Mujib’s India visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को समझ में आ गया है कि भारत के सहयोग के बिना उनके देश का भविष्य तय नहीं हो सकता, इसी कारण वह इस वर्ष दूसरी बार भारत का दौरा कर रहे हैं।
Mujib’s India visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू एक बार फिर भारत दौरे पर हैं, जहां वह आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। यह उनका दूसरा दौरा है, जबकि पहले दौरे में वह जुलाई में भारत आए थे। मुइज्जू ने अपने पहले कार्यकाल में भारत के खिलाफ कई विवादास्पद बयान दिए थे और ‘इंडिया आउट’ अभियान चलाकर राजनीतिक लाभ उठाया था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि अचानक उन्हें इतनी जल्दी भारत आने की क्या आवश्यकता महसूस हुई।
Mujib’s India visit: इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, मालदीव की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए भारत का सहयोग आवश्यक है। भारत, जो मालदीव का एक महत्वपूर्ण साझेदार है, ने हमेशा विकास परियोजनाओं और सहायता में मदद की है। इसके अलावा, भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के चलते मुइज्जू को यह एहसास हुआ कि बिना भारत के समर्थन के उनके देश का भविष्य अनिश्चित है। ऐसे में, मुइज्जू का यह दौरा एक रणनीतिक कदम माना जा सकता है, जिसमें वह भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
Mujib’s India visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अब यह एहसास हो गया है कि वे भारत के बिना अपने देश का भविष्य नहीं बना सकते। पिछले साल कुछ मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर की गई अभद्र टिप्पणियों के बाद, मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई। इससे वहां का पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ। मालदीव की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन है, और भारतीय पर्यटकों की कमी से वहां की आर्थिक स्थिति गंभीर हो गई है।
Mujib’s India visit: इसका सीधा प्रभाव मालदीव के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा, जो अब लगभग 40 करोड़ डॉलर रह गया है। इस संकट ने मुइज्जू को भारत के साथ संबंधों को सुधारने की आवश्यकता का अहसास कराया। भारत, जो मालदीव का एक महत्वपूर्ण साझेदार है, ने हमेशा विकास परियोजनाओं और सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, मालदीव की भौगोलिक स्थिति भी भारत के लिए इसे एक रणनीतिक साझेदार बनाती है।
इसलिए, मुइज्जू का यह दौरा केवल राजनीतिक मजबूरी नहीं, बल्कि मालदीव की आर्थिक स्थिरता के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि मालदीव भारत पर कितनी निर्भरता रखता है।
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Mujib’s India visit: मालदीव भारत पर क्यों निर्भर है?
- Mujib’s India visit: मालदीव की सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत ने 1988 से मालदीव को सहायता प्रदान करना शुरू किया, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए। 2016 में इस संबंध को और आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ था। भारत, मालदीवियन नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) की डिफेंस ट्रेनिंग में उपयोग होने वाले 70 प्रतिशत सामग्रियों की आपूर्ति करता है। पिछले 10 वर्षों में, MNDF के 1500 से अधिक सैनिकों को भारत में प्रशिक्षण दिया गया है, जो दोनों देशों के बीच सहयोग और सामरिक संबंधों को दर्शाता है।
- Mujib’s India visit: भारत ने मालदीव के कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर विकास परियोजनाओं में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है, जिनमें एयरपोर्ट और कनेक्टिविटी शामिल हैं। ग्रेटर माले परियोजना इसका प्रमुख उदाहरण है, जिसमें भारत ने 50 करोड़ डॉलर की राशि का योगदान दिया है। यह परियोजना मालदीव की आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे देश के भीतर और बाहर यात्रा और व्यापार में सुधार होगा। भारत की यह मदद मालदीव के विकास को गति देने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच संबंधों को भी मजबूत कर रही है।
- Mujib’s India visit: भारत ने मालदीव में कैंसर अस्पताल के निर्माण के लिए 52 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। इस अस्पताल का नाम इंदिरा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल रखा गया है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और कैंसर के रोगियों को बेहतर उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यह परियोजना न केवल मालदीव के लोगों के लिए चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाएगी, बल्कि भारत और मालदीव के बीच सहयोग और संबंधों को भी मजबूत करेगी। भारत की यह पहल मालदीव में स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- Mujib’s India visit: भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में भी मालदीव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1996 में, भारत ने मालदीव में टेक्निकल एजुकेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना में मदद की। यह संस्थान तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था, ताकि स्थानीय युवाओं को व्यावसायिक कौशल प्राप्त हो सके। इस पहल के माध्यम से, भारत ने मालदीव के युवा वर्ग को रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद की है, जो देश की आर्थिक विकास में सहायक साबित हो रही है। भारत की यह भूमिका न केवल शिक्षा को सशक्त बनाती है, बल्कि दोनों देशों के संबंधों को भी मजबूत करती है।।
- Mujib’s India visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान भारत और मालदीव के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह व्यापार 17 करोड़ डॉलर से बढ़कर 50 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है, जो कि लगभग चार गुना वृद्धि दर्शाता है। इस बढ़ते व्यापारिक संबंध ने दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत किया है। भारत ने मालदीव को विभिन्न क्षेत्रों में सहायता प्रदान की है, जिससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हुआ है। इस वृद्धि से मालदीव में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ी है, जो दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और साझेदारी को बढ़ावा देती है।