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकों में भाग लेंगे। इस दौरे में राफेल जेट सौदा बातचीत का मुख्य एजेंडा होगा, जो भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
National Security: भारतीय पक्ष इस वित्तीय वर्ष के अंत तक फ्रांस के साथ वार्ता को समाप्त करने के लिए उत्सुक है। यदि यह सौदा सफल होता है, तो डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल मरीन जेट भारतीय नौसेना के लिए मिग-29 जेट्स की जगह लेंगे। यह सौदा हाल के वर्षों में फ्रांसीसी रक्षा निर्माता से भारत की दूसरी बड़ी लड़ाकू जेट खरीद होगी।
इस खरीद में 22 सिंगल-सीट राफेल मरीन विमान और चार ट्विन-सीटर ट्रेनर संस्करण शामिल हैं, जो भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमताओं को और मजबूत करेंगे। इस प्रकार, यह कदम भारतीय रक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने और समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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National Security: क्यों खास है राफेल मरीन
National Security: NSA अजीत डोभाल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के डिप्लोमेटिक एडवाइजर, इमैनुएल बॉन के बीच होने वाली बैठक में न्यूक्लियर अटैक राफेल सबमरीन, 110 किलो न्यूटन थ्रस्ट वाले एयरक्राफ्ट इंजन और अंडरवॉटर ड्रोन के मामलों पर चर्चा होगी। यह बैठक भारत और फ्रांस के बीच महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।
इस डील के तहत, फ्रांस केवल सैन्य उपकरणों की बिक्री नहीं करेगा, बल्कि इन सभी तकनीकों को भारत के साथ साझा करने के लिए भी तैयार है। यह कदम भारत की रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने में मदद करेगा और भारतीय सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
National Security: यह डील इसलिए खास है क्योंकि यह भारत की सामरिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। न्यूक्लियर अटैक राफेल सबमरीन और अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट इंजन की उपलब्धता भारत को समुद्री सुरक्षा में मजबूती प्रदान करेगी। इस प्रकार, यह साझेदारी न केवल भारत के लिए, बल्कि समग्र क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी फायदेमंद सिद्ध हो सकती है।
National Security: चीन और पाकिस्तान को दे सकेंगे मुंहतोड़ जवाब
राफेल डील के बाद, भारत अपने दुश्मनों को समंदर में भी सबक सिखाने के लिए तैयार हो जाएगा। न्यूक्लियर अटैक सबमरीन और अंडरवॉटर ड्रोन की इस डील के जरिए भारत हिंद महासागर में बढ़ती चीनी घुसपैठ पर प्रभावी रोक लगाएगा। इसके अलावा, पाकिस्तान भी इस सुरक्षा कवच के दायरे में आ जाएगा।
National Security: न्यूक्लियर अटैक सबमरीन की सहायता से भारत समंदर के भीतर दुश्मनों की हर गतिविधि पर नजर रख सकेगा। ये सबमरीन न केवल भारतीय नौसेना की रणनीतिक क्षमता को बढ़ाएंगी, बल्कि दुश्मनों के लिए एक बड़ा खतरा भी बनेंगी। अंडरवॉटर ड्रोन भी भारत की समुद्री ताकत को और मजबूत करेगा, जिससे किसी भी संभावित खतरे का त्वरित जवाब दिया जा सकेगा।
National Security: 110 किलो न्यूटन थ्रस्ट वाले एयरक्राफ्ट इंजन का उपयोग स्वदेशी विमानों में किया जा सकता है, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इस डील के माध्यम से, भारत पाकिस्तान की नापाक हरकतों और चीन की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार होगा। इस प्रकार, यह रक्षा सौदा भारत की सामरिक स्थिति को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।