Mother's Day Special: माँ के बराबर कोई नहीं , एक ऐसा शब्द जिसमें संसार की सारी ममता समाई हुई है|

Mother’s Day Special: माँ के बराबर कोई नहीं , एक ऐसा शब्द जिसमें संसार की सारी ममता समाई हुई है|

Mother's Day Special

Mother’s Day Special: मां के साथ संबंध हमेशा विशेष होता है। उनका साथ देने का सबसे बड़ा तरीका है, उनकी सुनना और समझना। हर संदेश या इशारा समझें, उनकी बातें सुनें। उनके जरूरतों की पूर्ति के लिए समर्थन करें, उनकी इच्छाओं का ध्यान रखें।

उनके साथ समय बिताना, उनकी खुशियों में खुद को खोना। आपके प्यार और समर्थन से वे हमेशा आपके साथ होंगी।

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Mother’s Day Special: मातृभावना एक ऐसी अनमोल भावना है जो हर माँ के दिल में समाहित है। माँ हमेशा हमारा ख्याल रखती हैं, हमें प्यार और सहायता प्रदान करती हैं। मातृदिवस पर, हमें यह सोचने का मौका मिलता है कि हम भी उनका साथ कैसे दे सकते हैं और उनकी खुशियों का ख्याल कैसे रख सकते हैं।

हमें अपनी माँ के साथ समय बिताना चाहिए, उनके साथ बातें करनी चाहिए और उनकी जरूरतों को समझने का प्रयास करना चाहिए। हमें उनकी सेवा करने का मौका मिलना चाहिए और उनके साथ समय बिताकर उनकी ममता का सम्मान करना चाहिए।

Mother’s Day Special: मातृदिवस एक अद्भुत अवसर है जब हमें अपनी माँ के प्रति आभार और प्यार व्यक्त करने का मौका मिलता है। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि मातृभावना को सिर्फ एक दिन के लिए ही नहीं, बल्कि हमेशा सम्मान और प्रेम के साथ निभाना चाहिए।

Mother’s Day Special: मां-एक ऐसा शब्द जिसमें संसार की सारी ममता और प्यार समाहित होता है। एक मां अपनी संतान के लिए जीवनभर नि:स्वार्थ भाव से काम करती है। मां, जिसने हमें जन्म दिया, पाला-पोसा और हमारे जीवन की हर छोटी-बड़ी खुशी में शामिल रही। एक मां की ममता और प्यार की तुलना इस दुनिया की किसी भी चीज से नहीं की जा सकती। मगर अक्सर, हम इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि वह भी हमारी तरह सपोर्ट और सम्मान की हकदार हैं।

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मां का प्यार और स्नेह हमेशा हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है। उनके बिना हमारा जीवन अधूरा सा महसूस होता है। उनके आशीर्वाद से हमारी जिंदगी को सफलता की राह मिलती है। हर मां हमें सिखाती है कि प्रेम का सच्चा मायना क्या होता है, और हमें इसका मूल्यांकन करना चाहिए।

दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के उप चिकित्सा अधीक्षक व वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. ओम प्रकाश बताते हैं

Mother’s Day Special: घर का माहौल बच्चों की शिक्षा और सद्गुणों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब बच्चे सकारात्मक और सहयोगी वातावरण में पलते हैं, तो उन्हें जिम्मेदारी, सहयोग, और जोड़बंदी की महत्वपूर्ण सीख मिलती है। एक खुशहाल और साथी समुदाय बच्चों को विश्वास, समर्थन, और सहानुभूति की भावना सिखाता है।

Mother’s Day Special: जब बच्चे देखते हैं कि उनके परिवार के सदस्य एक-दूसरे की मदद करते हैं, तो वे भी इसी तरीके से सहयोग और समर्थन को सीखते हैं। इस प्रकार, एक सहयोगी और उत्साही परिवारी माहौल बच्चों को आत्मविश्वास, स्वाधीनता, और सहयोग की भावना विकसित करने में मदद करता है। इससे वे स्वयं ही जिम्मेदारी की भावना समझते हैं और परिवार में सहायता करने के लिए उत्सुक होते हैं। इस तरह, एक संवेदनशील और साथी समुदाय ने बच्चों को जीवन में सफलता की ओर अग्रसर किया है।

थायरॉइड की समस्या  दिल्ली एम्स, साइकेट्रिस्ट डॉ हेमंत चौधरी सीनियर रेजिडेंट्स बताते हैं

