Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2024 , तारीख, पूजा मुहूर्त, और महत्व |

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2024 , तारीख, पूजा मुहूर्त, और महत्व |

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: आषाढ़ मास में बप्पा को खुश करने का सबसे विशेष दिन, जून में संकष्टी चतुर्थी कब है?

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024
Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2024 , तारीख, पूजा मुहूर्त, और महत्व |

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024:आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणपति बप्पा अपने आशीर्वाद से भक्तों के संकटों को दूर कर देते हैं। संकष्टी चतुर्थी व्रत संकटों से मुक्ति के लिए रखा जाता है।

इस व्रत में भक्तों को विशेष ध्यान देना चाहिए। विशेष महत्व है कि यह व्रत विशेष अवसर पर जून में भी किया जा सकता है। यह व्रत अपने आसपास के सभी अधिकारियों के समर्थन और सहयोग से सफल होता है। भक्त इसे समर्थन करने और उसके महत्व को बढ़ावा देने में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित होते हैं।

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत रात में चंद्रमा की पूजा के बिना अधूरा रहता है। इसके बिना आपका व्रत सफल नहीं होगा। गणेश जी ने चंद्रमा को वरदान दिया था।कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2024 की तारीख 19 जून है। इस व्रत में उपास्य देवता गणेश जी हैं। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:56 से दिनांक 20 जून को सुबह 08:28 तक रहेगा। इस दिन भक्त गणेश जी की आराधना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।

संकष्टी चतुर्थी का व्रत संकटों को दूर करने के लिए अत्यधिक प्रभावकारी होता है। भक्त इस दिन विशेष उपवास और पूजा करते हैं और गणेश जी से आशीर्वाद मांगते हैं।

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कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2024 डेट (Krishnapingal Chaturthi 2024 Date)

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2024 की तारीख 25 जून है। यह दिन भगवान गणेश के गजानन एकदन्त रूप की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन गणपति भगवान का पूजन करने से व्यक्ति जीवन की प्रत्येक दिशा में सफलता अर्जित करता है।

इस व्रत में भक्तों को नियमित रूप से गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:37 से शाम 08:28 तक रहेगा। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि गणेश जी की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

संकष्टी चतुर्थी के दिन विशेष रूप से गजानन एकदन्त रूप का पूजन करना चाहिए ताकि भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद से हमारा जीवन समृद्धि और सफलता से भरा रहे।

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कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2024 मुहूर्त (Krishnapingal Chaturthi 2024 Time)

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 25 जून 2024 को प्रातः 01 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और उसी दिन रात 11 बजकर 10 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का समय सुबह 05:23 से 07:08 तक है और शाम का मुहूर्त 05:36 से रात 08:36 तक है। संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय रात 11:27 है।

गणेश जी की पूजा करते समय ध्यान देने योग्य बातें:
1. शुद्धि: व्रत की शुरुआत में नित्यानुसंधान, स्नान, दान-पुण्य, शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए।
2. साधन: मूर्ति के समक्ष आवाहन करके, गणपति मंत्रों का जप करना चाहिए।
3. पूजन: धूप, दीप, फल, पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए।
4. अर्चन: गणेश जी को लालची नहीं बनाना चाहिए, सरलता और श्रद्धा से उनकी आराधना करनी चाहिए।

इस पूजा के द्वारा भक्त गणेश जी से सफलता, सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।

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कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी महत्व (Krishnapingal Chaturthi Significance)

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: आधारित मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास में भगवान गणेश की पूजा-उपासना करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है, और समस्त कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए विशेष महत्व रखा जाता है क्योंकि वे बुद्धि, विवेक, और सम्मान के देवता माने जाते हैं।

इस मास में गणेश जी की पूजा-उपासना का विशेष महत्व है क्योंकि वह देवता हैं जो हर संकट को हल करते हैं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति में सहायक होते हैं। उनकी कृपा से ही किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त होती है और समस्त बाधाएं दूर होती हैं। इसलिए, आषाढ़ मास में भगवान गणेश की पूजा करने से घर में खुशहाली और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: गणेश जी के आशीर्वाद से आय, सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।गणेश जी विद्या, बुद्धि, और धैर्य के प्रतीक हैं। उनका आराधना करने से व्यक्ति को अनुभव होता है कि उनके जीवन में सफलता की बड़ी वृद्धि हो रही है। गणेश जी को प्रसन्न करने से समस्त कार्यों में सिद्धि होती है और जीवन में सुख-शांति का आभास होता है।

उनके आशीर्वाद से हर मनोकामना पूरी होती है और सभी आयुर्वेदिक और ज्योतिषीय बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसलिए, गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य का जीवन सफलता और सुख-शांति से पूर्ण होता है।

 

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