Fake Aadhaar Card : राजस्थान में फर्जी आधार कार्ड प्रकरण;सीएम भजनलाल सरकार की कड़ी कार्रवाई, दोषियों के खिलाफ अभियान |
Fake Aadhaar Card : क्या राजस्थान में फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं? प्रदेश में ऐसे ई-मित्र और आधार केंद्रों पर सरकार सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है जो फर्जी आधार कार्ड बनाने में शामिल हैं। इस बात की घोषणा खुद मंत्री जोगाराम पटेल ने की है।
जोगाराम पटेल ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश भर में सघन अभियान चलाकर फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने वाले केंद्रों और ई-मित्र संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Fake Aadhaar Card : इसके लिए प्रदेश में संचालित सभी ई-मित्रों और आधार केंद्रों की जांच की जाएगी। सरकार का यह कदम नागरिकों के हितों की रक्षा और भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। जांच प्रक्रिया के तहत, सभी संदिग्ध केंद्रों की गहन समीक्षा होगी ताकि दोषियों को सजा दी जा सके और भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों को रोका जा सके। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
Fake Aadhaar Card : मंत्री ने घोषणा की कि आधार मशीनों की वार्षिक रिपोर्ट मंगाकर उनका परीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही, ई-मित्र संचालकों को निर्देशित किया जाएगा कि वे निःशुल्क सेवाओं और शुल्क सेवाओं की सूची केंद्र के बाहर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि आमजन से सेवाओं का अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला जा सके। सरकार का उद्देश्य है कि सभी सेवाएं पारदर्शिता के साथ उपलब्ध हों और किसी भी प्रकार की अनियमितता या धोखाधड़ी को रोका जा सके। इस प्रक्रिया से नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा और सेवा प्रदाताओं पर निगरानी रखी जाएगी ताकि सभी नियमों का पालन हो सके।
दिल्ली से जांच करवाई गई
Fake Aadhaar Card : जोगाराम पटेल ने कहा कि पाकिस्तान के सीमावर्ती जिलों में संचालित अधिकृत आधार केंद्रों द्वारा फर्जी आधार कार्ड का निर्माण एक अत्यंत गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा है। इस प्रकार की गतिविधियां न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि देश की सुरक्षा को भी खतरे में डालती हैं। राज्य सरकार ने ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की दिशा में लगातार प्रयास किए हैं।
Fake Aadhaar Card : पटेल ने बताया कि 21 जून, 2024 को फर्जी दस्तावेजों और बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग कर फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने की सूचना मिलने के बाद, यूआईडीएआई से इस संबंध में जांच करवाई गई है। इस जांच के माध्यम से फर्जी कार्ड बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके। सरकार की यह कोशिश है कि सभी नागरिकों को सुरक्षित और वैध सेवाएं मिल सकें और किसी भी प्रकार की अनियमितता पर नियंत्रण रखा जा सके।
इनपर हुई है कार्रवाई
Fake Aadhaar Card : सांचौर जिले में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले ई-मित्र संचालकों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में से एक प्रकरण में जांच के दौरान पाया गया कि आधार कार्ड का नामांकन रजिस्ट्रार, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के अधीन कार्यरत ऑपरेटर कन्हैयालाल की आईडी से किया गया था।
इस मामले में शामिल ई-मित्र और आधार संचालकों के खिलाफ 21 जून 2024 को पुलिस थाना सरवाना, जिला सांचौर में प्राथमिकी संख्या 63 दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए, पटेल ने कहा कि सीबीआई जांच की अनुशंसा की गई है।
यह घटना सरकारी प्रक्रियाओं में हो रहे दुरुपयोग और धोखाधड़ी की ओर संकेत करती है। प्रशासन का उद्देश्य है कि इस प्रकार की गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हो सकें।
इस मामले की सीबीआई जांच से उम्मीद है कि सभी दोषियों को सजा मिलेगी और सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी। अधिकारियों ने जनता से भी अपील की है कि वे अपने दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।
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