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India Budget: सरकार एक रुपया कैसे जुटाती है और कहां करती है खर्च;जानिए विस्तार से |

India Budget: केंद्र सरकार कैसे जुटाती है एक रुपया और कहां खर्च करती है; जानिए ब्याज भुगतान और उधार के बारे में |

India Budget: सरकार एक रुपया कैसे जुटाती है और कहां करती है खर्च

India Budget: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला Budget पेश हो गया है। क्या आप जानते हैं कि सरकार जो Budget में आधारभूत ढांचे की मजबूती से लेकर कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसा आवंटित करती है, वह आखिरकार कहां से आता है? यह जानकर आप हैरान हो सकते हैं कि सरकार जो एक रुपया जुटाती है, उसमें सबसे अधिक पैसा उधार के जरिए आता है, जो सरकार बाजार से जुटाती है।

India Budget: उधार के बाद दूसरे स्थान पर इनकम टैक्स आता है, जो कॉरपोरेट टैक्स से भी ज्यादा है। इसका मतलब है कि आम जनता और व्यक्तिगत करदाता देश की वित्तीय व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। Budget में इस धनराशि का उपयोग विभिन्न विकासात्मक और कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाता है, जिनमें बुनियादी ढांचे की परियोजनाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक सुरक्षा शामिल हैं।

इस प्रकार, सरकार का राजस्व विभिन्न स्रोतों से आता है और इसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किया जाता है ताकि देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत किया जा सके। यह प्रक्रिया न केवल सरकार की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि देश की समग्र प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कहां से सरकार जुटाएगी पैसे!

India Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए Budget पेश किया है। इस वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार जो पैसे खर्च करेगी, वह आखिरकार कहां से आएगा? मौजूदा वर्ष में सरकार एक रुपये खर्च करने के लिए उस एक रुपये में से 27 पैसे उधार लेकर जुटाएगी।

India Budget: 19 पैसे इनकम टैक्स कलेक्शन के जरिए आएंगे। 18 पैसे सरकार जीएसटी और अन्य टैक्सों के जरिए जुटाएगी। 17 पैसे कॉरपोरेशन टैक्स के माध्यम से आएंगे। 9 पैसे नॉन-टैक्स रिसीट से प्राप्त होंगे। इसके अलावा, 5 पैसे सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से, 4 पैसे कस्टम ड्यूटी से, और 1 पैसा नॉन-डेट कैपिटल रिसीट के जरिए जुटाया जाएगा।

इस प्रकार, सरकार के खर्चे का बड़ा हिस्सा उधार से आता है, जबकि बाकी हिस्सा विभिन्न प्रकार के टैक्स और गैर-टैक्स स्रोतों से आता है। इन सभी स्रोतों का योगदान मिलकर सरकार को उसके विकासात्मक और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में सहायता करता है, जिससे देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति सुनिश्चित हो सके।

कहां सरकार करेगी खर्च 

India Budget: नागरिकों के मन में यह सवाल उठता रहता है कि सरकार टैक्स और दूसरे माध्यमों से जो पैसे जुटाती है, उसे कहां खर्च करती है। आपको बता दें कि सरकार को जो एक रुपया प्राप्त होता है, उसमें से 21 पैसे राज्यों को उनके टैक्सों और ड्यूटी में हिस्सेदारी के तौर पर देती है।

इसके बाद, सरकार सबसे ज्यादा खर्च लिए गए उधार पर ब्याज के भुगतान पर करती है। इस वर्ष, सरकार एक रुपये में 19 पैसे ब्याज के भुगतान पर खर्च करेगी। 16 पैसे सरकार सेंट्रल सेक्टर स्कीम यानी अपनी योजनाओं पर खर्च करती है, जिसमें डिफेंस और सब्सिडी खर्च शामिल नहीं हैं।

India Budget: 8 पैसे सरकार रक्षा पर खर्च करती है, जबकि 8 पैसे सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम्स पर खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा, 9 पैसे वित्त आयोग और अन्य ट्रांसफर्स पर, 6 पैसे सब्सिडी पर, 4 पैसे पेंशन पर, और 9 पैसे अन्य प्रकार के खर्चों पर व्यय किए जाते हैं।

इस प्रकार, सरकार के जुटाए गए राजस्व का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जिससे न केवल राज्यों और केंद्र की योजनाओं को सहायता मिलती है, बल्कि देश की समग्र आर्थिक और सामाजिक प्रगति को भी बल मिलता है।

 

14.01 लाख करोड़ रुपये सरकार लेगी उधार 

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार को अपने राजस्व का बड़ा भाग कर्ज के ब्याज के भुगतान में खर्च करना पड़ता है। मौजूदा वर्ष में सरकार कुल 48.21 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है, जिसमें से 25.83 लाख करोड़ रुपये टैक्स के जरिए जुटाए जाएंगे। 14.01 लाख करोड़ रुपये सरकार उधार लेगी, जिससे खर्च और आय राजस्व के बीच की खाई को पाटा जा सके।

इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में उधारी लेनी पड़ती है। सरकार द्वारा जुटाए गए राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कर्ज के ब्याज के भुगतान में चला जाता है, जिससे अन्य विकासात्मक और कल्याणकारी योजनाओं के लिए सीमित संसाधन उपलब्ध होते हैं।

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