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Mother’s Day Special: महिलाओं में 30 साल के बाद थायरॉइड की समस्या अधिक देखी जाती है। थायरॉइड एक प्रकार की ग्रंथि होती है जो हमारे गले में होती है और यह हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म, यानी ऊर्जा के उपयोग और तापमान को नियंत्रित करती है। इसकी समस्या से वजन बढ़ना, थकान, बालों का झड़ना और ठंड लगना जैसे लक्षण हो सकते हैं।

इसलिए, इस उम्र के बाद महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहना चाहिए। बच्चों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए और अपनी मां का ध्यान रखें। इससे वे उनके स्वास्थ्य की देखभाल में सक्षम होंगे और ऐसी समस्याओं को समय रहते ठीक करवाएंगे।

Mother’s Day Special: थायरॉइड समस्या को सही समय पर पहचानना और उपचार करवाना महत्वपूर्ण है ताकि सेहत की समस्याएं बढ़ने से रोका जा सके। इसके लिए नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना जरूरी है।

30 वर्षीय मां को जानें कैसे करें मदद 

Mother’s Day Special: जब मां 30 की उम्र की होती हैं और उनके बच्चे बढ़ रहे होते हैं, तो यह समय उनके लिए बहुत ही सक्रिय और मांग वाला होता है। इस उम्र में मां अपने करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती हैं, और इसीलिए उन्हें बच्चों की ओर से भी कुछ सहायता की आवश्यकता होती है।

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Mother’s Day Special: बच्चे, भले ही छोटे हों, फिर भी वे कुछ न कुछ जिम्मेदारियों को समझ सकते हैं और घर में मदद कर सकते हैं। उनकी मां की सहायता करना उन्हें बड़े और समझदार बनने में मदद करता है। यहां कुछ तरीके हैं जिनसे बच्चे अपनी मां की मदद कर सकते हैं:
1. स्वच्छता की देखभाल में मदद करना।
2. खाना बनाने में या घर की साफ़-सफाई में सहायता देना।
3. बाजार या दूकान से सामान लाने में मदद करना।
4. छोटे भाई-बहन की देखभाल करना।

इस तरह से, बच्चे अपनी मां को सहायता करके उनकी जिम्मेदारियों में मदद कर सकते हैं और उनके बोझ को हल्का कर सकते हैं।

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Mother’s Day Special: घर के कामों में हाथ बंटाना: 

छोटे बच्चे अपने कमरे की सफाई, खिलौने समेटना, या अपने बिस्तर की चादरें ठीक करने जैसे सरल काम कर सकते हैं। यह न केवल मां का बोझ कम करता है, बल्कि बच्चों में जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करता है।

Mother’s Day Special: खाना बनाने में मदद:

बड़े बच्चे, जो रसोई में सुरक्षित रूप से मदद कर सकते हैं, उन्हें सलाद बनाने या टेबल सेट करने जैसे कामों में शामिल किया जा सकता है। इससे उन्हें भोजन की तैयारी की कला सीखने का भी मौका मिलता है।

Mother’s Day Special: छोटे भाई-बहन की देखभाल में मदद:

अगर घर में छोटे भाई-बहन हैं, तो बड़े बच्चे उनकी देखभाल में मां की मदद कर सकते हैं। उन्हें खेलने के लिए समय देना, कहानियां सुनाना, या उन्हें खाना खिलाने जैसे काम बड़े बच्चे कर सकते हैं।

Mother’s Day Special: डॉ. ओम प्रकाश कहना है कि:

डॉ. ओम प्रकाश कहना है कि अक्सर यह देखा जाता है कि महिलाएं अपने परिवार की देखभाल में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि वे खुद का ध्यान रखना भूल जाती हैं। इतना ही नहीं, कई बार परिवार और समाज भी महिलाओं की अपनी जरूरतों पर ध्यान नहीं देते। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि हर किसी की खुद की देखभाल जरूरी होती है। ऐसे स्थिति में बच्चों को अपनी मां का ध्यान रखान चाहिए।

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Mother’s Day Special: 40-50 वर्ष की उम्र:

डॉ. हेमंत चौधरी का कहना है कि महिलाओं की उम्र 40-50 साल के बीच उनके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसे मेनोपॉज कहा जाता है। इस समय महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस समय मां को हमारे प्यार और समर्थन की बहुत जरूरत होती है। उनके स्वास्थ्य की देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है। हर साल उन्हें एक बार पूरा चेकअप करवाना चाहिए। इससे यदि कोई समस्या हो, तो उसे जल्दी से पहचाना जा सकेगा और उसका उपचार भी शुरू हो सकेगा। इससे वे इस उम्र के बदलावों का सामना बेहतर ढंग से कर पाएंगी, और आपकी चिंता भी कम होगी।

