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Landslides News: वायनाड और हिमाचल में 300 से अधिक मौतें, उत्तराखंड में बादल फटने से 14 की जान गई|

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  1. Landslides News: भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात ; नदियां उफान पर, Landslides से जान-माल का नुकसान |

Landslides News: भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात ; नदियां उफान पर, Landslides से जान-माल का नुकसान |

Landslides News: वायनाड और हिमाचल में 300 से अधिक मौतें, उत्तराखंड में बादल फटने से 14 की जान गई|

Landslides News: भारत इस समय भयंकर प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। केरल के वायनाड और हिमाचल प्रदेश में Landslides और भारी बारिश ने कहर बरपाया है, जिससे 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तराखंड में बादल फटने से 14 लोगों की जान चली गई है। इन आपदाओं ने नदियों और नालों को उफान पर ला दिया है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

Landslides News: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने के बाद हुए Landslides ने भारी तबाही मचाई है, जिससे लोग सहमे हुए हैं। वहीं, दिल्ली में भी भारी बारिश के चलते जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह लगातार बारिश और उससे पैदा हो रही आपदाओं ने लोगों के जीवन को प्रभावित किया है और उनके धैर्य की परीक्षा ले रही हैं। सरकार और राहत एजेंसियां लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता के कारण चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं। इन घटनाओं ने हमें प्रकृति के प्रकोप की गंभीरता को समझाया है और इसके प्रति सजग रहने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

Landslides News: वायनाड में Landslides ने तबाही मचा दी है, जिससे अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने जानकारी दी कि मृतकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 225 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों से हैं।

Landslides News: मंत्री के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार बारिश और खराब मौसम की वजह से राहत कार्य में बाधाएं आ रही हैं, जिससे बचाव दल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार और विभिन्न राहत एजेंसियां तेजी से राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन आपदा की तीव्रता के कारण स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। इस भयानक आपदा ने क्षेत्र के लोगों को भारी संकट में डाल दिया है और पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया है।

भारी बारिश के अलर्ट के बाद केरल में स्कूल-कॉलेज बंद

Landslides News: त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में भारी बारिश के कारण सभी शैक्षणिक संस्थान, जिनमें स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन सेंटर शामिल हैं, शुक्रवार (2 अगस्त) को बंद रहेंगे। इडुकी और एर्नाकुलम में राहत कैंपों में स्थित स्कूलों को भी बंद रखने का निर्णय लिया गया है। पलक्कड़ जिला कलेक्टर ने स्कूलों, आंगनबाड़ियों, ट्यूशन सेंटरों और मदरसों में छुट्टी की घोषणा कर दी है।

Landslides News: मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि केरल में पांच अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर इन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि लगातार बारिश के कारण बाढ़ और Landslides का खतरा बढ़ गया है, इसलिए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। इस समय राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

वायनाड में बढ़ रही मृतकों की संख्या

Landslides News: वायनाड में आए Landslides के बाद आज भी राहत और बचाव कार्य जारी है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है, और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। वायनाड जिला प्रशासन के अनुसार, मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं। 225 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों से हैं।

Landslides News: राहत और बचाव दल लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन भारी बारिश और कठिनाइयों के कारण कार्य में बाधाएं आ रही हैं। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।

छह क्षेत्रों में 40 टीमें लोगों को ढूंढ रहीं

Landslides News: Landslides में लापता लोगों की तलाश का आज चौथा दिन है। छह क्षेत्रों में विभाजित 40 टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं। ये क्षेत्र अट्टामाला-अरनमाला, मुंडकाई, सामलीमट्टम, वेल्लारमाला विलेज रोड, जीवीएचएसएस वेल्लार माला, और चुरालमाला नदी तलहटी हैं। Landslides के केंद्र स्मालीमट्टम में विशेष तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

Landslides News: चलियार नदी के किनारों पर निरीक्षण तेज गति से जारी है। यहां डॉग स्क्वाड और चार ड्रोन की सहायता से तलाशी की जा रही है। प्रशासन और राहत दलों के इन प्रयासों के बावजूद, खराब मौसम और कठिनाइयों के चलते अभियान में चुनौतियां बनी हुई हैं। अधिकारियों ने लोगों से सहयोग की अपील की है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