Mother’s Day Special: 50-60 वर्ष की उम्र

डॉ. हेमंत चौधरी का कहना है कि मां की उम्र 50-60 साल के बीच होने पर, जब बच्चे घर छोड़ देते हैं, तो मां को अकेलापन का एहसास हो सकता है। इस समय मां को हमारे प्यार और ध्यान की बहुत ज़रूरत होती है। हमें उनके साथ समय बिताना चाहिए और उन्हें भावनात्मक सहारा देना चाहिए। अगर आप अपनी मां से दूर हैं, तो उनसे रोज बात करना न भूलें। भले ही आपके पास समय कम हो, लेकिन दिन में कम से कम आधा घंटा उनसे बातचीत के लिए निकालें। यह आप दोनों के लिए अच्छा होगा और आपकी मां को भी खुशी मिलेगी। इससे आपका रिश्ता मजबूत और प्यारा बनेगा। साथ ही, हमें उन्हें व्यायाम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि वे सक्रिय रहें और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनी रहें। इससे वे खुश और स्वस्थ रह सकेंगी।

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डॉ. ओम प्रकाश कहना है कि जब मां 60 की उम्र पार करती हैं, तो कई बार उनका व्यवहार बच्चों जैसा हो जाता है। वे हर चीज के लिए जिद कर सकती हैं जैसे कि बच्चे करते हैं। इस उम्र में, उनकी भावनात्मक और शारीरिक ज़रूरतें बदल जाती हैं, और वे अधिक सहारे की आशा रखती हैं। इसलिए, यह जरूरी होता है कि बच्चे धैर्य रखें और मां के साथ समझदारी और प्यार से पेश आएं। मां का ख्याल रखना, उन्हें सम्मान देना और उनकी भावनाओं को समझना इस दौरान बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस तरह से उन्हें भी आराम और खुशी महसूस होती है।

Mother’s Day Special: 60 वर्ष से अधिक उम्र

Mother’s Day Special : जब मां 60 साल से अधिक उम्र की होती हैं, तो उनकी शारीरिक ताकत में कमी आ सकती है। इस उम्र में उन्हें रोजमर्रा के कामों में मदद की ज़रूरत होती है, जैसे कि खाना बनाना, सफाई करना और चलने-फिरने में। हमें उनकी मदद करनी चाहिए और उन्हें भावनात्मक सहारा देना चाहिए। उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच करवानी चाहिए और उनके साथ ज्यादा समय बिताना चाहिए ताकि वे खुश रह सकें। यह उन्हें सुरक्षित और संतुष्ट महसूस कराने में मदद करेगा।

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Mother’s Day Special: हर उम्र में मां की जरूरतें बदलती हैं, और हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी इन जरूरतों का समर्थन करें। मदर्स डे ऐसा अवसर है जब हम इन बातों पर विशेष ध्यान दे सकते हैं, लेकिन याद रखें कि मां का ख्याल रखना सिर्फ एक दिन की बात नहीं है। यह तो एक निरंतर प्रक्रिया है जो उनके प्यार और समर्पण का एक छोटा सा प्रतिफल है। इसे सालों भर निभाना चाहिए, जिससे हम उनके लिए कुछ भी कर सकें। मां की सेहत, संतुष्टि, और सुरक्षा की देखभाल करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उनके साथ समय बिताना, उनकी बातों को सुनना, उनकी खुशियों में साझा होना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे हमारे रिश्ते में खुशियां और समृद्धि बनी रहेगी।

Mother’s Day Special: इस बार मदर्स डे पर मां को दें ‘वक्त’ का तोहफा

मदर्स डे पर कुछ खास और अर्थपूर्ण उपहार देने की बात होती है, तो उससे बेहतर क्या हो सकता है जो आपकी मां के साथ बिताया गया समय हो। मातृत्व के इस खास दिन पर, अपनी मां के साथ कुछ समय गुजारने की प्लान बनाएं। आप उन्हें पिकनिक पर ले जा सकते हैं, साथ में टहलने जा सकते हैं, या बस एक-दूसरे की कंपनी का आनंद लेते हुए गपशप कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि इस दिन उन पर किसी भी तरह की काम न हो और वे आराम महसूस करें। इसके अलावा, आप उनके लिए भोजन बनाकर खुशी और प्यार से सर्व कर सकते हैं। उनकी प्रिय चीजों को खरीदकर या उनका मनोरंजन करके भी उन्हें खुश कर सकते हैं। इस प्रकार, आप अपनी मां के साथ मज़ेदार और यादगार पल बिता सकते हैं।

 

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