उपकरणों की कमी से जूझ रहे आपातकालीन कर्मी

Landslides News: केरल के वायनाड में बचाव कार्य के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। Landslides के बाद सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं और पुल नष्ट हो चुके हैं, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधाएं आ रही हैं। इसके अलावा, उपकरणों की कमी के कारण आपातकालीन कर्मियों के लिए कीचड़ और उखड़े हुए विशाल पेड़ों को हटाना मुश्किल हो गया है, जो घरों और अन्य इमारतों पर गिर गए हैं।

Landslides News: इन पेड़ों और मलबे के कारण बचाव कार्य धीमा हो रहा है और स्थिति को संभालना कठिन हो गया है। अधिकारियों ने कहा है कि हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन भौतिक परिस्थितियों और संसाधनों की कमी के चलते काम में देरी हो रही है। स्थानीय प्रशासन और राहत टीमों ने जनता से सहयोग की अपील की है और कहा है कि सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

नौ हजार से ज्यादा लोगों को राहत कैंपों में भेजा गया

Landslides News: केरल के मंत्री राजन के अनुसार, वायनाड में 9,328 लोगों को 91 राहत कैंपों में भेजा गया है। इनमें से Landslides के कारण चूरलमाला और मेप्पाडी में विस्थापित हुए 578 परिवारों के 2,328 लोगों को नौ राहत शिविरों में रखा गया है। भारतीय सेना के मद्रास इंजीनियरिंग कोर ने 190 फुट लंबे बेली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया है, जो मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने में मदद करेगा। इस ब्रिज का निर्माण राहत कार्यों में तेजी लाने और प्रभावित लोगों तक आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। प्रशासन और सेना के समन्वित प्रयासों से राहत और बचाव कार्यों को तेज करने की कोशिश की जा रही है।

बादल फटने के बाद हिमाचल में त्राहिमाम

Landslides News: हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की कई घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि लगभग 50 लोग लापता हैं। भारी बारिश के कारण राज्य में कई जगह मकान, पुल और सड़कें पानी में बह चुके हैं। कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं, और केंद्र सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

Landslides News: श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके कारण रामपुर उपमंडल के समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ गया। भारी बारिश के कारण सड़कों के बह जाने से राहत और बचाव अभियान कठिन हो गया है। Landslides के कारण मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है।

Landslides News: एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस और होम गार्ड के जवान बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। वे प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं। लगातार हो रही बारिश और कठिनाइयों के बावजूद राहत कार्यों को तेजी से पूरा करने की कोशिश की जा रही है। सरकार और बचाव दलों के प्रयासों से स्थिति को नियंत्रित करने और प्रभावित लोगों की मदद करने की कोशिशें जारी हैं।

मलाना-1 जल विद्युत परियोजना को पहुंचा नुकसान

Landslides News: बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ ने मलाना बांध को तोड़ दिया है और मलाना-1 जल विद्युत परियोजना को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। इस आपदा के कारण कुछ लोग भी फंसे होने की सूचना है। बाढ़ और Landslides के चलते मलाना गांव और भुंटर कस्बे को जोड़ने वाली सड़क बह गई है। इसके अलावा, उफनती पार्वती नदी ने कई स्थानों पर विनाश के निशान छोड़े हैं। कसोल के पास शाट गांव में स्थित फल और सब्जी बाजार भी बाढ़ की चपेट में आ गया है और बह गया है।

Landslides News: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार शाम से भारी बारिश हो रही है। पालमपुर में सबसे अधिक 213 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, इसके बाद चौरी में 203 मिलीमीटर और धर्मशाला में 184.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौसम विभाग ने अगले चार से पांच दिनों तक राज्य में भारी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है।

Landslides News: इस स्थिति के चलते राज्य में राहत और बचाव कार्यों को तेजी से संचालित किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं। इस बीच, लगातार बारिश और बाढ़ की स्थिति ने राहत कार्यों में कई चुनौतियाँ पेश की हैं।

उत्तराखंड में भी Landslides-बादल फटने से मचा कोहराम

उत्तराखंड के सोनप्रयाग में आज सुबह भारी Landslides हुआ, जहां पहले से ही हाईवे बह चुका था। इस Landslides के कारण कुछ समय के लिए राहत और बचाव कार्य रोक दिए गए, लेकिन स्थिति अब सामान्य हो गई है और कार्य जारी हैं। बुधवार की रात को केदारनाथ में भी बादल फटा, जिससे स्थानीय लोग दहशत में आ गए क्योंकि उनकी यादों में 2013 की त्रासदी का मंजर ताजा हो गया।

Landslides News: NDRF और SDRF की टीमें हाई अलर्ट पर हैं और वे राहत कार्यों में पूरी तत्परता के साथ लगी हुई हैं। भारी बारिश और Landslides के कारण इन क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए प्रयास तेज किए गए हैं। राहत टीमें प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रही हैं।

मंदाकनी नदी में हाईवे को पहुंचा नुकसान

Landslides News: भारी बारिश के बाद बुधवार रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें केदारनाथ में बादल फटने से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रामबाड़ा रहा। बुधवार शाम से लगातार बारिश और Landslides के कारण 14 लोगों की मौत की खबर आई है। रामबाड़ा में दोनों पुल बह चुके हैं और मंदाकनी नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है, जिसने केदारनाथ हाईवे को कई जगहों पर बर्बाद कर दिया है।

Landslides News: इस आपदा के कारण केदारनाथ यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। सड़कें और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है, लेकिन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और आवश्यक सहायता प्रदान करने में जुटी हैं।

केदारनाथ गए यात्रियों को हुआ रेस्क्यू

Landslides News: गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच 100 मीटर तक का हाइवे नदी के बहाव में बह गया है। भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली में 20-25 मीटर का हिस्सा बह गया और पहाड़ों से बड़े पत्थर रास्ते में आ गए। इस आपदा के दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे 1500 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

Landslides News: अब तक लगभग 425 यात्रियों को लिंचोली और भीमबली से हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थान पर लाया गया है। वहीं, 1100 अन्य यात्रियों को राज्य आपदा प्रबंधन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और अन्य बचाव दलों की सहायता से वैकल्पिक रास्तों से पैदल बाहर लाया गया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, और प्रभावित यात्रियों को सुरक्षित निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं।

उत्तराखंड में भारी बारिश से बढ़ी मुसीबत

Landslides News: मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में देहरादून में 172 मिमी बारिश दर्ज की गई है। हरिद्वार के रोशनाबाद में सबसे अधिक 210 मिमी बारिश रिकार्ड की गई, जबकि रायवाला में 163 मिमी और हल्द्वानी में 140 मिमी बारिश हुई। हरिद्वार और रूड़की में क्रमशः 140 मिमी और 112 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। नरेंद्र नगर में 107 मिमी, धनोल्टी में 98 मिमी, चकराता में 92 मिमी और नैनीताल में 89 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश हो रही है, जिससे बाढ़ और Landslides की स्थिति उत्पन्न हो रही है। प्रशासन और राहत दल इन क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हैं और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।

दिल्ली-मुंबई में भी बारिश का कहर

Landslides News: दिल्ली से लेकर मुंबई तक भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली में बुधवार को मूसलधार बारिश के कारण विभिन्न घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए। गाज़ीपुर के खोड़ा कॉलोनी में एक महिला और उसका बेटा जलभराव वाले नाले में डूब गए। वहीं, द्वारका के बिंदापुर इलाके में बिजली का करंट लगने से 12 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। बारिश के कारण इमारतें गिरने की घटनाओं के चलते सब्जी मंडी क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हुए।

Landslides News: मुंबई में भी भारी बारिश ने स्थिति को दयनीय बना दिया है। जगह-जगह जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे यातायात और आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले दो दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है। बोरिवली और अंधेरी क्षेत्रों में शुक्रवार तड़के भी बारिश हुई, जिससे और अधिक परेशानी बढ़ गई है।

इन भारी बारिश की स्थितियों से निपटने के लिए प्रशासन और बचाव दलों को सतर्क रहकर राहत कार्यों को तेज करने की आवश्यकता है, ताकि प्रभावित लोगों को समय पर सहायता प्रदान की जा सके।

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